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साढ़े सात सौ रुपये में रेमडेसिविर सप्‍लाई को तैयार, प्रशासन से मदद की गुहार

लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्‍सीजन (Oxygen) और रेमडेसिविर (Remdesivir) की कालाबाजारी का सामना करना पड़ रहा है।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 24 April 2021 4:40 PM IST (Updated on: 24 April 2021 4:41 PM IST)
साढ़े सात सौ रुपये में रेमडेसिविर सप्‍लाई को तैयार, प्रशासन से मदद की गुहार
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ऑक्‍सीजन और रेमडेसिविर (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के बाद ऑक्‍सीजन (Oxygen) लेवल घटने पर मददगार रेम‍डेसिविर (Remdesivir) दवा की कालाबाजारी के बीच राजधानी लखनऊ के थोक विक्रेता ने दावा किया है कि वह साढ़े सात सौ रुपये में मरीजों को दवा देने के लिए तैयार हैं। केवल शासन –प्रशासन उनकी मदद करे और उन मरीजों तक दवा पहुंचा दे जिन्‍हें इसकी जरूरत है।

राजधानी लखनऊ में रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्‍शन की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने दो दिन में कार्रवाई की है लेकिन अब भी जरूरतमंद लोगों को इंजेक्‍शन नहीं मिल पा रहा है। दूसरी ओर राजधानी लखनऊ में रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्‍शन की थोक आपूर्ति करने वाले मंगलम एसोसिएट के ऋषि भार्गव ने दावा किया है कि वह बेहद कम दाम में इंजेक्‍शन की आपूर्ति कर रहे हैं। अस्‍पतालों को उनकी ओर से महज साढ़े सात सौ रुपये में इंजेक्‍शन उपलब्‍ध कराया जा रहा है जिसका अधिकतम मूल्‍य नौ सौ रुपया है।

उन्‍होंने बताया कि कंपनी से मिलने वाले इंजेक्‍शन को सीधे मरीजों तक पहुंचाया जा रहा है। जायज तरीके से दवा उपलब्‍ध करा रहे हैं। प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट नगर में सीएंडएफ को बंद करा दिया है। राजधानी लखनऊ के प्रमुख अस्‍पतालों में इंजेक्‍शन की आपूर्ति की जा रही है लेकिन प्रशासन की सख्‍ती के बाद अब अस्‍पताल तक इंजेक्‍शन पहुंचाने में भी मुश्किल हो रही है। कोई भी कर्मचारी या ऑटो रिक्‍शाचालक इंजेक्‍शन लेकर अस्‍पताल तक जाने को तैयार नहीं है। प्रशासन स्‍तर से अगर कोई व्‍यवस्‍था की जाए तो इंजेक्‍शन की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है। इससे उन मरीजों को दवा कम कीमत पर आसानी से मिल जाएगी जिनकों इसकी जरूरत है।

रेमडेसिविर (फोटो- सोशल मीडिया)

क्‍या है हाल

दूसरी ओर राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्‍सीजन (Oxygen) और रेमडेसिविर (Remdesivir) की कालाबाजारी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अस्‍पताल से लेकर निजी अस्‍पताल तक कहीं भी रेमडेसिविर ((Remdesivir) इंजेक्‍शन उपलब्‍ध नहीं है। ऐसे में मरीज के तीमारदारों को एक पर्ची पर लिखकर दिया जा रहा है कि वह इंजेक्‍शन लेकर आएं। बाजार में इंजेक्‍शन नदारद है और कालाबाजार में 15 से 20 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। इस कालाबाजारी में मेडिकल संस्‍थाओं से जुडे लोग ही शामिल हैं। पुलिस ने अलग- अलग कार्रवाई में एक दर्जन लोगों को पकडा भी है। तीमारदारों का कहना है कि इंजेक्‍शन की आपूर्ति जिला प्रशासन को अपनी देखरेख में सीधे अस्‍पताल तक करानी चाहिए। इंजेक्‍शन की आपूर्ति भी भर्ती मरीज के नाम से की जाए और इसकी जानकारी उसके परिजनों को भी दी जानी चाहिए। तभी कालाबाजारी पर रोक लग पाएगी।



Chitra Singh

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