Bikru Kand Kanpur: बिकरू कांड में आरोपित खुशी दुबे की आज रिहाई संभव, जानिए बाहर आकर कहां रहेगी और क्या करेगी

Bikru Case: शनिवार को सत्यापन की खामी दुरूस्त कर विशेष वाहक के जरिए कोर्ट आने की संभावना है। रिपोर्ट आते ही कोर्ट से रिहाई परवाना जेल पहुंच जाएगा और उसकी रिहाई का रास्ता साफ हो जाएगा।

Krishna Chaudhary
Published on: 21 Jan 2023 5:24 AM GMT
Khushi Dubey released from jail
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Khushi Dubey released from jail (photo: social media )

Bikru Case: चर्चित बिकुरू हत्याकांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे आज कानपुर देहात की माती जेल से रिहा हो सकती हैं। बीते 30 माह से जेल में बंद खुशी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिले दो सप्ताह से अधिक समय हो चुका है लेकिन अभी तक कागजी प्रक्रिया पूरी ना हो पाने के कारण वो जेल से बाहर नहीं आ पाई हैं। इस पर बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में नाराजगी भी जताई थी। शनिवार को कागजी प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही है।

बुधवार को पनकी और नौबस्ता थाने से सत्यापन रिपोर्ट कोर्ट भेजी गई थी। गुरुवार को पनकी थाना प्रभारी ने अदालत में उपस्थित होकर सत्यापन रिपोर्ट भेजने का प्रार्थना पत्र दिया है। बैंक की रिपोर्ट भी आ चुकी है। शुक्रवार शाम रजिस्ट्री कार्यालय से जमानत रिपोर्ट भी पहुंची लेकिन रिपोर्ट में खामी पाए जाने के कारण कल खुशी की रिहाई नहीं हो सकी। शनिवार को सत्यापन की खामी दुरूस्त कर विशेष वाहक के जरिए कोर्ट आने की संभावना है। रिपोर्ट आते ही कोर्ट से रिहाई परवाना जेल पहुंच जाएगा और उसकी रिहाई का रास्ता साफ हो जाएगा।

जेल से छूटने के बाद कहां और क्या करेंगी खुशी दुबे

अमर दुबे की मां क्षमा और पिता संजू दुबे जेल में है। बिकरू गांव में अमर के घर में दादी ज्ञानवती रहती हैं। उन्होंने कहा कि खुशी दुबे की बाहर आने से खुशी है। वह जेल से जब बाहर आएगी तो उसका जहां मन हो वहां रहेगी। ससुराल में भी रह सकती है और मायके रहना चाहे तो वहां भी रह सकती है। कोई भी समस्या नहीं है। एडवोकेट ने बताया कि खुशी का ऑनलाइन बेकरी में एडमिशन से संबन्धित था। खुशी दसवीं पास है। अब अगर वह कुछ करना चाहती हैं तो कर सकती हैं।

यूपी सरकार ने जमानत का किया था विरोध

बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को जमानत दी थी। शीर्ष अदालत में यूपी सरकार और बिकरू कांड में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों ने खुशी को जमानत दिए जाने का विरोध किया था। खुशी दुबे बिकरू कांड में जमानत पाने वाली पहली आरोपित हैं। घटना के दौरान खुशी नाबालिग थीं, उनकी उम्र महज 17 साल थी। उसकी शादी के महज तीन दिन बाद 2 जुलाई 2020 को बिकरू कांड हुआ था।

8 पुलिसवालों की गई थी जान

2 जुलाई 2020 को कानपुर के चौबेपुर थाने के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ हमला कर दिया था। इस हमले में डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। विकास दुबे का भतीजा अमर दुबे घटनास्थल से फरार हो गया था। जिसे बाद में 8 जुलाई 2020 को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था। मुख्य आरोपी विकास दुबे भी एमपी से यूपी लाने के दौरान पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।


Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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