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UP OBC Politics: जातिगत जनगणना के जवाब में बीजेपी बनाएगी ओबीसी ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को मंत्री

UP OBC Politics: टाइमिंग है महत्वपूर्ण, उत्तर प्रदेश से लगे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में में वोटिंग से पहले दोनों को मंत्री बनाकर ओबीसी वोटरों को देंगे संदेश

Raj Kumar Singh
Written By Raj Kumar Singh
Published on: 8 Nov 2023 8:33 AM GMT (Updated on: 8 Nov 2023 8:44 AM GMT)
UP OBC Politics
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UP OBC Politics (Photo: Social Media)

UP OBC Politics: बिहार से जातिगत जनगणना का जिन्न बाहर आने के बाद बीजेपी लगातार इससे निपटने की तरकीबें ढूंढ रही है. अब तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा भी 75 फीसदी करने की मांग कर दी है. अब बीजेपी के सामने ओबीसी वोटरों को अपने साथ जोड़े रहने की चुनौती है और वह इसके लिए कोई भी प्रयास छोड़ नहीं रही है. उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ी जातियों से आने वाले ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाने की कवायद इसी का हिस्सा है. दोनों नेताओं का दीवाली से पहले शपथ लेना अब तय है.

टाइमिंग महत्वपूर्ण, पड़ोस के तीन राज्यों पर असर डालने का प्रयास

ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह को मंत्री बनाने की टाइमिंग भी महत्वपूर्ण है. इस समय उत्तर प्रदेश की की सीमा से लगे तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. इन तीनों राज्यों में बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से है. कांग्रेस लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रही है. राहुल गांधी ने इसे इन तीन राज्यों में इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है. राहुल गांधी तो केंद्र सरकार पर सर्वोच्च ब्यूरोक्रेसी में ओबीसी अफसरों की कम तैनाती को लेकर भी आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाकर इन तीन राज्यों में ओबीसी मतदाताओं को संदेश देने का साफ इरादा बीजेपी का है. यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि बिहार विधानसभा में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पेश होने वाले दिन ही इन दोनों को मंत्री बनाने की कवायद शुरू हो गई. यूपी के मुख्यमंत्री की मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात होने को भी मंत्रिमंडल विस्तार के क्रम में देखा जा रहा है.

केंद्र और यूपी में बीजेपी की लगातार सफलता में ओबीसी का बड़ा योगदान

वैसे भी यदि देशभर में बीजेपी की सफलता को देखें तो इसमें ओबीसी मतदाताओं की बड़ी भूमिका सामने आती है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं की बदौलत ही बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. यही बात उत्तर प्रदेश के संदर्भ में भी सही साबित हुई है. साल 2000 के बाद से लगातार प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर जा रही पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता हासिल की तो उसके पीछे ओबीसी मतदाताओं का बड़े पैमाने पर बीजेपी से जुड़ना था. यही बात 2022 में भी देखने को मिली.

ओबीसी नेताओं को बीजेपी ने महत्व दिया

बीजेपी ने केंद्र और राज्य में ओबीसी नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां भी दीं. उत्तर प्रदेश में लगातार दो बार केशव प्रसाद मौर्य को उप मुख्यमंत्री बनाना भी इसी मुहिम का हिस्सा रहा है. विपक्ष जातिगत जनगणना और उसके बाद आरक्षण में बढ़ोतरी की मांग कर बीजपी से ओबीसी को अलग करना चाहती है. बीजेपी भी इसे समझ रही है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लगातार ओबीसी को महत्व देने की रणनीति पर काम कर रहा है. यही वजह है कि 2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को छोड़कर समाजवादी पार्टी के साथ जाने वाले ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को दोबारा मंत्री बनाने पर सहमति हो गई है. ओमप्रकाश राजभर ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान नहीं बख्शा था और काफी तीखे जुबानी तीर छोड़े थे. इसी तरह योगी की पहली सरकार में मंत्री बने दारा सिंह चौहान ने भी 2022 के चुनाव से पहले बीजेपी का साथ छोड़कर अखिलेश यादव का साथ पकड़ लिया था. दारा सिंह कुछ समय पहले दोबारा बीजेपी में आए हैं और आते ही अपना विधानसभा का चुनाव भी हार गए. इस सबके बावजूद ये सिर्फ ओबीसी वोटरों को बचाए रखने की बीजेपी की रणनीति ही है कि इन दोनों को दोबारा मंत्री पद से नवाजा जा रहा है.

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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