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UP Politics: जयंत के हाथ मिलाने के बाद भी भाजपाई खेमे ने साध रखी है चुप्पी, 10 दिन बाद भी नहीं हुआ ऐलान, गठबंधन में कहां फंस रहा पेंच

UP Politics: पार्टी नेताओं की ओर से गठबंधन पर मुहर लगने की बात तो कही गई है मगर दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 21 Feb 2024 3:14 AM GMT
Jayant Chaudhary
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Jayant Chaudhary   (photo: social media )

UP Politics: समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया था। जयंत चौधरी के इस ऐलान के 10 दिन बाद भी भाजपाई खेमे ने पूरी तरह चुप्पी साथ रखी है। पार्टी नेताओं की ओर से गठबंधन पर मुहर लगने की बात तो कही गई है मगर दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है।

ऐसे में दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसने की बात भी कहीं जाने लगी है। दूसरी ओर यह तर्क भी दिया जा रहा है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन के बाद सीट बंटवारे के ऐलान के लिए सही मौके का इंतजार किया जा रहा है। किसानों का आंदोलन खत्म होने के बाद रालोद के एनडीए में शामिल होने का जोरदार ढंग से ऐलान किया जा सकता है।

जयंत के ऐलान पर भाजपा नेताओं की चुप्पी

रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने कई दिनों पूर्व एनडीए में शामिल होने की घोषणा की थी मगर अभी तक भाजपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। भाजपा नेताओं के साथ मुलाकात की जयंती की कोई तस्वीर भी अभी तक जारी नहीं हुई है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं ने भी इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है।

हालांकि भाजपा नेताओं की ओर से यह बात जरूर कही गई है कि इस बात आखिरी फैसला केंद्रीय नेतृत्व की ओर से लिया जा रहा है। रालोद नेताओं की ओर से बागपत, कैराना, बिजनौर और मथुरा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही गई थी मगर अभी तक भाजपा की ओर से इस बाबत कोई अधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसने की बात भी कहीं जाने लगी है।

घोषणा के लिए सही समय का इंतजार

वैसे रालोद नेताओं का कहना है कि भाजपा के साथ गठबंधन फाइनल हो चुका है और इस बाबत बस औपचारिक घोषणा होना बाकी है। यह तर्क भी दिया जा रहा है कि गठबंधन का ऐलान करने के लिए उचित मौके का इंतजार किया जा रहा है। कुछ नेताओं का कहना है कि बागपत के छपरौली में चौधरी अजित सिंह की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर दोनों दलों के बीच गठबंधन का बड़ा ऐलान किया जा सकता है।

रालोद से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस प्रतिमा का अनावरण कराया जा सकता है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक इसके पहले रालोद और भाजपा के बीच गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।

किसान आंदोलन के कारण फंसा मामला

वहीं कुछ दूसरे नेताओं का कहना है कि किसानों के आंदोलन के कारण गठबंधन के ऐलान में देरी हो रही है। एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने आंदोलन छेड़ रखा है और इस मुद्दे पर जयंत की खामोशी को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि किसानों से जुड़ा यह महत्वपूर्ण मुद्दा सुलझने का इंतजार किया जा रहा है।

मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन के समय राष्ट्रीय लोकदल ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। उस समय रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने कई पंचायतों को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था।

हालांकि रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि रालोद किसानों की पार्टी है और किसानों से जुड़े हुए मुद्दों पर कभी चुप नहीं बैठेगी मगर माना जा रहा है कि किसानों का आंदोलन ही गठबंधन के ऐलान में बड़ी रुकावट बनकर उभरा है। यह आंदोलन खत्म होने के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन का ऐलान करते हुए सीट बंटवारे पर मुहर लगा दी जाएगी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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