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BJP नेता का CM योगी को पत्र, कहा- मत बंद करें यश भारती पेंशन, उसी से चलता है गुजारा

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक बीयर बार के उद्घाटन के बाद सुर्खियों में आईं मंत्री स्वाती सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब बीजेपी के एक पदाधिकारी ने यह कहकर सीएम योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि यूपी सरकार की ओर से दिए जाने वाले यश भारती पुरस्कार को जारी रखा जाए।

tiwarishalini
Published on: 31 May 2017 12:39 PM IST
BJP नेता का CM योगी को पत्र, कहा- मत बंद करें यश भारती पेंशन, उसी से चलता है गुजारा
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BJP नेता का CM योगी को पत्र, कहा- मत बंद करें यश भारती पेंशन, उसी से चलता है गुजारा

BJP नेता का CM योगी को पत्र, कहा- मत बंद करें यश भारती पेंशन, उसी से चलता है गुजारा

लखनऊ (आईएएनएस): यूपी की राजधानी लखनऊ में एक बीयर बार के उद्घाटन के बाद सुर्खियों में आईं मंत्री स्वाती सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब बीजेपी के एक पदाधिकारी ने यह कहकर सीएम योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि यूपी सरकार की ओर से दिए जाने वाले यश भारती पुरस्कार को जारी रखा जाए।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सिंह राणा ने सीएम योगी आदित्यनाथ से गुजारिश की है कि यशभारती पेंशन को इसलिए जारी रखा जाए क्योंकि उनके जैसे कई लोगों का गुजारा इस पुरस्कार के तहत प्राप्त होने वाली प्रतिमाह राशि से चलता है।

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बीजेपी नेता ने लिखा सीएम योगी को पत्र

इस प्रकार का एक पत्र नरेंद्र सिंह राणा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि वह लोग जिन्हें यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उनका गुजारा इसके तहत मिलने वाली राशि से होता है। मैं भी उन्हीं में से एक हूं। अत: इस पेंशन को बंद ना किया जाए।

इसमें भी रोचक तथ्य यह है कि पुरस्कार नरेंद्र सिंह राणा को पावरलिफ्टिंग नामक खेल में महवपूर्ण योगदान के लिए मिला था। राणा ना सिर्फ लखनऊ के ही एक पॉश इलाके की मुख्य मार्ग पर स्थित बड़ी सी कोठी में रहते हैं, साथ ही खुद के चलने के लिए बड़ी गाड़ियों का इस्तेमाल भी करते हैं।

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खास बात यह है कि उन्हें यह अत्यंत चर्चित रहा पुरस्कार परंपराओं के विपरीत आश्चर्यजनक रूप से समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में दिया गया था जबकि वे बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता जैसे पद पर आसीन रहे।

पूर्व सीएम मुलायम ने शुरू किया था यश भारती सम्मान

यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव द्वारा 1994 में शुरू किया गया प्रदेश का सबसे बड़ा सम्मान 'यश भारती' भी जांच के घेरे में आ गया है। हालांकि, मुलायम के बाद सरकार में आई मायावती की सरकार बनने पर यह पुरस्कार बंद कर दिए थे।

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जब 2012 में सपा सत्ता में आई तो तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इसे फिर से शुरू कर दिया। जिसके बाद उनके अखिलेश यादव की सरकार के दौरान बड़ी संख्या में दिया गया यह पुरस्कार विवाद और चर्चाओं के घेरे में रहा है।

जांच के आदेश

राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यूपी के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने यश भारती की जांच करवाने का आदेश भी दे दिए हैं। योगी का कहना है कि सपा सरकार ने कई गलत लोगों को पुरस्कार देकर इस सम्मान की गरिमा को गिराया है। अब इसकी जांच होगी और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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यह सम्मान कला, संस्कृति, साहित्य और खेलकूद में देश के लिए नाम कमाने वाले को दिया जाता है। इस अवाॅर्ड में 11 लाख रुपए नकद, 50 हजार रुपए की पेंशन मिलती है।

इन्हें मिल चुका है यश भारती

इस सम्मान से नवाजे जाने वालों में हरिवंश राय बच्चन, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, रेखा भारद्वाज, शुभा मुद्गल, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नसीरुद्दीन शाह, भुवनेश्वर कुमार, रविंद्र जैन जैसी बड़ी हस्तियां शामिल हैं।

अगली स्लाइड में देखिए नरेंद्र राणा द्वारा सीएम योगी को लिखा गया पत्र

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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