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VIP Vehicle Number: दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए VIP नंबरों की बुकिंग आज से, ऐसे करें आवेदन

VIP Vehicle Number: अपने वाहनों पर वीआईपी नंबर लगवाने की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी। गाड़ियों के वीआईपी नंबरों की बुकिंग शुरू हो गई है।

Anant kumar shukla
Published on: 25 Dec 2022 8:30 AM GMT
Booking of VIP numbers for two wheelers and four wheelers from today, apply like this
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दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए VIP नंबरों की बुकिंग आज से, ऐसे करें आवेदन: Photo- Social Media

VIP Vehicle Number: अपने वाहनों पर वीआईपी नंबर लगवाने की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी। गाड़ियों के वीआईपी नंबरों की बुकिंग शुरू हो गई है। यदि आप अपने 2 पहिया,चार पहिया वाहनों के लिए वीआईपी नंबर चाहते हैं तो परिवहन विभाग (transport Department) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ ऑफिस से वीआईपी नंबर जारी किए जाएंगे। इसके लिए आवेदन की शुरुआत 25 दिसंबर से हो गई है। आवेदन की अंतिम तिथि 27 दिसंबर है।

नई सीरीज UP 32 NJ के VIP नंबर

नई सीरीज UP 32 NJ के VIP नंबर जारी किये जाएंगे। इसके लिए केवल ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे। वीआईपी नंबर के लिए बोली लगेगी। टेंडर में सबसे अधिक बोली लगाने वालों को नंबर अलाट कर दिया जाएगा।

ऐसे करें आवेदन

सबसे पहले परिवहन विभाग की अधिकारिक वेबसाइट parivahan.gov.in पर जाकर पंजीकरण करें।

-इसके बाद मनपसंद नंबर का चयन करें।

-इसके बाद शुल्क का भुगतान करें।

-इसके बाद आपको उस नंबर की नीलामी में भाग लेना होगा।

-सबसे अधिक बोली होने की स्थिति में आपको मनचाहा नंबर मिल जाएगा।

3 दिन का समय

अपने वाहनों पर वीआईपी नंबर देखना सब का सपना होता है लेकिन वीआईपी नंबर लेना इतना आसान नहीं है ।इसके लिए वाहन मालिक को नीलामी प्रक्रिया से गुजरना होता है। नीलामी में वीआईपी नंबरों के लिए बोली हजार रुपए से शुरू होकर लाखों रुपए तक पहुंच जाती है। नए वाहन मालिक 3 दिनों 25,26, 27 तक वीआईपी नंबरों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन करने के बाद 4 दिनों तक परिवहन विभाग के आधिकारिक वेबसाइट से नीलामी बोली में हिस्सा ले सकेंगे। परिवहन विभाग में वहां रजिस्ट्रेशन के समय कई बार वाहन स्वामी VIP नंबर की मांग करते हैं। इसके लिए वाहन स्वामी को एक निर्धारित फीस देनी होती है। जो नंबर की श्रेणी पर निर्भर करती है। जिन श्रेणियों की अधिक मांग होती है, उसके लिए अधिक पैसे का भुगतान करना पड़ सकता है। इसके विपरीत जिन नम्बरों की अधिक बोली नही लगती उसके लिए कुछ कम पैसे का भुगतन करना पड़ता है।

Shashi kant gautam

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