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अपनों की ही चाल से भाजपा बेदम, नहीं ला पा रहे अविश्वास प्रस्ताव

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Published on: 4 Aug 2017 7:20 AM GMT
अपनों की ही चाल से भाजपा बेदम, नहीं ला पा रहे अविश्वास प्रस्ताव
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आरबी त्रिपाठी

लखनऊ: चित्रकूट जिला पंचायत अध्यक्ष मैना देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को कई सदस्य बेचैन हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व उदासीन है। वह मदद नहीं करना चाहता, जबकि सपा सरकार के समय हालात पक्ष में होने के बावजूद सपा के लोगों ने ऐसे कांटे बोए कि भाजपा के सदस्य को चुनाव मैदान में उतरने ही नहीं दिया।

इलाहाबाद में भाजपा के लोग ताकत लगा रहे थे, लेकिन फिलहाल सरकार में बैठे लोगों से ही सपाई जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह को ऑक्सीजन मिल रही है। इसीलिए अविश्वास प्रस्ताव नहीं आ पा रहा है।

दो जिलों के ये उदाहरण पूरी तस्वीर बयां करते हैं। ऐसे ही प्रदेश के कई जिले हैं, जहां अंतरविरोधों से जूझ रही भाजपा अपनी ताकतवर सरकार के बावजूद जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत का चुनाव जबरन जीत लेने वाले सपाइयों को मात नहीं दे पा रही है। विपक्ष में रहते हुए इन पदों पर जीत के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं में जो जोश था, उस पर अपनों ने ही ठंडा पानी डाल दिया। बदलाव हो रहे हैं, अविश्वास प्रस्ताव भी लाए जा रहे हैं, लेकिन रफ्तार धीमी पड़ गई है।

60 जिलों में है सपा का कब्जा: जनवरी 2016 में जब जिला पंचायतों के चुनाव हुए तो प्रदेश के 75 जिलों में 60 पर सपा के लोगों ने जैसे तैसे कब्जा कर लिया था। विपक्षी दल होने के बावजूद भाजपा के लोग उस समय खूब लड़े थे लेकिन सत्ता की ताकत के आगे उनकी नहीं चली। सपा को पता था कि उसने सरकार के बल पर अध्यक्ष पद हासिल किए हैं। लिहाजा उन्हें सुरक्षित किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार के स्तर से कोशिश शुरू हुई। एक साल में अविश्वास प्रस्ताव लाने की व्यवस्था को दो साल में करने की चाल चली गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई।

आगे की स्लाइड में जानिए कितने जिलों में होने हैं चुनाव

11 जिलों में होने हैं चुनाव: जिला पंचायत अध्यक्ष के 11 पद फिलहाल खाली हो सके हैं। मऊ, मेरठ, कौशाम्बी, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, संत कबीननगर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, हाथरस, गाजीपुर, सीतापुर जिलों में अध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं। ब्लॉक प्रमुखों के भी 29 पद ही अब तक खाली हो पाए हैं। इनमें उपचुनाव 13 और 22 अगस्त को होने हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले इसके लिए 16 और 23 जुलाई की तारीख तय की थी लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के नाते यह तारीख मुल्तवी की गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष औ ब्लॉक प्रमुखों के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्तावों पर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच कुछ जिलों में नोकझोंक चल रही है। सपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा सत्ता के बल पर जबर्दस्ती कर रही है। हालांकि अपनी सत्ता के समय उन्होंने क्या किया था, यह पूछने पर बगलें झांकने लगते हैं।

हमने किसी जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख पद पर उस तरह जबरन कब्जा नहीं किया था, जिस तरह से भाजपा कर रही है। भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। जनता सारी सच्चाई जान रही है। समय आने पर इस तरह के जुल्म और ज्यादती का भाजपा को माकूल जवाब मिलेगा। यह शासनतंत्र का खुलेआम दुरुपयोग है। सदस्यों को धमकाया जा रहा है। उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जा रही है।

-रामगोविंद चौधरी, नेता समाजवादी पार्टी

जिलों में जो अविश्वास प्रस्ताव आ रहे हैं, वहीं की स्थानीय इकाइयां जो रिपोर्ट दे रही हैं, उनके आधार पर ही नियमानुसार कार्रवाई चल रही है। सरकार और भाजपा का इससे कोई मतलब नहीं है। जोरजबर्दस्ती तो समाजवादी पार्टी का काम रहा है। उन्होंने जो किया है, वही उन्हें मिल रहा है।

-हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, प्रवक्ता भाजपा

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