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केन्द्रीय नेतृत्व चिंतित, कार्यकर्ताओं में हताशा का भाव न पैदा होने दें

यूपी विधानसभा चुनाव के पहले सत्ताधारी भाजपा में जहां सांगठनिक बदलाव की कवायद चल रही है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 22 Jun 2021 11:15 PM IST
Yogi Adityanath and kesav prasad
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले सत्ताधारी भाजपा में जहां सांगठनिक बदलाव की कवायद चल रही है। वहीं सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाकर पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व आने वाले चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। आज पूरे दिन बैठकों का दौर चलता रहा। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार्यवाह होसबले पहुंचे जहां दोपहर के भोजन के बाद अनौपचारिक बातचीत हुई।

इसके बाद अपरान्ह भाजपा मुख्यालय पर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और प्रदेश भाजपा प्रभारी राधा मोहन सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा के अलावा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ भावी रणनीति पर विचार किया गया।

बैठक के दौरान कहा गया कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए संकल्प पत्र में अभी कौन से काम पूरे होने हैं उन्हें जल्द से पूरा किया जाए। खास बात यह रही कि पहली बार प्रदेश उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार शर्मा भी बैठक में उपस्थिति थे। बैठक में हाल ही में अपने बयान से चर्चा में आए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी मौजूद थे।

बैठक में केन्द्रीय नेतृत्व की तरफ से कहा गया कि बंगाल चुनाव परिणाम का असर भाजपा कार्यकर्ताओं पर बिल्कुल नहीं पड़ना चाहिए। पार्टी नेताओं को इस बात का पूरा ख्याल रखना होगा कि कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव पैदा न होने पाए। इस बीच इस पर भी चर्चा हुई कि टिकटों का बंटवारा विधायकों और मंत्रियों को उनकी रिपोर्ट के आधार पर दिया जाएगा। जिनका परफारमेंश कमजोर होगा उनको इस चुनाव में उतारने की कतई जरूरत नहीं है। साथ ही जिन विधायकों की छवि पर असर पड़ा है उनको दोबारा मौका न दिया जाए।

बैठक के दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगले महीने रिक्त हो रही विधान परिषद की सीटों पर किन कार्यकर्ताओं को मनोनीत किया जाए। इस बारे में साफ तो कुछ नहीं कहा गया पर चर्चा है कि इस बात पर जोर दिया गया कि पार्टी में जो नेता उपेक्षित हैं उनको मौका दिया जाना चाहिए।



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Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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