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सपा को झटका योगी से मुलाकात, रायबरेली में बड़ी तैयारी, मनोज पांडेय को भाजपा बना सकती उम्मीदवार
Manoj Pandey Resign: सपा के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय की काफी समय से स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद और हिंदू विरोधी बयानों और कुछ पार्टी की नीतियों की वजह से नाराज चल रहे थे। यह नाराजगी उन्हें ने अखिलेश यादव से भी जताई थी।
Manoj Pandey Resign: लोकसभा चुनाव से पहले देश में आज राज्यसभा का रण चल रहा है। यानी 2 अप्रैल को रिक्त हो रहीं राज्यसभा सीटों के लिए यूपी सहित विभिन्न राज्यों में आज वोट डाले जा रहे हैं। इसमें यूपी की 10 सीटों पर वोटिंग हो रही है। राज्यसभा चुनाव का सबसे दिलचस्प मुकाबला यूपी में देखने को मिल रहा है, जहां 10 सीटों में 11 प्रत्याशियों ने दावेदारी ठोक कर इस रण को पेचीदा बना दिया है। यूपी में भाजपा ने राज्यसभा सभा के लिए पहले 7 प्रत्याशी और समाजवादी पार्टी ने 3 प्रत्याशियों को मैदान में उतार था। तब ऐसा लगा रहा था कि ये दसों उम्मीदवार आराम से चुनाव से जीत जाएंगे, लेकिन भाजपा ने ऐन वक्त पर अपना 8वां प्रत्याशी के रूप में रियल एस्टेट कारोबारी एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य संजय सेठ को उतार कर मुकाबले को कठिन कर दिया। ऐसे में अगर भाजपा को अपना 8वां उम्मीदवार को जिताना है, तो उसको सपा के कुछ विधायकों को समर्थन चाहिए होगा, जो कि इसमें कहीं हद तक भाजपा सफल होती दिखाई दे रही है और सपा को बड़ा झटका मिलता दिखाई दे रहा है।
मुख्य सचेतक पद मनोज पांडेय ने दिया इस्तीफा
क्रॉस वोटिंग का डर सपा को बहुत पहले से लग रहा था, जो कि आज राज्यसभा के वोटिंग के दौरान सच साबित होता दिखाई दे रहा है। चुनाव में सपा के आठ विधायकों ने किनारा कर लिया है। इसमें बड़ा नाम सपा के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय का है। मनोज पांडेय ने पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा भी दे दिया है। इससे साफ है कि वह अपना मत भाजपा को दे सकते हैं। अब ऐसी संभावनाएं लगाई जा रही हैं कि मनोज पांडेय सपा को छोड़कर भाजपा के रथ में सवार होकर अपनी अगली चुनावी पारी शुरू सकते हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव में रायबरेली से अपना उम्मीदवार बना सकती है। पांडेय एक जमीनी नेता के रूप में जानें जाते हैं। इस बात से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी परिचित हैं। लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पर मनोज पांडेय ने सपा को बड़ा झटका दिया है।
मोदी लहर के बाद पांडेय लगातार जीतते आ रहे
मनोज पांडेय ऊंचाहार विधानसभा सीट में विधायक हैं और उनकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। वह मोदी और योगी लहर के बाद भी ऊंचाहार विधानसभा से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। ऐसे में मनोज पांडेय के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को रायबरेली में एक मजबूत लोकसभा उम्मीदवार की तलाश खत्म हो सकती है। रायबरेली महेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी हमेशा से यहां से लोकसभा चुनाव जीतती आ रही थीं, लेकिन इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और वह उच्च सदन यानी राज्यसभा चली गई हैं। ऐसे में कांग्रेस का यह गढ़ खाली हो गया है और भाजपा हर हाल में इसे फतह करना जाएगी। इसमें मनोज पांडेय एक मजबूत कड़ी बन सकते हैं। सपा नेता मनोज पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात भी की है और हो सकता है वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
काफी समय से चल रहे थे नाराज
दरअसल, सपा के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय की काफी समय से स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद और हिंदू विरोधी बयानों और कुछ पार्टी की नीतियों की वजह से नाराज चल रहे थे। यह नाराजगी उन्हें ने अखिलेश यादव से भी जताई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य अब भले ही सपा से बाहर हो गए हों, लेकिन अखिलेश यादव का पीडीए नारा उन्हें अभी भी काफी परेशान कर रहा था। इतना ही नहीं, पार्टी के पीडीए के नारे से सपा के उच्च वर्ग के विधायकों में भी नाराजगी दिख रही है। ऐसे में मनोज पांडेय ने राज्यसभा चुनाव में सपा से किनारा कर अपना रुख जाहिर कर दिया है, उनका अगला कदम क्या होने जा रहा है?
आया योगी का फोन बदल गया पूरा समीकरण
अंदर खाने से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी ने सपा के नेता मनोज पांडेय को फोन किया था। उसके बाद पूरी स्थिति बदल गई। उन्होंने अचानक राज्यसभा चुनाव से दूरी बना ली और सपा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया और अखिलेश यादव को पत्र लिखकर इस्तीफा भी दे दिया। ऐसे में अटकलें काफी बढ़ गई हैं कि मनोज पांडेय भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
रायबरेली में होगा बड़ा खेला
भाजपा मनोज पांडेय को रायबरेली से लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बना सकती है,क्योंकि भाजपा इस बात से वाकिफ है मनोज की ऊंचाहार सहित रायबरेली के पूरे इलाके में काफी मजबूत पकड़ है। भाजपा को भी ऐसे मजबूत व्यक्ति की तलाश थी, जो पूरी होती दिखाई दे रही है। इंडिया गठबंधन के तहत यूपी में कांग्रेस- सपा के साथ आने के बाद रायबरेली की सीट कांग्रेस की खाते में गई है। ऐसे में सोनिया गांधी के हटने के बाद गांधी ही परिवार से यहां कोई चुनाव लड़ सकता है और यह कांग्रेस की सुरक्षित सीट है। ऐसे में भाजपा मनोज पांडेय जैसे शक्तिशाली उम्मीदवार को यहां उतारकर अमेठी जैसा बड़ा खेला करने की तैयारी है। भाजपा में मनोज पांडेय के शामिल होते ही सपा और कांग्रेस को यहां पर बड़ा झटका लगा सकता है।