Black Fungus: पोस्ट कोविड मरीज़ रखें अपना विशेष ख़्याल, बरसात के दिनों में बढ़ रहे 'ब्लैक फंगस' के मरीज़

Black Fungus: ब्लैक फंगस से ग्रसित लोगों में सिर दर्द, जी मचलाना, नाक बंद होना, चेहरे का आकार बदल जाना, काली पपड़ी का बनना इत्यादि लक्षण देखे गए हैं।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Vidushi Mishra
Published on: 28 Jun 2021 3:05 PM GMT
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Black Fungus: कोरोना से उबर चुके लोगों के लिए ब्लैक फंगस एक नया सिरदर्द बनकर उभरा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस फंगस से ग्रसित मरीज़ मिले हैं। केन्द्र व राज्य सरकारें मिलकर इस फंगस से ग्रसित लोगों के उपचार के लिए व्यवस्थाओं में लगी हैं। मग़र, ऐसा देखा गया है कि यह फंगस बरसात के दिनों में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे डॉक्टरों का तर्क है कि गर्मी व नमी के कारण ही फंगल इंफेक्शन तेजी से फैलता है। इसलिए, यह पोस्ट कोविड मरीज़ों के लिए खतरा बन सकता है, क्योंकि उनकी इम्युनिटी कम होती है।

क्या हैं लक्षण?

ब्लैक फंगस से ग्रसित लोगों में सिर दर्द, जी मचलाना, नाक बंद होना, चेहरे का आकार बदल जाना, काली पपड़ी का बनना इत्यादि लक्षण देखे गए हैं। वहीं, इससे ग्रसित गंभीर मरीज़ों में जबड़े की हड्डी का नुकसान भी देखा गया है।

• सिर दर्द

• जी मचलाना

• नाक बंद होना

• चेहरे का आकार बदलना

• काली पपड़ी का बनना

• आंशिक पक्षाघात

• सूजन

• जबड़े की हड्डी का नुकसान (बद्तर हालात में)

पोस्ट कोविड मरीज़ इन बातों का रखें ख़्याल

ब्लैक फंगस (फोटो-सोशल मीडिया)

जो व्यक्ति कोरोना वायरस की चपेट से मुक्त हो चुके हैं, उन्हें कुछ बातों का ख़्याल रखना जरूरी है। जिससे वह ब्लैक फंगस से ग्रसित होने से बच सकते हैं।

क्या करें:-

• आर्द्रता वाले माहौल से ख़ुद को दूर रखें।

• अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर फोकस करें।

• इसके लिए फल व हरी सब्जियों का सेवन करना जरूरी है।

• ब्लड शुगर नियमित रूप से चेक करें। नियंत्रित रखने की कोशिश करें।

क्या न करें:-

• शरीर पर फंगल संबंधित समस्या दिखने पर उसे अनदेखा न करें।

• बासी भोजन बिल्कुल न करें।

• अनावश्यक स्टेरायड का सेवन न करें।

• भाप लेने के लिए रखा हुआ पानी इस्तेमाल न करें।

• बगैर सलाह के एंटीफंगल न लें।

बरसात के दिनों में क्यों बढ़ता है ब्लैक फंगस?

लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने बरसात के दिनों में ब्लैक फंगस के बढ़ने का कारण बताते हुए कहा कि 'इस मौसम में नमी बहुत ज्यादा होती है। जिससे ब्लैक फंगस तेज़ी से बढ़ता है।

किसी भी प्रकार से कोशिश यह रहे कि जो डायबिटिक पेशेंट हैं या जो पोस्ट कोविड मरीज़ हैं, वह अपना विशेष रूप से ख़्याल रखें।' साथ ही डॉ. श्रीकेश ने बताया कि ऐसे पेशेंट्स अपना ब्लड शुगर रोज़ाना चेक करते रहें व हर रोज़ मॉनिटरिंग कराते रहें।

केजीएमयू व लोहिया में मरीज़ों का आंकड़ा

ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज़ों के अग़र आंकड़ों के बारे में। बात करें, तो पिछले तीन दिनों से मरीज़ों की संख्या में कमी आई है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक- पिछले तीन दिनों में 9-10 मरीज़ भर्ती हुए हैं। जिनको मिलाकर अभी तक क़रीब 470 मरीज़ आ चुके हैं। वहीं, लोहिया के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि लोहिया में पिछले तीन दिन से एक भी मरीज़ नहीं भर्ती हुआ।

Vidushi Mishra

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