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Bihar News: धान की उपज काफी कम, देश विदेश में नहीं मिलेगा कतरनी चूड़ा
Bihar News: किसानों का कहना है कि इस बार धान की पैदावार अच्छी नहीं हुई है। इस बार समय पर बारिश नहीं हुई। इसके कारण समय पर धान की भी रोपाई नहीं हो पाई।
Bihar News: भागलपुर में कतरनी धान की अनुमान के मुताबिक उपज नहीं हुई है। आलम यह है कि पूरी तरह से अब तक चूड़ा भी तैयार नहीं हो पाया है। हर वर्ष नवंबर तक सभी मिलों में चूड़ा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी। अभी तक कतरनी धान खेतों में ही हरे भरे हैं। भागलपुर का कतरनी देशों में ही नहीं, विदेशों में भी मशहूर है।
किसानों का कहना है कि इस बार धान की पैदावार अच्छी नहीं हुई है। इस बार समय पर बारिश नहीं हुई। इसके कारण समय पर धान की भी रोपाई नहीं हो पाई। सिंचाई के साधन नहीं रहने के कारण समय पर सिंचाई भी नहीं हो पाई। किसानों ने बताया कि इस बार बारिश अच्छी नहीं हुई। हर बार नवंबर में फसल कटना शुरू हो जाता था। इस बार खेतों में ही फसल लगे हुए हैं। धान में अभी शीशा ही निकलना प्रारंभ हुआ है। इसलिए फसल इस बार लेट से तैयार होगी। इसलिए इस बार VVIP इस चूड़ा से वंचित रह जाएंगे।
हर वर्ष चूड़ा महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई VVIP को भेजा जाता है। कतरनी चूड़ा के लोकप्रियता को देखते हुए भारत सरकार ने 2017 में इसे भौगोलिक सूचकांक (GI टैग) प्रदान किया था। इसके बाद चूड़ा को विदेश भी भेजा जाता है। लेकिन पैदावार कम होने से इस बार विदेश भेजना मुश्किल होगा।
भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने बताया कि बारिश नहीं हो पाने के कारण धान की खेती पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि कतरनी चावल और कतरनी चूड़ा की डिमांड रहती है। बेहतर मार्केटिंग, पैकेजिंग और एक्सपोर्ट पर काम कर रहे हैं। कोशिश पूरी रहेगी कि करतनी चूड़ा को विदेशों सप्लाई किया जाए। वहीं किसानों ने बताया कि 2020-21 में 1400 एकड़ में धान की खेती की गई थी। इस बार महज 500 एकड़ में की गई है। उम्मीद है कि कतरनी चावल और चूड़ा के कीमतों में पिछले वर्ष के मुताबिक इस वर्ष वृद्धि हो सकती है।