TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: प्रधानमंत्री आवास में बड़ा घपला, एक को दो-दो आवास, दूसरे के खातों में भेजी रकम
Sonbhadra News: हाईकोर्ट से आए आदेश के बाद डीएम की तरफ से कराई जा रही रही जांच में मिटिहिनिया ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में बड़ा घपला सामने आया है।
Sonbhadra News: हाईकोर्ट (High Court) से आए आदेश के बाद डीएम की तरफ से कराई जा रही रही जांच में कोन ब्लाक के कोन और मिटिहिनिया ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में बड़ा घपला सामने आया है। अब तक की जांच में जहां एक-एक व्यक्ति को दो-दो प्रधानमंत्री आवास (Pradhan Mantri Awas Yojana) दिए जाने की बात सामने आई है। वहीं लाभार्थियों के लिए आई धनराशि को दूसरे के खातों में स्थानांतरण कराए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया है।
शौचालय निर्माण में भी बड़ी अनियतितता की बात बताई जा रही है। इसको लेकर जांच टीम की अगुवाई कर रहे परियोजना निदेशक रामशिरोमणि पाल और कोन ब्लाक के बीडीओ मोहम्मद ताकिर की तरफ से संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को दो बार पत्र जारी कर जवाब मांगा जा चुका है लेकिन अब तक न तो बीडीओ के यहां, न ही जांच टीम के सामने, गड़बडियों के बाबत कोई जवाब पहुंच सका है। अब मामले में आखिरी नोटिस भेजे जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उसकी समयावधि व्यतीत होने के बाद, आवश्यक कार्रवाई करते हुए, रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत कर दी जाएगी।
यह है पूरा घटनाक्रम
कोन क्षेत्र के एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की कि कोन और मिटिहिनिया ग्राम पंचायत (Mitihiniya Gram Panchayat) में प्रधानमंत्री आवास और शौचालय निर्माण (toilet construction) में तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और बैंककर्मियों की मिलीभगत से बड़ा घपला किया गया है। इसको लेकर अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस पर हाईकोर्ट ने डीएम को मामले की जांच कर निस्तारण के आदेश दिए। उसके क्रम में डीएम ने परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण रामशिरोमणि पाल की अगुवाई तथा बीडीओ कोन और एडीपीआरओ तकनीकी की मौजूदगी वाली तीन सदस्यीय टीम गठित की।
गड़बड़ियों के बाबत पीडी-बीडीओ को अब तक नहीं मिला कोई जवाब
डीएम के निर्देश पर मई माह के आखिरी सप्ताह में टीम कोन और मिटिहिनिया ग्राम पंचायत पहुंची। उस समय टीम के लोगों का कहना था कि कोई बड़ा घपला सामने नहीं आया है लेकिन जब टीम ने जांच के दौरान सामने आए तथ्यों और उससे जुड़े कागजातों की जांच-पड़ताल की तो सामने आए घपले के तरीके को देख, टीम सदस्यों की आंखें हैरत से फटी रह गईं।
परियोजना निदेशक ने इस मसले पर बीडीओ से बात की तो उनके द्वारा बताया गया कि उन्होंने शिकायती पत्र के परिप्रेक्ष्य में एक माह पूर्व ही, ग्राम पंचायत सचिव को आख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया हुआ है लेकिन उस पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। इस पर पीडी की तरफ से गत तीस मई को संबंधित ग्राम पंचायत सचिव वीरेंद्र प्रताप सिंह को पत्र जारी कर, मिली गड़बड़ियों के बाबत तीन दिन के भीतर साक्ष्य सहित, पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया लेकिन 16 जून तक कोई जवाब पीडी के पास भी नहीं पहुंच पाया।
जांच में मिल चुकी हैं ढेरों गड़बड़ियां, आरोपी पक्ष के जवाब का हो रहा इंतजार
ग्राम पंचायत सचिव को भेजे पत्र में पीडी ने उल्लिखित किया है कि जांच के समय सचिव भी उपस्थित थे। कोन में प्रथमदृष्ट्या तथ्य प्रकाश में आया कि प्रधानमंत्री आवास के एक ही लाभार्थी को दो-दो आवास दिया गया है। जिनके पास पक्का मकान है। अपात्र हैं, उन्हें भी आवास दे दिया है। पूरी धनराशि आहरित होने के बाद, आवास भी नहीं बनवाया गया है।
शिकायती प्रार्थनापत्र में एक लाभार्थी को छोड़कर अन्य सभी लाभार्थी प्रथमदृष्ट्या अपात्र मिले हैं। संज्ञान में होने के बावजूद न कोई धनराशि वापस कराई गई न ही कोई कार्रवाई की गई। शौचालय निर्माण में भी अनियमितता की पुष्टि हो रही है। ग्राम पंचायत मिश्री में भी मनमाने ढंग से दो पात्र लाभार्थी का पैसा दूसरे लाभाथी के खाते में अंतरित कराया गया है।
पक्ष के लिए दिया जाएगा एक और मौका, इसके बाद दे दी जाएगी रिपोर्ट
सेलफोन पर पीडी रामशिरोमणि पाल ने बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को अपना पक्ष रखने के लिए अब तक दो पत्र जारी किया जा चुका है। एक पत्र और जारी किया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट फाइनल कर डीएम के यहां प्रस्तुत कर दी जाएगी।