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Bikru Case: कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के मददगार थे ये प्रशासनिक अफसर, यहां जानिए इनके नाम

देश के चर्चित बिकरु कांड के मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के माया जाल में सिर्फ सूबे के बड़े पुलिस अधिकारी ही नहीं फंसे थे बल्कि 27 प्रशासनिक अधिकारी भी फंसे थे।

Sandeep Mishra
Published on: 4 Sept 2021 7:59 PM IST
These administrative officers also used to help notorious gangster Vikas Dubey, know their names here
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 बिकरु कांड: कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे

Lucknow News: देश के चर्चित बिकरु कांड के मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के माया जाल में सिर्फ सूबे के बड़े पुलिस अधिकारी ही नहीं फंसे थे बल्कि 27 प्रशासनिक अधिकारी भी फंसे थे। ये अधिकारी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के जिंदा रहते उसकी मदद करते रहे हैं। ये सभी प्रशासनिक अधिकारी उसकी गलत मदद करते रहे और उसकी दबंगई की छत्रछाया में कथित तौर पर अपने बैंक बैलेंस में इजाफा करते रहे। यह सनसनी खेज खुलासा न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में हुआ है। न्यायिक आयोग ने एस आई टी की रिपोर्ट को आधार मानते हुए इन 27 प्रशासनिक अधिकारियों को कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की हर मामले में सीधी मदद का दोषी माना है।

बेहद चर्चित रहा देश में बिकरु कांड

सूबे के कानपुर जिले की वो बेहद काली रात थी जब गत 2 जुलाई 2020 को सीओ देवेन्द्र मिश्र समेत आठ पुलिस कर्मियों को इस कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने घर के दरवाजे पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर शहादत प्रदान कर दी थी। सीओ समेत इन सभी पुलिस कर्मी की हत्या कुख्यात गैंगस्टर व उसके गुर्गो ने उस समय कर दी थी जब एक मामले में ये पुलिस टीम बिकरु गाँव मे कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे व उसके गुर्गों की गिरफ्तारी के लिये इसके घर छापा मारने के लिये गयी थी।

कुख्यात गैंगस्टर विकास

इस चर्चित हत्या कांड को अंजाम देने के बाद ये कुख्यात गैंगस्टर अपने गुर्गों के साथ फरार हो गए था, फिर मध्य प्रदेश पुलिस ने इस कुख्यात गैंगस्टर को उज्जैन के सिद्ध स्थल महाकाल से गिरफ्तार गत 9 जुलाई 2020 को गिरफ्तार कर यूपी एसटीएफ के सुपुर्द कर दिया था।गत 10 जुलाई को यूपी एसटीएफ ने वापस लाते समय कानपुर में इसका एनकाउंटर कर दिया था।यूपी एसटीएफ ने इस कुख्यात का एनकाउंटर समय किया था जब ये कुख्यात एसटीएफ की गिरफ्त से फरार होने का प्रयास करने लगा था।

कुख्यात गैंगस्टर विकास की मदद के करने दोषी ये है प्रशासनिक अधिकारी

न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में जिन प्रशासनिक अधिकारियों को दोषी पाया गया है,उनकी संख्या 27 बतायी गयी है।कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की मदद करने वाले राम शिरोमणि(तत्कालीन एसडीएम मैथा),सुखलाल भारती, दयानन्द सरस्वती,ए के अवस्थी व प्रह्लाद सिंह(सभी तत्कालीन एसडीएम),राम अभिलाष तत्कालीन एसीएम,आलोक पाण्डेय तत्कालीन बीडीओ,सुरेश नारायण पाण्डेय, इंद्रपाल उत्तम, राकेश कुमार,फूल चन्द्र आर्या, भानू प्रताप शुक्ला, दुर्गा शंकर गुप्ता, (सभी तत्कालीन तहसील दार), अतुल हास तत्तकालीन नायब तहसीलदार, राम लखन कमल तत्कालीन रेवेन्यू इंस्पेक्टर, प्रदीप कुमार मिश्र व प्रशांत कुमार तत्कालीन सप्लाई इंस्पेक्टर, अमित कुमार तत्कालीन बीडीओ, ऋषभ दुबे, अनिल कुमार, रामेश्वर, सुशील कुमार, बालादीन, रामकिशोर, रवि प्रकाश, कमलेश कुमार(सभी तत्कालीन लेखपाल)इन सभी को आयोग ने अपनी जाँच में गैंगस्टर विकास दुबे की गलत मदद करने का दोषी पाया है।

न्यायिक आयोग ने अपनी जाँच में यह खुलासा किया है कि इन सभी प्रशासनिक अधिकारियों के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे से अच्छे व मधुर सम्बन्ध थे।वे कई तरह से विकास दुबे की मदद करते थे।



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Shashi kant gautam

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