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यूपी के इस गांव के लड़कों की नहीं हो रही शादी, इस एक कमी की वजह से टूट जाते हैं रिश्ते
शाहजहांपुर: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के चाहे जितने दावे करें और सबका साथ सबका विकास का नारा लगा लें, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के इन दावों की पोल यूपी के शाहजहांपुर के एक गांव ने खोल कर रख दी है।
आज तक नहीं बना शौचालय शाहजहांपुर के इस गांव के दो मजरे ऐसे हैं जहां आज तक शौचालय नहीं बना है। शौचालय न बनने की वजह और भी चौंकाने वाली है, क्योंकि उसकी वजह जातिवाद बताया जा रहा है। इस गांव का ग्राम प्रधान सवर्ण जाति का है और यह ठाकुर बहुल गांव है। गांव के ये दो मजरे ऐसे हैं जहां हरिजन जाति के 1500 लोग रहते हैं इसी वजह से यहां आज तक शौचालय नहीं बना है।
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शौचालय न होने की वजह से एससी जाति के युवकों की शादियां भी होनी बंद हो गई हैं। अगर कोई रिश्ता आता भी तो शौचालय न होने की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाती है। इस मामले पर ग्राम प्रधान पति का कुछ और ही कहना है। उनका कहना है कि सूची में सबसे नीचे होने की वजह से इन दो मजरों में शौचालय नहीं बने हैं। यहां भी जल्द ही शौचालय बनाए जाएंगे। सीडीओ ने इस मामले पर कहा कि जिन मजरों मे शौचालय नहीं बने हैं वहां की भी फीडिंग की जा रही है और जल्द ही सभी मजरों में शौचालय बन जाएंगे।
सिर्फ एक घर में है शौचालय
शाहजहांपुर मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर भावल खेड़ा ब्लाक में ग्राम सिउरा स्थित है। इस गांव की कुल आबादी 5 हजार है जिनमें 3500 लोग ठाकुर जाति के और 1500 हरिजनों की आबादी है। हरिजनों की 1500 आबादी सिंगरहा और सिंगरही मजरे में रहती है। इन दो मोहल्लों में सिर्फ एक परिवार ऐसा जिसके घर में शौचालय है। इस अलावा दोनों मजरों के सभी लोग खेतों में शौच के लिए जाते हैं।
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इन मजरों के लोगों का कहना है कि सवर्ण जाति का प्रधान होने की वजह से उनके गांव मे एक भी शौचालय नहीं बना है। लोगों ने कहा कि तीन साल में एक भी शौचालय हमारे मोहल्ले में नहीं बना है। अगर किसी योजना का लाभ हमें मिलने वाला होता है तो साठगांठ कर सूची से एससी के लोगों के नाम को कटवा दिया जाता है। यह वजह आज तक हमारे मोहल्लों का विकास नहीं हुआ। यहां के लोगों का कहना है कि हमारा हरिजन होना गुनाह है। लोगों ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आखिर क्यों हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है?
नहीं हो रही है युवकों की शादी
मजरों के युवक ने कहा कि गांव में शौचालय न होने की वजह से हमारी शादी नहीं हो पा रही है। अगर कोई शादी के लिए रिश्ता आता भी है तो लड़की वाले शौचालय के बारे में पूछते हैं। जब उनको पता चलता है कि गांव में एक भी शौचालय नहीं है, तो उसके बाद रिश्ते की बात बंद हो जाती है। इस गांव में कोई भी पिता अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है। ऐसे में हमें चिंता सताने लगी है कि हमारी शादी हो भी पाएगी या नहीं।
जल्द बनेंगे शौचालय
वहीं ग्राम प्रधान पति अशोक सिंह ने इस बात को माना है कि गांव के दो मजरे ऐसे हैं जहां पर एक भी शौचालय नहीं बना है, लेकिन जातिवाद की वजह से वहां पर शौचालय नहीं बने ये आरोप गलत है। उनका कहना है कि मेरी पत्नी को तीन साल प्रधान बने हो गए हैं। हमनें शौचालय बनवाने के लिए 718 पात्रों की सूची भेजी थी, लेकिन इतने ज्यादा पात्रों को देखकर शौचालय की सूची वापस कर कर दी गई। उसके बाद हमनें सूची से नाम कम करके 399 लोगों की सूची दी। सूची से भी नाम काटकर सिर्फ 238 शौचालय ही पास किए गए जिसमें 199 शौचालय बन चुके हैं। बाकी शौचालय निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
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प्रधान पति का कहना है कि सूची में सबसे ऊपर नाम गांव के पात्रों के थे और सूची में सबसे नीचे नाम मजरे सिंगरहा और सिंगरही के पात्रों के थे। सूची में सीरियल के हिसाब शौचालय दिए गए। यही वजह है कि उस मजरे के लोगों को शौचालय नहीं मिल पाए। उनका कहना है कि हमने दूसरी सूची भेजी है। जो जल्द ही पास हो जाएगी और उन दो मजरों मे भी शौचालय बन जाएंगे। प्रधान पति ने शौचालय न होने की वजह से शादी न होने जैसी बात को भी गलत बताया।
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इस मामले पर सीडीओ प्रेरणा शर्मा का कहना है कि कुछ मजरे ऐसे है जहां पर एक भी शौचालय नहीं बने हैं। हमने ऐसे मंजरे को चिंहित कर लिया है। 30 नवंबर तक 98 हजार शौचालय के लिए पात्रों की फीडिंग कर ली जाएगी। जल्द ही उन मजरों मे शौचालय बन जाएंगे। उनका कहना है अगर प्रधान या सेक्रेटरी द्वारा अपात्र को पात्र बनाकर शौचालय दिया जाता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।