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पुलिस उत्पीड़न से तंग युवक ने दी जान, सुसाइड लेटर में CM से पूछा सवाल
इलाहाबाद: पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर एक युवक ने सुसाइड कर ली। मृतक ने सुसाइड लेटर में इलाके की पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं। साथ ही मृतक ने सीएम अखिलेश यादव से भी सवाल पूछे हैं।
सुसाइड से पहले लिखा सुसाइड नोट
-घटना इलाहाबाद के नैनी इलाके की है।
-शमीम नाम के एक युवक ने पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर अपनी जान दे दी।
-उसने सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी मौत के पीछे इलाके की पुलिस का हाथ है।
-जिसने फर्जी तरीके से उसे और उसके पिता को एक मामले में मुख्य आरोपी बना दिया।
मृतक ने सुसाइड नोट में पुलिस पर उठाए सवालिया निशान
पुलिस पर लगाए आरोप
-मृतक ने सुसाइड लेटर में पुलसिया कार्यवाही और घटना पर अपने दर्द की पूरी दास्तान लिखी।
-उसने लिखा कि किस तरह उसे और उसके पिता को उसके पड़ोस में हुए झगड़े में आरोपी बना दिया गया।
-मृतक ने लिखा कि जीते जी तो उसे इंसाफ न मिला क्योंकि जिन क़ानून के रखवालों से उसे न्याय मिलना था उन लोगों ने उसे गुनहगार साबित कर दिया।
मृतक के पिता ने कहा- बेटे की मौत का इंसाफ चाहिए
-अपने बेटे कि सुसाइड के बाद जब ये लेटर उसके पिता को मिला तो वो अपने बेटे का जनाजा उठाने के बाद मीडिया के सामने आये।
-रोते हुए कहा कि उनको अपने बेटे की मौत का इंसाफ चाहिए।
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मृतक ने लिखा- पुलिसिया सिस्टम से हार गया हूं
-अपने पूरे परिवार और दोस्तों से माफी मांगते हुए मृतक ने लेटर में लिखा – 'मैं अल्लाह की दी हुई बेशकीमती जिंदगी को ख़त्म करने जा रहा हूं।
-इस भ्रष्ट पुलिसिया सिस्टम से हार गया हूं।
-उसने लिखा कि किस तरह से पड़ोस में हुए झगडे में पुलिस ने उसे और उसके पिता को आरोपी बनाया।
सुसाइड लेटर में अंग दान करने को कहा
-उसके बाद थाने से उसे और उसके पिता को जेल में डालने की धमकी दी जाने लगी।
-मृतक का कहना था कि इलाके के दबंगों ने उसके पिता को मारा था।
-जिसको बचाने के लिए वो वहां पर गया था।
-बाद में पुलिस ने आरोपियों को छोड़कर उसे और उसके परिवार को ही दोषी बना दिया।
सीएम से पूछा सवाल
-मृतक ने सीएम से भी सवाल किया है कि अगर उनके साथ ऐसा होता तो वो क्या करते?
-मृतक ने कहा कि उसके इलाके की पुलिस पैसा लेकर तमाम अवैध धंधे करवाती है।
-यहां भी पैसों की लालच में पुलिस ने अपराधियों का ही साथ दिया।
सुसाइड लेटर में लिखा - मरने के बाद मेरे अंग दान कर देना
'जीते जी न सही मैं मरने के बाद शायद न्याय की उम्मीद करता हूं और शायद मीडिया है जो मेरी मौत को व्यर्थ न जाने देगी, और हां मेरे मरने के बाद मेरे शरीर के सभी अंगों को दान कर दीजिएगा । '