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बर्ड फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाएगा अन्तरराष्ट्रीय वेटलैंड दिवस

आगामी दो फरवरी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाली वेटलैंड दिवस को सहारनपुर के वन विभाग ने अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी है। वन विभाग इस बार दो फरवरी को अन्तरराष्ट्रीय वेटलैंड दिवस को बर्ड फेस्टिवल के तौर पर मनाएगा।

Dharmendra kumar
Published on: 6 Jan 2019 8:25 AM GMT
बर्ड फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाएगा अन्तरराष्ट्रीय वेटलैंड दिवस
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हारनपुर: आगामी दो फरवरी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाली वेटलैंड दिवस को सहारनपुर के वन विभाग ने अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी है। वन विभाग इस बार दो फरवरी को अन्तरराष्ट्रीय वेटलैंड दिवस को बर्ड फेस्टिवल के तौर पर मनाएगा। 'एक जनपद एक ईको गन्तव्य' की थीम पर हर जिले में वेटलैंड पर ही कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मसकद वेटलैंड (आर्द्र भूमि) को बचाना है तो विभिन्न वन्य व जलीय जीवों के साथ वनस्पतियों, पक्षियों और उनकी प्रजातियों के संरक्षण को लेकर समाज में जागरूकता लाना और उन्हें पर्यावरण के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाना है।

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सहारनपुर मंडल में ढाई हेक्टेयर से बड़े 20 वेटलैंड चिंहित किए जाएंगे और उनका नोटिफिकेशन भी कराया जाएगा। दो फरवरी को वेटलैंड पर जाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए आर्द्र भूमि के मानचित्र व महत्व आदि के साथ ही वहां पाए जाने वाले पक्षियों, वन्य व जलीय जीवों के साथ वनस्पति व घास आदि का ब्योरा जुटाया जाएगा ताकि सभी उसकी बाबत जान सके। पक्षी व वन्य जीव विशेषज्ञों द्वारा परिचर्चा होगी।

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मोबीवॉक व कैमरावॉक छाया चित्र प्रतियोगिता के साथ बर्ड स्केचिंग व क्ले मॉडलिंग आदि गतिविधियों के माध्यम से जैव विविधता व उसके महत्व को उकेरा जाएगा। वन संरक्षक वीके जैन ने बताया कि स्कूली बच्चों के साथ ही एनएसएस, एनसीसी व नेहरू युवा केंद्र आदि के साथ समाज के हर वर्ग को कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। दिव्यांग व दृष्टि बाधित बच्चों को भी आर्द्रभूमि का भ्रमण कराया जाएगा।

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वन संरक्षक वीके जैन बताते हैं कि इस बाबत हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में वेटलैंड कमेटी बनी हुई है। मकसद वेटलैंड को बचाना है व इसके महत्व से समाज को रूबरू कराते हुए, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील व जागरूक बनाना है। चारों ओर पानी से घिरी दलदली आर्द्र भूमि, झील, तालाब, नदियों किनारे की प्राकृतिक जलमग्न भूमि वेट लेंड होती है जिसमें विभिन्न वनस्पितियों के साथ कीडे, मछली, उदबिलाऊ आदि जंगली जीव, मेंढक, स्थानीय व प्रवासी पक्षी, बुगला, टटीरी, जंगली मुर्गी आदि रहते हैं।

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वन संरक्षक वीके जैन बताते हैं कि कार्यक्रम के तहत सहारनपुर में 10 तथा मुजफ्फरनगर व शामली जिले में 10 कुल 20 वेटलैंड चिंहित कर संरक्षित किए जाएंगे और किसी एक पर कार्यक्रम आयोजित होगा। कहा कि मुजफ्फरनगर में हैदरपुर झील, शामली में मैमोर झील तथा सहारनपुर में कैलाशपुर (तालाब) पार्क व हथिनीकुंड बडकला में कार्यक्रम किए जाने प्रस्तावित हैं। भूजल रिचार्ज व संरक्षण के लिहाज से भी वेटलैंड की उपयोगिता जगजाहिर है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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