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Bihar: सालों से ट्रांसफर के इंतजार में नियोजित शिक्षक, ससुराल-नैहर तक नहीं जा पातीं, कांग्रेस बोली

कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से स्टैंड क्लियर करने को कहा। साथ ही, वादे को पूरा करने की भी याद दिलाई।

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Newstrack Network
Published on: 25 Oct 2022 1:33 PM GMT (Updated on: 25 Oct 2022 1:34 PM GMT)
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Bihar News : बिहार में महागठबंधन सरकार के बनने के बाद से ही नियोजित शिक्षकों को ये उम्मीद थी, कि अब उनकी मांगें सरकार सुनेगी। समय पर उनका ट्रांसफर-पोस्टिंग किया जाएगा। मगर, उनकी एक भी मांग पूरी नहीं हुई। सरकार की ओर से बार-बार सॉफ्टवेयर बनाने की बात कह दी जाती है। लम्बे समय से नियोजित शिक्षकों की एक अन्य मांग पूर्व शिक्षकों जितना वेतनमान दिया जाना भी रहा है। लेकिन, उस दिशा में भी सरकार के कदम सुस्त हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक प्रताड़ित महिला शिक्षकों को होना पड़ रहा है। बिहार में करीब 10,000 शिक्षिकाएं अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रही हैं। नियोजित शिक्षकों की मांगों के मद्देनजर अब महागठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी इस बाबत सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस पार्टी शिक्षकों के समर्थन में मांग उठा रही है।

कांग्रेस- सरकार अपना रुख स्पष्ट करे

कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी (Asit Nath Tiwari) ने मंगलवार (25 अक्टूबर 2022) को कहा, कि 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों के हित में पहले ही घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि, महिला शिक्षिकाओं का ट्रांसफर होगा। मगर, दिवाली बीत गए। अब छठ बीतने को है। इस पर सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद महिला नियोजित शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं हो रहा है।'

'महिलाओं को हो रही कई दिक्कतें'

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ट्रांसफर नहीं होने के कारण कोई महिला ससुराल से दूर है, तो कोई अपने मायके से दूर छठ महापर्व मनाने को विवश है। अगर, नियोजित शिक्षक इसकी मांग करते हैं तो सरकार उन्हें सॉफ्टवेयर बन रहा है, कहकर टरका देती है।' कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, 'सरकार को महिला शिक्षिकाओं की संवेदना समझनी चाहिए। नीतीश सरकार तो हमेशा महिलाओं के हित की बात करती है। बावजूद इस मामले में देरी हो रही है तो इस पर संज्ञान लेना चाहिए।'

सराकर नहीं समझ रही परेशानी

वहीं, बिहार नियोजित शिक्षक संघ का कहना है कि तबादले के लिए नियोजित शिक्षक 9 साल से लेकर 17 साल से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन पहले तो नियोजन इकाई से ट्रांसफर का नियम नहीं था। साल 2020 में हड़ताल के बाद यह सुविधा दी गई। लेकिन, अब तक राज्य सरकार ने ट्रांसफर को लेकर सॉफ्टवेयर तैयार नहीं किया। नियोजित शिक्षकों का कहना है कि सरकार उनकी परेशानी नहीं समझ रही है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से अपील है कि कम से कम वह हमारा दर्द समझें और इस मामले को फौरन संज्ञान में लें।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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