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RLD in NDA: बीजेपी-आरएलडी का गठबंधन तय, जयंत बोले - 'किस मुंह से इंकार करूं'
RLD in NDA: रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी ने केंद्र के फैसले पर खुशी जाहिर की है। इसी के साथ अब उनका बीजेपी के साथ जाना तय माना जा रहा है।
RLD in NDA: मोदी सरकार ने देश के सबसे बड़े किसान नेता माने जाने वाले दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। केंद्र के इस फैसले ने उत्तर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया है। अभी तक मीडिया से दूरी बनाए रखने वाले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने आज कैमरे के सामने आते ही बड़ा सियासी धमाका कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए भाजपा-आरएलडी गठबंधन पर वो बात बोल दी, जिसकी काफी समय से अटकलें लगाई जा रही थीं।
दरअसल, पत्रकारों ने जयंत चौधरी का मन टटोलते हुए बीजेपी से गठबंधन को लेकर सवाल किए, जिसका जवाब देते हुए रालोद प्रमुख ने कहा, आज मैं किस मुंह से इनकार करूं, कोई कसर रह गई क्या.. आगे उन्होंने कहा कि मैं कितनी सीटें लूंगा इस पर ध्यान न दें। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट पर रिएक्ट करते हुए लिखा था, ‘दिल जीत लिया!’ तभी से यह यह तय माना जाने लगा कि जयंत सपा का साथ छोड़ एनडीए में शामिल हो रहे हैं।
अखिलेश यादव ने भी कर दिया इशारा
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी आज एक तरह से स्पष्ट कर दिया कि उनके और जयंत चौधरी के बीच सियासी दूरियां काफी बढ़ चुकी हैं। RLD प्रमुख जयंत चौधरी से बात होने के सवाल पर उन्होंने कहा, "इधर बात नहीं हुई है। जो बातें होनी हैं वे सब अखबारों में छप रही है।" उनका इशारा आरएलडी-बीजेपी अलायंस को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर था।
दरअसल, शुक्रवार को केंद्र सरकार ने देश के तीन महत्वपूर्ण शख्सियतों को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, हरित क्रांति के जनक और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव शामिल हैं। इससे पहले हाल ही में केंद्र ने दिग्गज समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और देश के पूर्व डिप्टी पीएम और बीजेपी के लौह पुरूष कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया था।
बीजेपी-आरएलडी का गठबंधन तय!
केंद्र सरकार के इस फैसले ने इंडिया गठबंधन को एक और बड़ा झटका दिया है। आरएलडी के एनडीए में शामिल होने की अब महज औपचारिकता भर बाकी रह गई है। पिछले कई दिनों से सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों और जयंत चौधरी की खामोशी ने विपक्षी खेमे की धड़कनें बढ़ा रखी थीं। सपा महासचिव शिवपाल यादव ने आज भी दावा किया था कि जयंत कहीं नहीं जा रहे। लेकिन सूत्रों की मानें तो बीजेपी-आरएलडी के बीच अलायंस के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है। आरएलडी दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। ये दो सीटें बागपत और बिजनौर होंगी। इसके अलावा राज्यसभा की एक सीट भी दी जाएगी।
यूपी-बिहार में इंडिया ब्लॉक में लग गई सेंध
अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी की एकला चलो की रणनीति के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अब रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के एनडीए में जाने के निर्णय ने विपक्षी खेमे में हड़कंप मचा दिया है। इसकी टाइमिंग भी बेहद खास है। राहुल गांधी 14 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर यूपी के चंदौली में प्रवेश कर रहे हैं।
इससे पहले यूपी में इंडिया ब्लॉक अपने एक महत्वपूर्ण सहयोगी को गंवा चुकी होगी। इसी तरह राहुल जब बिहार में अपनी यात्रा को लेकर प्रवेश करने वाले थे, तब नीतीश कुमार ने झटका देते हुए एनडीए का दामन थाम लिया था। नीतीश और जयंत यूपी-बिहार के इन दो दिग्गजों ने जिस तरीके से पाला बदला है उसका पैटर्न भी कमोबेश एक-जैसा है।
इस तारीख को एनडीए में आने की घोषणा करेंगे जयंत !
राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी पिछले कई दिनों से मीडिया से दूरी बनाए हुए थे। बताया जाता था कि वो इस वक्त बहुत कम लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। काफी समय बाद उनकी ओर से कोई ट्वीट किया गया। इसमें में भी उन्होंने केवल अपने दादा को भारत रत्न मिलने के फैसले पर खुशी जाहिर की। बीजेपी के साथ गठबंधन पर कुछ भी नहीं बोला।
12 फरवरी को छोटे चौधरी के नाम से मशहूर दिवंगत नेता चौधरी अजित सिहं की जयंती है। इस दिन छपरौली में उनकी प्रतिमा का अनावरण होना है। माना जा रहा है कि इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं और इसी दिन जयंत के आधिकारिक रूप से एनडीए में शामिल होने का ऐलान होगा।
चौधरी चरण सिंह की तस्वीर ट्वीट कर पीएम ने दी जानकारी
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की तस्वीर एक्स परे शेयर करते हुए लिखा, ‘हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।‘