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कटखने बंदर ने किया परेशान, पकड़ने के लिए क्षेत्रीय जनता ने रखा 1 हजार का इनाम
कानपुर: बंदरों के आतंक से परेशान क्षेत्रीय जनता ने जगह-जगह पोस्टर चस्पा किये हैं, जिसमें लिखा है कि कटखने बंदर को पकड़ने पर 1 हजार का इनाम, क्षेत्रीय पीड़ित जनता। यह पोस्टर जिसने भी देखा, वह रूक कर यह पोस्टर में लिखी बातें पढ़ता है।
इस क्षेत्र में बंदरों का आतंक इस कदर है कि वह आए दिन किसी न किसी को काट कर अपना शिकार बनाता है। रात के वक्त बंदरों को भगाने के लिए स्थानीय लोग लाठी-डंडा लेकर पहरा भी देते हैं। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह कि इतना कुछ होने के बाद भी नगर निगम के कैटिल कैचिंग दस्ते की नींद नहीं खुल रही है।
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गोविन्द नगर थाना क्षेत्र स्थित संजय नगर बस्ती है। इस बस्ती में हजारों लोग रहते हैं। लेकिन बस्ती में बीते एक माह से बंदरों का आतंक है। यह बंदर मासूम बच्चों को शिकार बना रहे हैं। बंदरों का आतंक इस कदर है कि वह घरों के अंदर घुस जाते हैं और खाने का सामान उठा लाते हैं।
बस्ती वालों को यदि छत के ऊपर जाना हो या फिर घर के बाहर, डंडा लेकर निकालना पड़ता है। लेकिन इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। नगर निगम का कैटिल कैचिंग दस्ता तो है, लेकिन यह कभी सड़कों पर नहीं दिखता है। कैटिल कैचिंग का काम करने वाले कर्मचारी मुफ्त का वेतन उठा रहे हैं।
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स्थानीय कमलेश के मुताबिक हमारे क्षेत्र में इन दिनों बंदरो का आतंक है। आए दिन दिन बंदर बच्चों को काट लेता है। इनकी वजह से बच्चे व बड़े सभी खौफ में हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम बंदर ने तीन बच्चों को झपट्टा मार कर भाग गया। यदि उसे कोई बच्चा कुछ भी खाता दिख गया तो वह झपट्टा मार कर छीन कर भाग जाता है। जब हम लोग घर के सब्जी या कुछ भी खाने का सामान लाते हैं तो हाथ से झोला लेकर भाग जाते हैं।
हमने नगर निगम व पुलिस को भी बंदरों के आतंक के विषय में जानकारी दी, लेकिन किसी ने भी हमारी फरियाद नहीं सुनी। इसी वजह से हमने यह पोस्टर लगवाये है कि जो इन बंदरो को पकड़ेगा, उसे इनाम दिया जाएगा। इसके लिए हमने कई बहेलिया से भी बात की है, लेकिन वह बहुत ज्यादा पैसे बता रहे थे। इसकी वजह से बात नहीं बन पाई।
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प्रकाश सिंह बताते है कि बीते 20 जुलाई को ही बंदर ने तीन मासूम बच्चों शिवान्य, सन्नी और सचिन को काटा था। इसके अगले दिन एक कपड़े की फेरी लगाने वाला आया था उसके हाथ में काट लिया। सोमवार को भी तीन बच्चों को काटा है। बंदरों के डर की वजह से कोई भी छतों पर नहीं जाता है। यदि कोई घर से बाहर निकलता है तो डंडे लेकर निकलता है।
प्रेमिला देवी के मुताबिक किसी दिन इन बंदरों की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है। हम अपने घरों में इनकी वजह से चैन की नींद नही सो पाते हैं। यदि रात में लाठी डंडे लेकर पहरा नहीं दे, तो यह परिवार को सोने भी नहीं देते। यह बंदर भूखे रहते हैं, जिसकी वजह से यह यह ऐसा करते हैं। खाने-पीने का सामान देख कर यह फ़ौरन हमला कर देते हैं।