×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Lucknow: 2024 में हैट्रिक के लिए बीजेपी का खास प्लान, इन 144 सीटों पर है नजर

Lucknow: 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां सभी दलों में शुरू कर दिया है। भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ दो बार केंद्र की सत्ता पर काबिज हो चुकी है और तीसरी बार के लिए कवायद शुरू हो चुका है

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 9 Oct 2022 5:09 PM IST
BJP
X

BJP। (Social Meida)

Lucknow: 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) की तैयारियां सभी दलों में शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) पूर्ण बहुमत के साथ दो बार केंद्र की सत्ता पर काबिज हो चुकी है और तीसरी बार के लिए कवायद शुरू हो चुका है। बीजेपी (BJP) जहां इस बार हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में होगी वहीं विपक्षी दल उसे रोकने के लिए अपना प्लान तैयार करने में लगे हैं। बीजेपी को इस बार कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन बीजेपी की खासियत है वह चुनावी रणनीति बनाकर अपने मिशन को फतेह कर लेती है और उनके रणनीतिकार इस कार्य में लग भी गए हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें जीती थी भाजपा

भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें जीती थी और उसने उत्तर भारत के कई राज्यों में क्लीनस्वीप किया था। इसमें सबसे बड़ी जीत उत्तर प्रदेश से थी जहां पर बीजेपी (एनडीए) के 80 में 64 सांसद जीतकर आए थे. लेकिन अब 2024 के चुनाव में उसके सामने ना केवल इससे ज्यादा सीटें जीतने की चुनौती है बल्कि अन्य राज्यों में नई सीट शामिल करने का भी प्लान है और पार्टी ने इस दिशा में काम भी करना शुरू कर दिया है। 2024 के चुनाव को लेकर बीजेपी ने लोकसभा प्रवास अभियान शुरू किया है। इनमें 144 लोकसभा सीटों की पहचान की गई है, जिनकी जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्रियों को सौंपी गई है। बीजेपी ने इन सीटों को इस आधार पर चुना है कि इस पर मेहनत की जाए तो यह उसके खाते में आ जाएंगी।

इसमें ज्यादातर सीटें ऐसी हैं जहां 2019 के चुनाव में बीजेपी को हार मिली थी लेकिन कुछ ऐसी भी सीटें हैं जहां पर उनके प्रत्याशी जीते हैं। भाजपा हर चुनाव की तरह 2024 में भी अपनी जीती हुई सीटों पर रिक्स नहीं लेना चाहती। इसके लिए वह सांसदों के कार्यों की समीक्षा करती है और अगर उनकी परफॉर्मेंस खराब मिली तो उनका टिकट काटकर ने चेहरे को मैदान में उतारा जाता है। बीजेपी नई सीटों को जोड़ने के लिए अपना ज्यादा फोकस दक्षिण भारत पर करना चाह रही है। उसे उम्मीद है उत्तर भारत में जो सीटों का नुकसान होगा वह दक्षिण से उसकी भरपाई करेगी। इसीलिए बीजेपी के चाणक्य अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तेलंगाना, आंध्र, कर्नाटक, तमिलनाडु सरीखे राज्यों का लगातार दौरा कर पार्टी और संगठन को मजबूत करने में लगे हैं।

विपक्षी चेहरे पर रस्साकशी

2014 के चुनाव से बीजेपी का जो सबसे बड़ा हथियार मिला है वह है मोदी नाम, मोदी के नाम पर जनता दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों को आंख बंद कर मतदान किया। वह सांसद को नहीं प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपना मत देती है। अब बीजेपी के सामने इस चेहरे की साख और जनता के भरोसे पर कायम रखने की चुनौती है, हालांकि यह चुनौती कितनी बड़ी होगी यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि विपक्ष क्या करता है, क्या विपक्ष कोई ऐसा चेहरा सामने रखेगा जो मोदी को सीधी टक्कर दे सके, वह चेहरा कौन होगा और क्या उस चेहरे के पीछे सारा विपक्ष एकजुट होगा? इन सवालों के जवाब ही तय करेंगे इस फ्रंट पर बीजेपी को कितनी चुनौतियों का सामना करना होगा। या फिर 2014 और 2019 की तरह चुनाव के ऐन वक्त पर विपक्ष बिखर जाएगा और इसका सीधा फायदा मोदी को मिलेगा।

क्योंकि चुनाव के पहले विपक्षी पार्टियां एकजुट होने का दम तो भरती हैं लेकिन प्रधानमंत्री कौन होगा और इसका नेतृत्व कौन करेगा इन तमाम बातों को लेकर अलग-अलग दलों के नेता बिखर जाते हैं। अभी राष्ट्रीय राजनीति में सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही है इसके बाद आम आदमी पार्टी जिसकी पंजाब और दिल्ली में सरकार है, वह दम भर रही है। मोदी के मुकाबले के लिए कांग्रेस में चेहरा सिर्फ राहुल गांधी हैं, वही आम आदमी पार्टी केजरीवाल के दम पर चुनौती पेशी करती है।

बीजेपी ने गांधी परिवार और कांग्रेस शासनकाल (यूपीए) में तथाकथित घोटालों को उठाकर जिस तरह से अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया है। वह अब भी जारी है, बीजेपी नेताओं के निशाने पर सबसे ज्यादा राहुल गांधी रहते हैं। बीजेपी को पता है कि कांग्रेस को इस फ्रंट पर कैसे घेरना है। वहीं आम आदमी पार्टी अब यह बताने में लगी है कि बीजेपी को सिर्फ केजरीवाल ही टक्कर दे सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे के साथ आएंगे अभी तो फिलहाल यह दिखाई नहीं दे रहा है। अन्य क्षेत्रीय दल भी बीजेपी को हराने के लिए प्लान तो तैयार कर रहे हैं लेकिन क्या वह कांग्रेस की अगुवाई में 2024 की जंग लड़ेंगे यह भी साफ नहीं है। क्योंकि तेलंगाना के सीएम केसीआर अपनी राष्ट्रीय पार्टी बनाकर बीजेपी से मुकाबले की तैयारी कर रहे हैं। वहीं ममता बनर्जी, नीतीश कुमार जैसे नेता भी अपने-अपने दावे पेश रहे हैं। जब विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे पर ही अटैक करेंगे उससे विपक्षी एकता कैसे आगे बढ़ेगी।

2024 में आर्थिक मोर्चे पर बीजेपी घेराबंदी होनी तय

2024 में बीजेपी के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वह आर्थिक मोर्चे पर उसकी घेराबंदी होनी तय है। क्योंकि महंगाई, बेरोजगारी और रुपए में गिरावट का मुद्दा लेकर विपक्षी दल भाजपा को घेरने में लगे हैं। वहीं बीजेपी भी इसका काट ढूंढने में लगी हुई है। वह चुनाव के ऐन वक्त पर ऐसा माहौल बनाती है कि यह सारे मुद्दे पीछे होकर राष्ट्रवाद आगे हो जाता है। कांग्रेस की ओर से इसकी कोशिश में शुरू हुई राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा दक्षिण से शुरू हुई है जो पूरे देश में जाएगी लेकिन यह चुनाव में कितना असर डालेगी यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके रणनीतिकारों को भी भलीभांति मालूम है कि 2024 की लड़ाई में यह तमाम मुद्दे आने वाले हैं। इसी को लेकर वह आगे कार्य भी करने शुरू कर दिए है। पिछले दिनों सरकार ने एलान किया था कि डेढ़ साल के अंदर 10 लाख नौकरियां देंगे। बीजेपी सामाजिक समीकरणों पर भी काम कर रही है वह अल्पसंख्यकों के साथ ओबीसी वर्ग पर खास ध्यान दे रही है साथी लाभकारी योजनाओं की तारीख आगे बढ़ा कर वह अपने वोट बैंक को मजबूत रखने का भी कार्य कर रही है। ऐसे में अगर विपक्ष मोदी को तगड़ी चुनौती देना चाहता है तो उसे एकजुट होकर बीजेपी को घेरना होगा। तभी इसका असर दिखाई देगा।



\
Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story