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पहली अप्रैल के बर्थडे का दर्द तुम क्‍या जानो बाबू? बस FOOL बन जाते हैं

Admin
Published on: 1 April 2016 8:19 AM GMT
पहली अप्रैल के बर्थडे का दर्द तुम क्‍या जानो बाबू? बस FOOL बन जाते हैं
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लखनऊ: 'जोर से बोलो हैप्‍पी बर्थडे, सारे बोलो हैप्‍पी बर्थडे' कोई ये गाना गाए या न गाए, लेकिन हमारा दिल अपने जन्‍मदिन पर खुद के लिए पूरे दिन ये गाना गुनगुनाता रहता है। बच्‍चों से लेकर बड़े तक हर कोई चाहता है कि मेरे बर्थडे को काफी स्‍पेशल तरीके से मनाया जाए। दिल में बड़े-बड़े अरमान जगते हैं कि कोई न कोई तो हमें बड़ा सा गिफ्ट जरूर देगा। पर दिल की सारी खुशी गुब्‍बारे की तरह उस वक्‍त हवा निकाल देती है, जब गिफ्ट में मिलने वाले बड़े से पैक में छोटी सी चिट निकलती है और उस पर लिखा होता है “अप्रैल फूल बनाया, हमको तो मजा आया”। जी हां, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका बर्थडे अप्रैल फूल के दिन होता है। ये भी उस वक्‍त हंसते-हंसते परेशान हो जाते हैं, जब उन्‍हें गिफ्ट के बजाय फूल बना दिया जाता है। कभी वो पल इन्‍हें गुदगुदा जाता है, तो कभी इनकी आंखों में आंसू भी ले आते हैं। मिलाते हैं आपको कुछ ऐसे ही मजेदार लोगों से, जिन्‍हें अपने बर्थडे पर मिले फनी गिफ्ट के बारे में जानकर आपके भी चेहरे पर मुस्‍कान आ जाएगी-

नहीं माना कि मैं दुनिया में आ चुका हूं: अनिल जायसवाल

अपने बर्थडे की बात आते ही राणा प्रताप मार्ग पर रहने वाले अनिल जायसवाल कहते हैं कि उनका बर्थडे वाकई अलग है। वे कहते हैं कि उनकी मां ने बताया कि जब वह पहली अप्रैल को दुनिया में आए, तो कोई भी रिश्‍तेदार मानने को तैयार नहीं हुआ। सारे रिश्‍तेदारों ने उनकी मां से कहा कि आज अप्रैल फूल है और आप हमें फूल बना रही हैं। कोई भी उस दिन उनकी मां से मिलने नहीं आया। अगले दिन जब दोबारा फोन करके सबको बताया गया , तो सबका हंसते हंसते बुरा हाल था। आज मां की वो बात याद करके मुझे भी हंसी आती है।

अनिल जायसवाल अनिल जायसवाल

पूरे दिन किसी ने विश ही नहीं किया: प्रदीप यादव

बुद्धेश्‍वर के रहने वाले प्रदीप यादव का कहना है कि जब भी वह किसी को अपनी बर्थडेट बताते हैं, तो पहले तो कोई मानने को तैयार नहीं होता। वे बताते है कि वे पिछली बार अपने बर्थडे पर काफी खुश थे। पूरी रात ढंग से सोए नहीं। सुबह उठकर उन्‍हें लगा कि सब चिल्‍लाते हुए उन्‍हें विश करेंगे। पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पूरा दिन बीत गया। उनके दोस्‍तों ने उन्‍हें कॉल तक न की। उन्‍हें बहुत बुरा लगा। रात में भी सब 8 बजे सोने की तैयारी करने लगे। करीब 9 बजे जब वह पानी पीने उठे, तो देखा पूरा घर गुब्‍बारों से सज गया है। केक भी तैयार है। तभी अचानक से पूरा परिवार आ गया। सबने उन्‍हें विश किया। प्रदीप का कहना है कि उस वक्‍त उनकी आंखों में आंसू आ गए। बाद में उन्‍हें पता चला कि दिन में सबने न विश करके उन्‍हें अप्रैल फूल बनाया था।

प्रदीप यादव प्रदीप यादव

क्रिकेटर अजीत वाडेकर को मिला था बैले डांस का अनोखा तोहफा

आम लोगों की बात छोडि़ए, बड़े बड़े लोग भी इस पहली अप्रैल के दिन बर्थडे पर मजाक की मार से बच नहीं पाए हैं। अब अपने पूर्व क्रिकेटर अजीत वाडेकर को ही ले लीजिए। उनका बर्थडे पहली अप्रैल को होता है। 1994 में न्‍यूजीलैंड दौरे के दौरान उनका 53वां जन्‍मदिन था। थके होने के कारण वो जल्‍दी सोने चले गए। आधी रात में किसी ने कहा कि कपिल देव को कुछ दिक्‍कत है। अपने कमरे से निकलकर जैसे ही वो नीचे आए, तो देखा करीब आधा दर्जन बैले डांसर्स डांस कर रही थी। शैंपेन की बोतलें खोलते हुए टीम बोली “ हैप्‍पी बर्थडे सर”। उन्‍होंने कहा कि कपिल का नाम लेकर टीम ने उन्‍हें साथ में अप्रैल फूल भी बना दिया और फिर वो भी हंसने लगे।

फाइल फोटो अजीत वाडेकर - फाइल फोटो

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