TRENDING TAGS :
Agneepath Scheme Protest in UP: किसान यूनियन ने अब 'अग्निपथ योजना' के खिलाफ खोला मोर्चा, उतरे सड़क पर
अग्निपथ योजना के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन के किसानों ने प्रदर्शन किया। बांदा, मथुरा और महोबा में किसानों ने अग्निपथ स्कीम और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया।
BKU Protest Against Agneepath Scheme : केंद्र सरकार हाल ही में रक्षा सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) लेकर आई। जिसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए। हालांकि, कुछ दिनों की शांति के बाद आज एक बार फिर प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार 24 जून 2022 को किसान सड़क पर उतरे और इस योजना का विरोध किया। बांदा, मथुरा और महोबा में प्रदर्शनकारियों ने अग्निपथ स्कीम और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया।
मथुरा : 'अग्निपथ' के खिलाफ सड़क पर किसान
केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ योजना' का विरोध आज एक बार फिर मथुरा की सड़कों पर देखने को मिला। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ अब किसान यूनियन भी इसमें कूद पड़े हैं। भारतीय किसान यूनियन के विरोध की ऐसी ही तस्वीर मथुरा से आई है। यहां भाकियू (BKU) राकेश टिकैत गुट के कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला। यह मार्च कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचा। यहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की। किसानों ने 'अग्निवीर योजना' ((Agneepath Yojana)) को काला कानून बताते हुए राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में भाकियू ने इस योजना को वापस लेने की मांग की है।
राष्ट्रपति से मांग- जल्द ख़त्म हो योजना
इस संबंध में भाकियू के प्रदेश महासचिव बुद्धा सिंह ने बताया कि, 'केंद्र सरकार सेना भर्ती योजना को जनता के बीच सही ढंग से पेश नहीं कर पाई है। केंद्र सरकार ने युवाओं का भविष्य आग में झोंक दिया। जिस वजह से युवा आज कानून अपने हाथ में लेने को विवश हैं। उन्हें विवश सरकार ने किया। उन्होंने कहा, हमारी राष्ट्रपति महोदय से मांग है कि इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। जिससे फौज में भर्ती होने वाले युवाओं के आक्रोश को शांत किया जा सके।' किसान नेता बुद्धा सिंह ने बताया के ज्ञापन देने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पर हजारों की संख्या में युवा आने वाले थे, लेकिन हमारा उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखनी थी। हम अग्निपथ योजना को लेकर सरकार और राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस योजना को वापस लिया जाए।
बांदा : 'मोदी सरकार 4 साल बाद युवाओं को बीहड़ भेजेगी'
इसी तरह का प्रदर्शन यूपी के एक अन्य जिले बांदा में भी देखने को मिला। अग्नीपथ योजना के विरोध में बुंदेलखंड किसान यूनियन के लोगों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की। शुक्रवार को बांदा में अग्निपथ योजना के विरोध में 'बुंदेलखंड किसान यूनियन'(Bundelkhand Kisan Union) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा के नेतृत्व में किसानों का जत्था सड़क पर उतरा। बांदा सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंपा। 'अग्निपथ योजना' के विरोध में बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार देश के जवान और किसान के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जा रही है। इसलिए इस योजना को रद्द किया जाए।
विमल शर्मा ने कहा, जो जवान सरहद पर देश की रक्षा करता है, वो किसान के बच्चे हैं। इसलिए जवानों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान यूनियन के लोगों की मांग है कि युवाओं को सेना में स्थायी नौकरी दी जाए। विमल शर्मा ने आरोप लगाया कि, क्या 4 साल बाद रिटायर होने के बाद अग्निवीर बीहड़ का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे। मोदी सरकार को यह योजना तत्काल निरस्त करना होगा।'
बुंदेलखंड किसान यूनियन'(Bundelkhand Kisan Union) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने आगे कहा कि, केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लाखों नौकरी के पद खाली पड़े हैं। उन्होंने मांग की है कि इन रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। अगर, यह योजना अपने वर्तमान स्वरूप में लागू होती है तो आने वाले 15 वर्षो में हमारे सैनिकों बलो की संख्या आधी से भी कम रह जाएगी। इस मौके पर विमल कुमार शर्मा, अध्यक्ष बुंदेलखंड यूनियन, अनुपा सिंह, राजकुमारी ममता देवी माया देवी, राजा, मनीष तिवारी आदि मौजूद थे।
महोबा : कृषि कानून की तहत अग्निपथ को भी निरस्त करे सरकार
'अग्निपथ योजना' के विरोध में किसानों ने महोबा के कलेक्ट्रेट में धरना दिया। इस दौरान अग्नीपथ स्कीम को निरस्त किए जाने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा गया। जिसमें कहा गया, कि किसानों के बच्चों के साथ सरकार धोखा करने की नियत से यह योजना लायी है। पूर्व में ऐसा ही 'कृषि कानून' लाकर किया था। कृषि कानून से भी किसानों का अहित था। अब इस कानून से किसानों के बच्चों का अहित करने पर सरकार तुली है। अपने बच्चों के साथ ये अन्याय किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों ने धरना-प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार से 'अग्नीपथ योजना' को वापस लेने की मांग की है।
किसान पुत्रों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं
संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर आज 24 जून को महोबा में भी तमाम किसान संगठनों ने एकजुटता दिखते हुए अग्निपथ योजना का विरोध किया। विभिन्न संगठनों के बैनर तले किसानों ने कलेक्ट्रेट में इकट्ठा होकर अग्निपथ योजना के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। किसान धरने पर बैठे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने अग्नीपथ योजना को किसान पुत्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। किसानों ने प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा।
कृषि कानून से की अग्निपथ योजना की तुलना
किसानों का कहना है कि पूर्व में भी किसानों के विरोध में यही सरकार कृषि कानून लेकर आई थी जिसके लिए किसानों को सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़नी पड़ी थी। सरकार को झुककर कृषि कानून को वापस लेना पड़ा था। आज एक बार फिर सरकार किसान पुत्रों का भविष्य बर्बाद करने के लिए 'अग्निपथ' नामक योजना लाई है, जो किसी भी लिहाज से युवाओं के हित में नहीं है। फौज में किसान पुत्र ही भर्ती होते हैं। उस पर भी 4 साल का अग्निपथ नाम का झुनझुना पकड़ा कर किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। किसान ये बर्दाश्त नहीं करेगा।
मिर्ज़ापुर
भारतीय किसान यूनियन ने जिला मुख्यालय पर किया धरना प्रदर्शन, यूनियन ने अग्निपथ को सरकार की गलत नीति बताते हुए इसे वापस लेने की बात कही। किसान नेताओं ने कहा कि यह देश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। किसान आंदोलन की तरह ही इसका विरोध भी होगा। इसके साथ ही किसान नेताओं ने वाराणसी शक्तिनगर राजमार्ग एस एस- 5 पर मानक के विपरीत 113 किमी के बीच स्थापित तीन टोलप्लाजा को गलत बताया । कहा कि किसानों का शोषण होगा इसे तत्काल हटाया जाय।
अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन द्वारा राष्ट्रपति के नाम से संबोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया है उसे पहुंचा दिया जाएगा।