×

RS चुनावः बीजेपी को छोड़ हर पार्टी ने किया मुस्लिमों को नजरअंदाज

Newstrack
Published on: 29 May 2016 6:06 PM GMT
RS चुनावः बीजेपी को छोड़ हर पार्टी ने किया मुस्लिमों को नजरअंदाज
X

लखनऊ: कल तक जिस राजनीतिक दल का प्रधानमंत्री देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का जता रहा था उसी पार्टी के एजेंडे से मुस्लिम गायब हैं। यह शनिवार को जारी कांग्रेस पार्टी की राज्यसभा सदस्यों से पुष्ट होता है। उसके 8 उम्मीदवारों में से एक भी मुसलमान नहीं है, जबकि ठीक उलट भारतीय जनता पार्टी के 12 प्रत्याशियों में मुख्तार अब्बास नकवी का नाम शामिल है।

यह भी पढ़ें...BJP: 12 राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची जारी,शामिल हैं कई केंद्रीय मंत्री

कांग्रेस ही नहीं मुसलमानों के हिमायती बनने वाले अन्य राजनीतिक दलों ने भी राज्यसभा के इन चुनावों में मुसलमान उम्मीदवारों से दूरी बना रखी है। उत्तर प्रदेश में माई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के पुरोधा मुलायम सिंह यादव ने भी किसी मुस्लिम उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचने का मौका नहीं दिया है। हालांकि उन्होंने इस बार पता नहीं किस समीकरण से अपने धुर विरोधियों और राजनीतिक रूप से वनवास झेल रहे लोगों को राज्यसभा में नुमांइदगी के लिए चुना है। इनमें बेनी प्रसाद वर्मा और अमर सिंह के नाम प्रमुख हैं।

यह भी पढ़ें...6 साल में सतीश चंद्र मिश्र की संपत्ति 9 करोड़ से बढ़कर 193 करोड़ हुई

इन दोनों नेताओं ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ सियासी तो छोड़िए व्यक्तिगत शिष्टाचार का भी पालन नहीं किया। हमले करने की सभी हदें लांघीं। इनके अलावा सपा ने बिल्डर संजय सेठ, रेवती रमण सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद, पूर्व बसपाई और पारस दूध के मालिक सुरेंद्र नागर और सुखराम सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है।

यह भी पढ़ें...काला धन देश में लाने के लिए PM नरेंद्र मोदी का बड़ा कदम

आगामी विधानसभा चनाव में मुस्लिम वोटों के लिए हाथ फैलाए खड़ी मायावती ने भी कोई इस जमात से उम्मीदवार नहीं उतारा है। उन्होंने पार्टी के ब्राह्मण प्रतीक पुरुष सतीश मिश्रा और अपने कैडर के विश्वस्त अशोक सिद्धार्थ को उच्च सदन भेजने की तैयारी की है।

पिछले पांच-सात चुनाव के आंकड़े चुगली करते हैं कि यह पहला मर्तबा है कि उत्तर प्रेदश से किसी राजनीतिक दल ने मुसलमान को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है। गौरतलब है कि अभी राज्यसभा में 21 मुस्लिम सांसद हैं, जिनमें केवल सात कांग्रेस के हैं, भाजपा के भी दो मुस्लिम सांसद उच्च सदन में हैं। बाकी मुस्लिम सांसद क्षेत्रीय दलों से आते हैं। सूबे में राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची के बाद देवबंदी और बरेलवी संप्रदायों के बीच बढ़ रहे आपसी मैत्री संबंध इस बात की चुगली करते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में इस जमात के मतदाता सबक सिखाने के लिहाज से मतदान करेंगे।

Newstrack

Newstrack

Next Story