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जिला अस्पताल में धूल खा रहे हैं वेंटिलेटर, चलाने वाला कोई नहीं

जिला अस्पताल में पिछले साल 24 वेंटिलेटर खरीदे गये थे। और 10 वेंटिलेटर कोविड वार्ड में रखे है।

‪Rohit Tripathi‬
Published on: 27 April 2021 9:12 AM GMT
जिला अस्पताल में धूल खा रहे हैं वेंटिलेटर, चलाने वाला कोई नहीं
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जिला अस्पताल में धूल खा रहे वेंटिलेटर (फोटो- न्यूजट्रैक)

बिजनौर: उत्तर प्रदेश में लगातार जहां कोविड-19 मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है। तो वहीं इन कोविड-19 मरीजो को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बड़े-बड़े दावे करते नजर आ रहे हैं। लेकिन इन दावों के बीच में भी मरीजों को पूरी तरीके से सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पतालों में जहां लगातार ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी देखी जा रही है। तो वहीं बिजनौर जनपद में पिछले साल आए वेंटीलेटर अब सफेद हाथी बन कर रह गए हैं ।

इन वेंटीलेटर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा भले ही कोविड-19 मरीजो के इलाज के लिए खरीदा गया था। लेकिन यह वेंटीलेटर जिला अस्पताल में सिर्फ धूल फांकने के लिए रखे हुए हैं। भले ही प्रदेश सरकार कोविड को लेकर लाख दावे करें लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लगातार लापरवाही सामने आ रही है। जिससे कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग व प्रदेश सरकार कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए कितनी जागरूक है।

वेंटिलेटर का बुरा हाल

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ज़िला संयुक्त चिकित्सालय बिजनौर का जिला अस्पताल है। जहाँ पर पिछले साल कोविड-19 वार्ड में 24 वेनिटीलेटर खरीदे गए थे । अभी हाल में 10 वेनिटीलेटर मुरादाबाद सीएमओ को मुहैय्या करा दिए गए है। जबकि NSH यानी नेशनल सोर्टिंग हब की टीम न होने की वजह से वेंटिलेटर इस्तेमाल नहीं किये जा रहे। जिसकी वजह से वेनिटीलेटर मशीन धूल फांक रही है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय (फोटो-न्यूजट्रैक)

बिजनौर के जिला अस्पताल के सी.एम.एस डा.ज्ञान चंद से जब इन वेंटिलेटरो के बारे में जानकारी ली तो साहब ने बताया कि पिछले साल कुल 24 वेटिलेटर खरीदे गये थे।10 वेटिलेटर कोविड वार्ड में रखे है। लेकिन स्टाफ नहीं होने की वजह से दस वेंटिलेटर आज ही मुरादाबाद सी.एम.ओ को भेजे गये है, चार और स्टोर में रखे है।वेंटिलेटर को चलाने के लिये स्टाफ नहीं है।इसलिए किसी प्राईवेट डॉक्टर से उनको चलवाने की बात कही जा रही है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोविड मरीजो के लिये स्वास्थ्य विभाग कितना सतर्क है।

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