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डाॅक्टरों के लिए आई ये बड़ी खबर, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के कड़े विरोध के बाद अब प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की तैयारी पर रोक लगने की संभावना है। पीएमएस संघ के अध्यक्ष डाॅ. सचिन वैश्य ने बताया कि प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के साथ पीएमएस प्रतिनिधियों की बैठक के बाद सहमति बनी है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के कड़े विरोध के बाद अब प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की तैयारी पर रोक लगने की संभावना है।पीएमएस संघ के अध्यक्ष डाॅ. सचिन वैश्य ने बताया कि प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के साथ पीएमएस प्रतिनिधियों की बैठक के बाद सहमति बनी है कि अब सरकारी चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति 62 वर्ष की आयु में ही होगी और उन्हे सभी पेंशन सुविधा दी जायेगी।
इसके साथ ही अगर कोई चिकित्सक सेवानिवृत्ति के बाद भी स्वेच्छा से सरकारी सेवा करना चाहता है तो वह कर सकता है लेकिन वह 65 साल की आयु से पहले इसे छोड़ नहीं सकता है।
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मौजूदा समय में प्रदेश में सरकारी चिकित्सकों के करीब छह हजार पद रिक्त है और कई चिकित्सक सेवानिवृत्त होते जा रहे है। प्रदेश सरकार राज्य में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए चिकित्सकों की सेवानिवृत्त आयु बढ़ाने की तैयारी की थी।
इससे पहले प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से 62 वर्ष करने का निर्णय किया था, जिसके चलते दो साल से सेवानिवृत्त का सिलसिला रूका हुआ था और 31 मई 2017 से चिकित्सक सेवानिवृत्त नहीं हो रहे थे। बीते मई माह से एक बार फिर विभाग में सेवानिवृत्ति होनी शुरू हुई है। मई माह में 20 चिकित्सक और जून माह में 39 चिकित्सक सेवानिवृत्त हुए हैं।
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इस समय प्रदेश में करीब 13 हजार सरकारी चिकित्सक हैं। जिसमे से करीब ढाई हजार चिकित्सक प्रशासनिक पदो पर तैनात हैं। प्रदेश सरकार ने आयुष के माध्यम से करीब डेढ़ हजार पदों पर तैनाती की थी लेकिन उससे भी समस्या का हल नहीं निकल पाया था।
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इधर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने बिना विकल्प के रिटायरमेंट की प्रक्रिया अपनाने पर कड़ा विरोध किया था। पीएमएस ने तो कई जिलों के हजारों चिकित्सकों के त्यागपत्र भी मंगा लिए थे और तय किया था कि अगर प्रदेश सरकार बिना विकल्प के रिटायरमेंट आयु बढ़ाती है तो सरकारी चिकित्सक स्वैच्छिक त्यागपत्र दे देंगे।