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Lok Sabha By poll: प्रदेश की दोनों सीटों पर मायावती ने किया असली खेल, इस तरह आसान कर दी भाजपा की राह
Lok Sabha By poll: भाजपा को दोनों सीटों पर मिली जीत के पीछे बसपा मुखिया मायावती ने सपा को हराने में काफी अहम भूमिका निभाई है।
Up Lok Sabha By Election Result 2022: उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल करके सपा को करारा झटका दिया है। भाजपा की जीत सियासी नजरिए से इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों को सपा का गढ़ माना जाता है। वैसे भाजपा को दोनों सीटों पर मिली इस जीत के पीछे बसपा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बसपा मुखिया मायावती ने इन दोनों सीटों पर सपा को हराने में काफी अहम भूमिका निभाई है।
आजमगढ़ में बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने सपा के वोट बैंक में जबर्दस्त सेंधमारी की है जबकि रामपुर लोकसभा सीट पर बसपा ने प्रत्याशी न लड़ाकर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की ही मदद की। इन दोनों सीटों पर हुए लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने जिस तरह सपा की राह में रोड़े अटकाए हैं, उससे साफ हो गया है कि सपा के लिए 2024 की सियासी जंग में भी राह काफी मुश्किल होने वाली है। मायावती ने यह सियासी प्रयोग आगे भी जारी रखने का संकेत दिया है। इसे सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है।
पुराना जनाधार पाकर बसपा खुश
यदि आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव को देखा जाए तो इस सीट पर बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली ने 2,66,210 मत हासिल करके सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव की हार का मार्ग प्रशस्त कर दिया। धर्मेंद्र यादव 3,04,089 मत हासिल कर सके जबकि भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ 3,12,767 मत हासिल करके 8679 मतों से जीत हासिल की।
आजमगढ़ को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है मगर बसपा भी जिले में ताकत दिखाती रही है। बसपा को इस बार के चुनाव में हार का मुंह जरूर देखना पड़ा है मगर पार्टी अपना पुराना जनाधार हासिल करके खुश दिखाई दे रही है।
सपा के मतों में आई गिरावट
2022 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की तरह सभी विधानसभा सीटों पर सपा को जीत हासिल हुई थी। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत जो पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं उनमें सपा को 4.35 लाख मत हासिल हुए थे। इस लिहाज से देखा जाए तो सपा का वोट काफी कम हो गया है।
भाजपा ने इन पांचों विधानसभा क्षेत्रों में 3.30 लाख मत हासिल किए थे और पार्टी के मतों में ज्यादा गिरावट नहीं आई है। बसपा को 2.20 लाख मत मिले थे और उसके मतों की संख्या में इस बार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली मुस्लिमों के साथ ही दलितों का समर्थन हासिल करने में भी कामयाब रहे।
मुस्लिम वोट बैंक में जबर्दस्त सेंधमारी
विधानसभा चुनाव के दौरान मुस्लिमों का एकतरफा वोट सपा के खाते में गया था जबकि इस बार के लोकसभा चुनाव उपचुनाव में ऐसा नहीं हो सका। सदर, मेहनगर और सगड़ी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा सबसे आगे रही। मुस्लिम बहुल गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में सपा को बसपा से सिर्फ 1200 मत ही ज्यादा मिले जबकि एक और मुस्लिम बहुल इलाके मुबारकपुर में बसपा ने सपा को पिछाड़ दिया। जानकारों का कहना है कि बसपा आजमगढ़ उपचुनाव में मुस्लिमों का 55 फ़ीसदी मत हासिल करने में कामयाब रही जबकि सपा प्रत्याशी को 42 फीसदी मुस्लिमों का ही समर्थन मिला।
इससे समझा जा सकता है कि सपा को हराने में बसपा ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई। आजमगढ़ में भाजपा और सपा के बीच कांटे का मुकाबला था और यदि मुस्लिम वोट बैंक में सेंध न लगी होती तो सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव आसानी से जीत हासिल कर सकते थे। सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने भी मुस्लिम वोट बैंक में बसपा की जबर्दस्त सेंधमारी को अपनी हार का प्रमुख कारण बताया है।
रामपुर में प्रत्याशी न लड़ाकर किया खेल
अब यदि दूसरे चुनाव क्षेत्र रामपुर को देखा जाए तो बसपा ने यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था। बसपा मुखिया मायावती ने यहां प्रत्याशी न लड़ा कर भाजपा और सपा के बीच सीधे मुकाबले की तस्वीर पहले ही साफ कर दी थी। रामपुर को सपा नेता मोहम्मद आजम खान का गढ़ माना जाता रहा है मगर इस बार भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने इस सीट पर जीत हासिल करके सपा और आजम को करारा झटका दिया है।
रामपुर में दलित मतदाताओं की भूमिका भी अहम मानी जाती है और बसपा ने यहां प्रत्याशी न लड़ाकर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की ही मदद की। चुनावी नतीजों से साफ हो गया है कि भाजपा दलितों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रही। रामपुर सीट पर अभी तक भाजपा सिर्फ चार बार जीत हासिल कर सकी है।
आगे भी प्रयोग जारी रखेंगी मायावती
चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि एक बार फिर यह बात साबित हो गई है कि भाजपा को हराने की सैद्धांतिक व जमीनी ताकत सिर्फ बसपा में ही है। उन्होंने कहा कि समुदाय विशेष को समझाने का प्रयास आगे भी जारी रहेगा ताकि प्रदेश में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक बदलाव को अंजाम दिया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा व सपा के तमाम हथकंडों के बावजूद बसपा आजमगढ़ में कांटे की टक्कर देने में कामयाब रही है।
मायावती के इस बयान से साफ हो गया है कि वे आगे भी सपा की राह में मुश्किलें खड़ी करती रहेंगी। सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर ने उपचुनाव के दौरान भाजपा-बसपा गठबंधन का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा को हराने के लिए दोनों पार्टियों ने मिलकर काम किया। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव को नसीहत भी दी है कि चुनाव में जीत हासिल करने के लिए उन्हें ऐसी कमरे से बाहर निकलकर संघर्ष करना होगा। एसी कमरे में बैठकर चुनावी लड़ाई में कभी जीत नहीं हासिल की जा सकती।