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ब्लैकमनी पर वार के बाद BSP प्रत्याशियों की बढ़ी बेचैनी, पहुंच रहे पार्टी कार्यालय 

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Published on: 10 Nov 2016 4:36 PM IST
ब्लैकमनी पर वार के बाद BSP प्रत्याशियों की बढ़ी बेचैनी, पहुंच रहे पार्टी कार्यालय 
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लखनऊः मंगलवार की रात को अचानक ब्लैक मनी पर वार के बाद बसपा प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ी हुई है। बताया जा रहा है कि इसके तुरंत बाद बसपा प्रत्याशियों की बैठक बुला ली गई। जिनके राजधानी के माल एवेन्यू स्थित पार्टी के स्टेट कार्यालय पर आने का सिलसिला आज भी जारी है। बातचीत में साफ तौर पर किसी प्रत्याशी ने मुंह नहीं खोला पर नाम न छापने की शर्त पर बसपा के एक संभावित प्रत्याशी ने बताया कि आगामी चुनावी तैयारियों को देखते हुए मामला पार्टी फंड में चंदा जमा करने से जुड़ा है।

देखा जाए तो बुधवार की तरह गुरूवार को भी बसपा में प्रत्याशियों और पदाधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा, लेकिन अचानक ब्लैकमनी पर मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बसपा प्रत्याशियों के पार्टी कार्यालय पहुंचने को लेकर लोगों में खासी चर्चा है। लोग इसे चटखारे लेकर एक दूसरे को सुना रहे हैं। मजे की बात यह है कि पहले प्रत्याशी पार्टी के दफ्तर में जा रहे हैं। फिर उनके पीछे से गाड़िया कार्यालय के अंदर बुलाई जा रही हैं और फिर थोड़ी देर बाद एक-एक करके प्रत्याशी जा रहे हैं।

टिकट बदले जाने की संभावना से चेहरों पर उड़ी हवाइयां

इस बीच कई सीटों पर प्रत्याशियों के टिकट कटने की संभावना भी जताई जा रही है। इससे भी प्रत्याशियों में बेचैनी बढ़ी है। बसपा के एक नेता ने अचानक प्रत्याशियों को बुलाए जाने के बारे में पूछे जाने पर बताया कि प्रदेश में सियासी परिस्थितियां बदलने की वजह से प्रत्याशियों को बुलाया गया है। इसमें कुछ प्रभारियों के टिकट बदले भी जा सकते हैं। पदाधिकारियों को बुलाया गया है। इसी से प्रत्याशियों की धड़कनें बढी हुई हैं और वह किसी से बात करने से कतरा रहे हैं।

पैसे लेकर टिकट देने का लगता रहा है आरोप

विधानसभा में नेता विरोधी दल रहे स्वामी प्रसाद मौर्या, पूर्व मंत्री आरके चौधरी, कोआर्डिनेटर रहे जुगुल किशोर समेत तमाम ऐसे नेता हैं। जिन्होंने मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाते हुए पार्टी से किनारा कर लिया। मौर्या ने मायावती को दलित नहीं बल्कि दौलत की बेटी तक करार दिया था। बता दें कि बीते महीनों बसपा पर टिकट देने के लिए एक से 5 करोड़ रूपए तक लेने का आरोप लगा था।

मायावती ने कहा कि प्रत्याशियों को दी जा रहीं किताबें

हालांकि बसपा मुखिया मायावती का कहना है कि उन्होंने बीते महीने पार्टी संस्थापक कांशीराम जी की पुण्यतिथि (9 अक्टूबर) पर जो भाषण दिया था। प्रत्याशियों से हर विधानसभा में पार्टी के लोगों को सीडी के जरिए उसे सुनाने और किताबे पढ़ाने के लिए दी जा रही हैं।



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