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BJP Mission 2022: बदरंग अतीत को याद दिलाकर पश्चिमी यूपी में अपना परचम लहराएगी भाजपा

BJP Mission 2022: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के माहौल को बदलने की छिपी हुई रणनीति साफ दिखाई दी। भाजपा ने यह बता दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वह दंगा, पलायन सहित उन सभी मुद्दों को पूरी आक्रामकता से उठाएगी।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Shweta
Published on: 3 Dec 2021 11:08 AM IST
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कॉन्सेप्ट फोटो (फोटो साभारः सोशल मीडिया)

BJP Mission 2022: कहने को तो गुरुवार को अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की जोड़ी सहारनपुर (Amit Shah aur Yogi Adityanath Saharanpur) में शाकुम्भरी यूनिवर्सिटी का शिलान्यास (Shakumbhari University Foundation Stone Laying) करने के लिए यहां आई थी लेकिन इसके पीछे पश्चिमी उत्तर प्रदेश (UP Election 2022) के माहौल को बदलने की छिपी हुई रणनीति साफ दिखाई दी। भाजपा ने यह बता दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव (up vidhan sabha chunav) में वह दंगा, पलायन सहित उन सभी मुद्दों को पूरी आक्रामकता से उठाएगी। इसके अलावा चुनाव प्रचार में उसके निशाने पर मुख्य तौर समाजवादी पार्टी और रालोद गठबन्धन (Samajwadi Party RLD Mahagathbandhan) होगा जो किसान आंदोलन (kisan andolan) के बहाने यहां अपनी जडे़ मजबूत करने की कोशिश में है।

यहां यह बताना जरूरी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछली समाजवादी पार्टी (up mein samajwadi party) सरकार के दौरान 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों (muzaffarnagar danga) ने यहां मुस्लिम- जाट एकता को तार-तार कर दिया जिसका चुनावी लाभ भाजपा (BJP Mission 2022) को 2014 के लोकसभा चुनाव में मिला। इसके बाद इस चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बही चुनावी बयार पूर्वांचल तक पहुंची और 80 में से 73 सीटों पर भाजपा गठबंधन ने कब्जा कर पहली बार अपने दम पर केन्द्र में सरकार बनाने का काम किया।

भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे शुरू हुए अपने चुनाव अभियान (up chunav abhiyan 2022) की पहली रैली में अनुच्छेद-370 समाप्त होने, तीन तलाक खत्म करने, आतंकवाद पर अंकुश लगने जैसे कामों को उठाने के साथ ही बहन-बेटी से छेड़छाड़ की किसी की हिम्मत न होने, पशु तस्करी और गो-हत्या पर रोक, माफिया के मुर्गा बनने, कान-पकड़कर समर्पण करने, धर्मांतरण पर रोक लगने जैसे कामों का उल्लेख कर हिंदुओं को अपने पाले मे कर धु्रवीकरण करने का काम षुरू कर दिया है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह विकास के अलावा पहचान, पलायन, सम्मान व सुरक्षा पर पहले की सरकारों और केंद्र में मोदी और प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद आए फर्क पर बात कर रहे हैं।

सहारनपुर में योगी-शाह (Saharanpur mein yogi adityanath aur Amit Shah) ने पिछली सरकारों में छेड़छाड की घटनाओं, कानून-व्यवस्था, पशु चोरी, धर्मांतरण, दंगा और हिंदुओं से किए गए दोयम दर्जे के व्यवहार की बात उठाकर इस क्षेत्र में हिन्दुओं के मर्म को कुरेदने का काम किया। साथ ही यह बताने की कोशिश की कि वे पष्चिमी यूपी के लोग बिल्कुल चिंतित न हो, हमने हर संभावित चुनौती से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। योगी -षाह ने 2017 से पहले के पलायन का दर्द याद दिलाने के साथ ही हिंदुओं के सम्मान-स्वाभिमान, सुरक्षा एवं रोजी-रोटी के लिए किस तरह योगी सरकार ने काम किया है। उसे भी याद दिलाने का काम किया। अपनी राष्ट्रवादी सोच और स्पष्टवादिता के लिए पहचान बना चुके शाह -योगी ने पश्चिमी यूपी में अतीत को याद दिलाकर बदले माहौल को यहां के लोगों के सामने रखकर साफ कर दिया कि भाजपा छोड़ कोई भी दल आपकी समस्याओं का निदान नहीं कर सकती है।

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