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UP News: यूपी विधानसभा में कांग्रेस और बसपा को लगा झटका, दोनों दलों से छिन गया बड़ा दफ्तर, संख्या बल के आधार पर सपा को मिला बड़ा ऑफिस

UP News: उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस को करारा झटका लगा है। विधानसभा नियमावली का हवाला देते हुए इन दोनों दलों से बड़े दफ्तर छीन लिए गए हैं। अब दोनों दलों को छोटे कमरे में अलॉट किए गए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 26 Nov 2023 5:00 PM IST (Updated on: 26 Nov 2023 5:32 PM IST)
Big office was taken back from both Congress and BSP parties in UP Assembly. SP got big office on the basis of numbers
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यूपी विधानसभा में कांग्रेस और बसपा दोनों दलों से बड़ा दफ्तर वापस लिया गया संख्या बल के आधार पर सपा को मिला बड़ा ऑफिस: Photo- Social Media

UP News: उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस को करारा झटका लगा है। विधानसभा नियमावली का हवाला देते हुए इन दोनों दलों से बड़े दफ्तर छीन लिए गए हैं। अब दोनों दलों को छोटे कमरे में अलॉट किए गए हैं। विधानमंडल में इन कमरों का इस्तेमाल दलों की ओर से दफ्तर के रूप में किया जाता है। इन कमरों में संबंधित दल के एमएलए और एमएलसी बैठक करते हैं। संख्या बल के आधार पर समाजवादी पार्टी को अब बड़ा ऑफिस मिल गया है।

दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा और कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद इन दोनों दलों से बड़े दफ्तर छीनने का कदम उठाया गया है। विधानसभा सत्र की शुरुआत 29 नवंबर से होने वाली है और इसके पहले उठाए गए इस कदम को इन दोनों दलों के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

2022 के चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन

दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा और कांग्रेस दोनों दलों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। दोनों दलों की कभी उत्तर प्रदेश में अपने दम पर सरकार हुआ करती थी मगर 2022 के चुनाव में बसपा को सिर्फ एक सीट हासिल हुई थी जबकि कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। दोनों दलों के इतने खराब प्रदर्शन की उम्मीद किसी को नहीं थी। इस खराब प्रदर्शन के बावजूद दोनों दलों के पास अभी तक विधानसभा में बड़े दफ्तर थे।

नियमावली के तहत हुई कार्रवाई

यूपी विधानसभा सदस्य नियमावली के मुताबिक ऐसे दल जिनकी सदस्य संख्या 25 या उससे अधिक है,उन्हें सचिवालय की ओर से कक्ष, चपरासी, टेलीफोन आदि कुछ शर्तों के साथ दिए जा सकते हैं जो विधानसभा के अध्यक्ष निर्धारित करें। नियमावली के मुताबिक 25 से कम सदस्यों वाले दल को कक्ष का अधिकारी ही नहीं है।

इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के पास यह अधिकार सुरक्षित है कि वे जैसा चाहें, वैसा निर्धारित कर सकते हैं। इस नियमावली के तहत ही बसपा और कांग्रेस के बड़े दफ्तर वापस ले लिए गए हैं। अब दोनों पार्टियों को छोटे कमरे अलॉट किए गए हैं।

Photo- Social Media

दोनों दलों को लगा बड़ा झटका

कांग्रेस पार्टी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब देश के सबसे बड़े राज्य के विधानमंडल में पार्टी का बड़ा दफ्तर छीन लिया गया है। विधानमंडल में बसपा और कांग्रेस को लंबे समय से बड़ा दफ्तर मिला हुआ था मगर अब दोनों पार्टियों के हाथ से यह दफ्तर निकल गया है। संख्या बल के आधार पर समाजवादी पार्टी को अब बड़ा दफ्तर मिल गया है।

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने बसपा और कांग्रेस से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया था। संख्या बल के मामले में राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल भी कांग्रेस के बराबर पहुंच गई है। सुभासपा और आरएलडी को भी अब कैबिनेट अलॉट किए गए हैं।

बड़ा दफ्तर छीने जाने पर जताई नाराजगी

बड़ा दफ्तर छिन जाने पर बसपा और कांग्रेस ने नाराजगी जताई है। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। 2022 में उमाशंकर सिंह बसपा के टिकट पर अकेले कामयाब हुए थे जबकि कांग्रेस के टिकट पर आराधना मिश्रा मोना और वीरेंद्र चौधरी को कामयाबी मिली थी।



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Shashi kant gautam

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