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बीजेपी नेता पहुंचे डीएसओ के दफ्तर, कुर्सी पर बैठकर करने लगे ये हरकत
शाहजहांपुर: सत्ता के नशे मे चूर बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष ने डीएसओ आफिस में जाकर जमकर हंगामा किया। सत्ता की हनक दिखाते हुए अध्यक्ष डीएसओ की कुर्सी पर ही बैठ गए और डीएसओ को फोन लगाकर उनसे काम न होने का कारण पूछा। जिसके बाद दोनों की फोन पर कहासुनी हो गई और जिला पंचायत अध्यक्ष को डीएसओ का आफिस में न मिलना काफी ज्यादा खल गया और उन्होंने अपना आफिस का कामकाज डीएसओ आफिस से करने की धमकी दे डाली। उनका कहना है कि सरकार अच्छा काम कर रही है। लेकिन विभाग के छोटे अधिकारी सरकार द्वारा अच्छे काम करने में पलीता लगा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
डीएसओ कार्यालय में जुटी भीड़
ये भीड़ का नजारा जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय का है। डीएसओ की कुर्सी पर विराजमान यहां बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह यादव है। उनके साथ में उनके कार्यकर्ताओं और फरियादों की भीड़ है। आज जिला पंचायत अध्यक्ष अपने दलबल और फरियादियों के साथ डीएसओ आफिस पहुंचे। लेकिन डीएसओ पूरन सिंह चौहान उनको आफिस में नहीं मिले। ये देखकर अध्यक्ष का गुस्स सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने सीधा डीएसओ को फोन लगाकर लोकेशन पूछी। लेकिन डीएसओ ने बताने से इंकार कर दिया। ये सुनकर अध्यक्ष आग बबूला हो गए। वह डीएसओ को खरी खोटी सुनाने लगे। जिला पंचायत अध्यक्ष का आरोप है कि डीएसओ ने फोन पर काफी ज्यादा अभद्रता की है। आफिस में गरीब जनता आती है और परेशान होकर वापस चली जाती है। लेकिन डीएसओ अपने आफिस से ज्यादातर नदारत रहते हैं। हमने तीन बार डीएसओ को चिट्ठी लिखी, लेकिन अभी तक उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। अधिकारियों की ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गरीबों के नहीं बने राशन कार्ड
जिला पंचायत अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह यादव का कहना है कि निगोही की रहने वाली गरीब जनता के राशन कार्ड आनलाईन नहीं हुए हैं। इसके लिए हम तीन बार डीएसओ को चिठ्ठी लिखकर कारण पूछ चुके हैं। लेकिन डीएसओ साहब उसका कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। जब हमने आफिस आकर उनसे बात करने की कोशिश की तो वह फोन पर हमसे अभद्रता करने लगे। उनका कहना है कि अब वह अपने आफिस में नहीं जाएगें। जब तक डीएसओ आफिस नहीं आते, हम यहीं बैठे रहेंगे। हम अपने आफिस का कामकाज डीएसओ आफिस से ही करेंगे। फिलहाल डीएसओ आफिस में काफी देर तक हंगामा चलता रहा।
वहीं जब इस मामले पर डीएसओ से उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो उनका फोन नहीं उठा।