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Lucknow News: बिजली-कर्मियों का निजीकरण विरोधी आंदोलन: 8 अप्रैल को लखनऊ में अहम बैठक, प्रदेश में 9 अप्रैल को लखनऊ चलो रैली
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ प्रदेश के बिजलीकर्मियों का आन्दोलन अब राष्ट्रीय स्वरूप ले रहा है। इस आन्दोलन के समर्थन में 8 अप्रैल को लखनऊ में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स की एक अहम बैठक आयोजित की जाएगी।
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow Today News: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ प्रदेश के बिजलीकर्मियों का आन्दोलन अब राष्ट्रीय स्वरूप ले रहा है। इस आन्दोलन के समर्थन में 8 अप्रैल को लखनऊ में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स की एक अहम बैठक आयोजित की जाएगी। गौरतलब है कि इस बैठक में उत्तर भारत के विभिन्न प्रान्तों के बिजली कर्मचारी और अभियंता संघों के शीर्ष पदाधिकारी भी हिस्सा लेंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश में चल रहे निजीकरण विरोधी आन्दोलन की समीक्षा की जाएगी और आगे की संघर्ष रणनीति तय की जाएगी।
नॉर्थ इंडिया के संघों का सक्रिय समर्थन, 9 अप्रैल को लखनऊ चलो रैली की तैयारी
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के साथ ही उत्तरी भारत के दस प्रान्तों-जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, लद्दाख, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश-के बिजली कर्मचारी और अभियंता संघों के प्रमुख पदाधिकारी भी लखनऊ में मिलेंगे। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के बिजली आन्दोलन को सक्रिय समर्थन देने के लिए आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पूरे प्रदेश में 9 अप्रैल को लखनऊ चलो रैली के आयोजन की तैयारी चल रही है। इसके तहत, विभिन्न जनपदों और परियोजनाओं में बिजली कर्मचारियों से संपर्क किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इस रैली में शामिल हो सकें।
सरकारी कर्मचारियों से भी रैली में शामिल होने की अपील
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने केवल बिजली कर्मियों से ही नहीं, बल्कि अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों और श्रम संघों से भी अपील की है कि वे सभी इस निजीकरण के विरोध में होने वाली इस रैली में सम्मिलित हों और इस आन्दोलन को मजबूत बनाएं। इस बैठक में उत्तर भारत के विभिन्न प्रान्तों के बिजली कर्मचारी और अभियंता संघों के शीर्ष पदाधिकारी भी हिस्सा लेने वाले हैं।