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Ballia News: बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने की घोषणा, जिले के सभी मंदिरों का कराएं सर्वे

Ballia News: बलिया लोक सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने उन्हें निर्देश दिया है कि बलिया नगर पालिका परिषद क्षेत्र के सभी छोटे व बड़े मंदिरों का सर्वे कराया जाए।

Karuna Sindhu Singh
Published on: 12 Dec 2022 7:27 PM IST
BJP MP from Ballia Lok Sabha seat Virendra Singh Mast said survey should be done of all the temples of the district
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बलिया: लोक सभा सीट से भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा जिले के सभी मंदिरों का कराएं सर्वे

Ballia News: बलिया लोक सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त (Virendra Singh Mast) ने उन्हें निर्देश दिया है कि बलिया नगर पालिका परिषद क्षेत्र के सभी छोटे व बड़े मंदिरों का सर्वे कराया जाए और वहां पर भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था कराई जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था करने में किसी प्रकार की कठिनाई आती है तो सांसद विकास निधि से धन लेकर उसकी व्यवस्था कराई जाए। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का निर्देश है कि परसिया महर्षि भृगु की तपोभूमि रही है। अतः वहां तक महर्षि भृगु कारिडोर अवश्य बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि भृगु आश्रम कारिडोर (Bhrigu Ashram Corridor) बन जाने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त से जब इस मामले को लेकर बात की गई तो सांसद ने कहा कि बलिया आध्यात्मिक नगर है । योगी सरकार भृगु कारिडोर का निर्माण करा रही है । बलिया के प्राचीन मंदिरों में पारंपरिक भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था से आध्यात्मिक संचेतना का जागरण होगा।

शीघ्र ही मंदिरों के सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जायेगा

बलिया के प्राचीन भृगु मंदिर की प्रबंध समिति के अध्यक्ष डा शिव कुमार मिश्र ने सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के प्रयास की सराहना की है । उन्होंने कहा कि बलिया का पौराणिक इतिहास है। वर्तमान परिवेश में पारंपरिक मूल्यों का लोप हो रहा है। ऐसे में बलिया के मंदिरों में भजन-कीर्तन और वाद्य यंत्रों की व्यवस्था होने से मंदिरों में संकीर्तन के साथ ही सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों को बल मिलेगा। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि नगर पालिका कर्मियों की टीम द्वारा शीघ्र ही मंदिरों के सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

वहीं जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल का कहना है कि बलिया को टूरिस्ट हब के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल किया जा रहा है। बलिया के पांच प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए डी पी आर शासन को प्रेषित किया गया है। उल्लेखनीय है कि गंगा और सरयू के मिलन का साक्षी बलिया में ददरी मेला हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा से आरम्भ होता है। लोगों की प्रगाढ़ आस्थाएं इस मेला से जुड़ी है। जन श्रुति के अनुसार भगवान विष्णु को लात मारने के बाद महर्षि भृगु को मिले श्राप से मुक्ति इसी क्षेत्र में ही मिली थी ।

महर्षि भृगु ने बलिया में गंगा और सरयू नदी का संगम कराया था

महर्षि भृगु ने अपने शिष्य दर्दर मुनि के जरिए अयोध्या से सरयू नदी को बलिया लाकर कार्तिक पूर्णिमा के दिवस ही गंगा और सरयू नदी का संगम कराया था । ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान मात्र से ही काशी में साठ हजार वर्ष तक तपस्या करने के बराबर पुण्य मिलता है । इसी तट पर महर्षि भृगु के परम शिष्य दर्दर मुनि के नेतृत्व में यज्ञ हुआ था । जो एक माह तक चला था । इस यज्ञ में 88 हजार ऋषियों का समागम हुआ था तथा यही पर महर्षि भृगु ने ज्योतिष की विख्यात पुस्तक भृगु संहिता की रचना की थी । इस पुस्तक को संत समाज ने बलिया में ही एक माह के शास्त्रार्थ के बाद सर्वसम्मति से स्वीकार किया था। यज्ञ के उपरान्तही बलिया के संगम तट पर कल्पवास व पंचकोश परिक्रमा की परम्परा का सूत्रपात हुआ था।

Shashi kant gautam

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