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Black Fungus: यूपी में 'Black Fungus' महामारी घोषित, ये राज्य भी कर चुके हैं एलान

Black Fungus: उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है। अब तक राज्य में 200 मामले सामने आ चुके हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 21 May 2021 7:27 AM GMT (Updated on: 21 May 2021 7:53 AM GMT)
बड़ी खबर: यूपी में
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(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Black Fungus: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच ब्लैक फंगस ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में कई राज्यों में इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है। अब इन राज्यों में उत्तर प्रदेश का नाम भी शामिल हो गया है। यूपी में भी ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है।

बता दें कि महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान समेत यूपी में भी ब्लैक फंगस के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। इस इंफेक्शन के चलते कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में कोविड की तर्ज पर ब्लैक फंगस को भी सरकार ने महामारी घोषित कर दिया है। बता दें कि ब्लैक फंगस के बढ़ते हुए कहर के मद्देनजर केंद्र ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इसके लिए सतर्क करते हुए म्यूकरमाइकोसिस को महामारी एक्ट के तहत अधिसूचित रोग घोषित करने को कहा था।

अब तक 200 केस आए सामने

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब तक 'ब्लैक फंगस' के 200 केस सामने आ चुके हैं। जबकि अब तक कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है। लखनऊ, वाराणसी और मेरठ में म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) के ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं।

कई राज्यों में यह बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। अब तक भारत में Black Fungus के चलते करीब 100 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। सबसे ज्यादा घातक रूप इसका महाराष्ट्र (Maharashtra), हरियाणा (Hariyana) और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में देखने को मिल रहा है।

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इन राज्यों में घोषित की गई महामारी

बता दें कि उत्तर प्रदेश से पहले ओडिशा नवीन पटनायक सरकार ने म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस को महामारी एक्ट 1897 (Epidemic Diseases Act 1897) के तहत अधिसूचित बीमारी माना है। इसके अलावा राजस्थान सरकार ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया है। गुजरात में भी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले के बाद इसे महामारी घोषित किया गया है।

यही नहीं इसके अलावा हरियाणा में भी इसे महामारी घोषित किया गया है। बता दें कि संक्रमण को महामारी घोषित करने वाला हरियाणा पहला राज्य था। हालांकि अभी महाराष्ट्र और दिल्ली में इसे महामारी घोषित नहीं किया गया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार का कहना है कि जरुरत पड़ने पर इसे महामारी घोषित किया जाएगा।

Black Fungus को लेकर एक्शन में केंद्र

वहीं, केंद्र की ओर से भी इस बीमारी को लेकर पूरी सतर्कता दिखाई जा रही है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को ऐलान किया कि म्यूकोरमाइकोसिस के इलाज में उपयोगी दवा एम्फोटेरिसीन-बी की कमी के मुद्दे जल्द समाधान किया जाएगा। कई नई दवा कंपनियों को इस औषधि के विनिर्माण की मंजूरी दी गई है।

क्या है ब्लैक फंगस?

कोरोना मरीजों (Covid patient) में म्यूकोरमाइकोसीस (Mucormycosis) फंगल इन्फेक्शन (Fungal infection) बहुत ज्यादा देखा जा रहा है। जो एक खतरे की घंटी है। इस फंगल इन्फेक्शन के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके लिए गाइडलाइन्स (Guidlines) जारी कर दिए हैं। जिससे कोरोना मरीजों को ठीक होने में मदद मिलेगी। जैसे कोरोना संक्रमण को नजरअंदाज नहीं किया जा साकता वैसे ही म्यूकोरमाइकोसीस इन्फेक्शन को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसा करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

कैसे पहचाने म्यूकोरमाइकोसीस के लक्षण

अगर बात करें ब्लैक फंगस (Black Fungus) के लक्षण की तो यह फंगल इन्फेक्शन आप के चेहरे पर सीधा असर डालता है। जिससे आपकी बनावट में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही यह शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। जैसे सिर में बहुत ज्यादा दर्द होना, आंखों की रोशनी कम हो जाना या खराब होना, इस इन्फेक्शन से आपके गले से लेकर आंखों और चेहरे पर सूजन दिखेगी।

इसके अलावा आंखों में लालपन होना, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी में खून आना, पेट में दर्द। स्किन में इंफेक्शन होने पर कालापन आ जाता है। यह फंगस रोगियों के दिमाग पर भी गहरा असर डालता है। ऐसे में अगर ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

म्यूकोरमाइकोसीस से बचाव

काम के दौरान मास्क पहना ना भूले, ख़ास तौर पर किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर काम के दौरान।

बागवानी के दौरान भी अपने शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें।

साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।

डायबिटीज पर कंट्रोल रखें।

इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या एस्ट्रोराइड का कम से कम इस्तेमाल करें।

जरूरत पड़ने पर ही एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल करें।

कोरोना से रिकवरी के बाद ब्लड ग्लूकोज का लेवल मॉनिटर करते रहें।

Shreya

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