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जालौन में मिला ब्लैक फंगस का पहला केस, प्रशासन हुआ सतर्क

जालौन में ब्लैक फंगस का पहला मामला पाया गया है, जिसके बाद प्रशासन सतर्क हो गया है और इसे लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं।

Afsar Haq
Reporter Afsar HaqPublished By Shreya
Published on: 20 May 2021 6:59 PM IST (Updated on: 20 May 2021 7:02 PM IST)
जालौन में मिला ब्लैक फंगस का पहला केस, प्रशासन हुआ सतर्क
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लाल आंखें- वायरस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Black Fungus: देश इस वक्त कोरोना वायरस (Corona Virus) समेत ब्लैक फंगस (Black Fungus) से लड़ाई लड़ रहा है। अभी देश कोरोना महामारी से तो पूरी तरह उभरा नहीं है कि इसी के साथ ही ब्लैक फंगस भी अपना कहर बरपा रहा है। जिसको लेकर देश के चार राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी ब्लैक फंगस के केसों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। वहीं, प्रदेश के जिले जालौन में ब्लैक फंगस का मामला मिलने से जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। स्वाथ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की और जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन (DM Priyanka Niranjan) ने निगरानी टीम को इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश भी दिए हैं।

प्रशासन ने जारी किए दिशानिर्देश

बता दें कि कोविड के बाद अब ब्लैक फंगस का मकड़जाल फैलाना शुरू हो गया है। जिले में कोरोना के साथ ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है। जिसको लेकर प्रशासन ने जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। वर्तमान में जिले में लगातार कोरोना महामारी के संक्रमण की दर कम हो रही है और इसको जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक अभियान के तहत गांव-गांव में टीकाकरण अभियान करवाया जा रहा है।

अधिकारियों के साथ बैठक करतीं जिलाधिकारी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वहीं, जिले में ब्लैक फंगस का एक मामला आने के बाद जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ संबंधित विभागों की बैठक कर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ टीम भेज दी है। साथ ही ब्लैक फंगस के लक्षण होने पर तुरंत कंट्रोल रूम से संपर्क करने के लिए कहा गया है, जिससे संक्रमित मरीज को होम आइसोलेशन में रहते हुए मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

लखनऊ से मंगाई जा रहीं दवाइयां

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि नाक कान गला रोग विशेषज्ञ और आंखों के विशेषज्ञ को विशेष तौर पर मरीजों के लक्षण मिलने पर उपचार करने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही जिले में एक ही मामला प्रकाश में आने के बाद ब्लैक फंगस से जुड़ी दवाइयां लखनऊ से मंगाई जा रही हैं और दवाइयों की कमी ना हो इसके लिए टीमें लगा दी गई हैं।

भारत इस वक्त कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इस जंग के बीच कई राज्यों में म्यूकोरमाइकोसीस यानी ब्लैक फंगस (Black fungus) की दस्तक होने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, बिहार समेत कई राज्य इसकी चपेट में आ चुके हैं। ब्लैक फंगस उन लोगों पर ज्यादा अटैक कर रहा है जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

क्या है ब्लैक फंगस?

कोरोना मरीजों (Covid patient) में म्यूकोरमाइकोसीस (Mucormycosis) फंगल इन्फेक्शन (Fungal infection) बहुत ज्यादा देखा जा रहा है। जो एक खतरे की घंटी है। इस फंगल इन्फेक्शन के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके लिए गाइडलाइन्स (Guidlines) जारी कर दिए हैं। जिससे कोरोना मरीजों को ठीक होने में मदद मिलेगी। जैसे कोरोना संक्रमण को नजरअंदाज नहीं किया जा साकता वैसे ही म्यूकोरमाइकोसीस इन्फेक्शन को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसा करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

लाल आंखे-वायरस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कैसे पहचाने म्यूकोरमाइकोसीस के लक्षण

अगर बात करें ब्लैक फंगस (Black Fungus) के लक्षण की तो यह फंगल इन्फेक्शन आप के चेहरे पर सीधा असर डालता है। जिससे आपकी बनावट में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही यह शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। जैसे सिर में बहुत ज्यादा दर्द होना, आंखों की रोशनी कम हो जाना या खराब होना, इस इन्फेक्शन से आपके गले से लेकर आंखों और चेहरे पर सूजन दिखेगी।

इसके अलावा आंखों में लालपन होना, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी में खून आना, पेट में दर्द। स्किन में इंफेक्शन होने पर कालापन आ जाता है। यह फंगस रोगियों के दिमाग पर भी गहरा असर डालता है। ऐसे में अगर ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

म्यूकोरमाइकोसीस से बचाव

काम के दौरान मास्क पहना ना भूले, ख़ास तौर पर किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर काम के दौरान।

बागवानी के दौरान भी अपने शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें।

साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।

डायबिटीज पर कंट्रोल रखें।

इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या एस्ट्रोराइड का कम से कम इस्तेमाल करें।

जरूरत पड़ने पर ही एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल करें।

कोरोना से रिकवरी के बाद ब्लड ग्लूकोज का लेवल मॉनिटर करते रहें।



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Shreya

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