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BJP President: दलित नेता बनेगा प्रदेश अध्यक्ष, एक तीर से कई निशाने लगाएगी भाजपा

BJP President: उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि नवरात्रि के दौरान ही उत्तर प्रदेश भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा।

Shishumanjali kharwar
Published on: 27 March 2025 2:14 PM IST (Updated on: 27 March 2025 5:21 PM IST)
bjp new president
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BJP President: भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। भाजपा ने 72 इकाइयों में जिलाध्यक्षों की नाम का ऐलान कर दिया है। वहीं अधिकतर मंडल अध्यक्षों का भी गठन किया जा चुका है। अब उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष को लेकर मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि नवरात्रि के दौरान ही उत्तर प्रदेश भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चयन की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को सौंपी गयी है। उनके राजधानी लखनऊ में आगमन के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के नामों पर चर्चा भी तेज हो जाएगी।

पीयूष गोयल लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ और भाजपा संगठन के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष के संभावित दावेदारों के नामों पर मंथन करेंगे। राजनीतिक गलियारों में इन दिनों यह चर्चा तेजी से चल रही है कि किसी दलित चेहरे को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। कहा जा रहा है कि साल 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को भाजपा दलित नेता के नेतृत्व में ही लड़ेगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के लिए कई बड़े दलित नेताओं के नाम हवा में तैर रहे हैं। इसमें राम शंकर कठेरिया को प्रबल दावेदार माना जा रहा है क्योंकि वह संगठन की विचारधारा को भली प्रकार से समझते हैं। साथ ही उनकी जनता के बीच पकड़ भी गहरी है। वहीं विद्या सागर सोनकर, मुंषीलाल गौतम, रमापति शास्त्री और प्रियंका रावत का नाम भी रेस में चल रहे हैं।

क्यों दलित बनेगा भाजपा का लीडर

भाजपा अक्सर अपना कोई भी फैसला अचानक ही लेती है। जिससे जानने के लिए हैरानी ही होती है। वहीं भाजपा नेतृत्व के निर्णय पर शीर्ष से लेकर कैडर तक सहमत होते हैं। दलित नेता को भाजपा अध्यक्ष बनाये जोन के लिए पीछे एक वजह यह भी है कि विपक्ष लगातार दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक के नाम पर भाजपा का घेराव करता रहता है।

ऐसे में अगर भाजपा किसी दलित नेता को अपना मुखिया बना देती है तो यह विपक्ष के वार की काट साबित होगी। इसके साथ ही भाजपा के दलित लीडर से बसपा की मुसीबतें भी बढ़ जाएगीं। भाजपा ऐसे दलित नेता की तलाश कर रही है। जिस सूबे की जनता के बीच पकड़ हो। साथ ही वह पार्टी और आरएसएस का पुराना कार्यकर्ता भी होगा। भाजपा 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में फगवा परचम लहराने के फिराक में दलित कार्ड खेलना चाह रही है। सबसे खास बात तो यह है कि भाजपा के इतिहास में अब तक कोई भी दलित नेता प्रदेश अध्यक्ष नहीं बना है।

जिलाध्यक्षों की लिस्ट में छह दलित नेताओं पर मचा था बवाल

भाजपा ने बीते दिनों जिला अध्यक्षों की नामों की सूची जारी की थी। जिसमें 39 सवर्ण नेताओं के बीच दलित समुदाय से केवल छह नाम ही थे। जिसको लेकर सपा और बसपा ने भाजपा का घेराव किया था। ऐसे में अगर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर किसी तेजतर्रार दलित नेता को बिठा देती है तो यह विपक्ष के हमलों का करारा पलटवार होगा। साथ ही दलित समाज की पार्टी से शिकायतें भी दूर हो जाएगीं।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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