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Agra News: फतेहपुर सीकरी- बुलंद दरवाजा की रौनक बरकरार रहेगी सालों-साल, टफन ग्लास करेगा हिफाजत

Agra News: देश विदेश से इमारत का दीदार करने के लिए फतेहपुर सीकरी पहुँचते है । पर्यटकों के छूने और सटकर फोटो खिंचाने से इमारत की रौनक खराब हो रही थी ।

Rahul Singh
Report Rahul SinghPublished By Vidushi Mishra
Published on: 31 July 2021 2:51 PM IST
The historic building of Agra, Fatehpur Sikri and Buland Darwaza will be protected by tuffed glass.
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आगरा की ऐतिहासिक इमारत  

Agra News: आगरा की ऐतिहासिक इमारत फतेहपुर सीकरी और बुलंद दरवाजे की हिफाजत टफन ग्लास लगाकर की जाएगी । एएसआई ने फतेहपुर सीकरी इमारत की खूबसूरती को बचाने के लिए नया प्रयोग शुरू कर दिया है । विभाग ने फतेहपुर सीकरी स्मारक के अंदर स्थित दीवाने आम, अनु तालाब और टर्की सुल्ताना के महल के दरवाजे पर लकड़ी की रेलिंग और टफन ग्लास लगवा दिए हैं । स्मारक पहुंचने वाले पर्यटक अब स्मारक के महत्वपूर्ण हिस्सों के साथ फोटो तो खिंचवा पाएंगे । लेकिन लाल पत्थर को हाथ से नहीं छू पाएंगे ।

ये है फतेहपुर सीकरी का इतिहास

आगरा में ताजमहल के अलावा फतेहपुर सीकरी की इमारत विश्वख्यात है । लाल पत्थरों से बनी इस नायब इमारत को मुग़ल बादशाह अकबर ने 1573 ई में बनवाया था । बादशाह अकबर अपने नौ रत्नों के साथ इस शानदार महल में निवास करते थे । इमारत कई एकड़ में फैली है ।


देश विदेश से इमारत का दीदार करने के लिए फतेहपुर सीकरी पहुँचते है । पर्यटकों के छूने और सटकर फोटो खिंचाने से इमारत की रौनक खराब हो रही थी । दीवान ए आम में लगा अद्भुत पिलर काला पड़ रहा था ।

ऐसे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने स्मारक के दीवान ए खास में लगे इस दुर्लभ खंबे को बचाने के लिए नया प्रयोग किया । विभाग ने पिलर के आसपास लकड़ी की रेलिंग लगा दी है । पिलर के कुछ हिस्से को टफन ग्लास से ढक दिया है । स्मारक आने वाले पर्यटक अब इस खंबे को देख पाएंगे । साथ मे फोटो खिंचा पाएंगे लेकिन इस अद्भुत पिलर को हाथ से छू नही पाएंगे ।

मुग़ल काल से मिलती जुलती नक्काशी


ऐतिहासिक फतेहपुर सीकरी इमारत का अनुप तालाब भी विशेष महत्व रखता है । स्मारक में बने अनुप तालाब के आसपास पर्यटक सबसे ज्यादा संख्या में फोटो खीचाते हैं । कुछ एक बार पर्यटक लापरवाही के कारण तालाब में गिर चुके हैं । तालाब में गिरकर बच्चे घायल हो चुके हैं ।

ऐसे में अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने अनु तालाब के चारों तरफ सुरक्षा की दृष्टि से लकड़ी की रेलिंग लगवा दी है । रेलिंग के आसपास लकड़ी पर मुगल काल की नक्काशी करवाई गई है ।


ताकि तालाब की सुंदरता पर कोई फर्क ना पड़े । रेलिंग लगवाए जाने के बाद तालाब के किनारे खड़े होकर पर्यटक आसानी से फोटो खींचा सकते हैं । रेलिंग लगने के बाद बच्चो के तालाब में गिरने का खतरा भी खत्म हो गया है ।

टर्की सुल्ताना के महल की नक्काशी को बचाने के लिए महल दरवाजे पर लगाये गए टफन ग्लास, महल की छत और फर्श पर बनी है एक जैसी अद्भुत नक्काशी। पर्यटकों की चहल कदमी से मिटते जा रहे थे नक्काशी के नमो निशान।

फतेहपुर सीकरी स्मारक में दीवाने आम, दीवाने खास, शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, जोधा बाई का महल और बुलंद दरवाजा तो है ही। टर्की सुल्ताना का महल भी स्मारक की आकर्षण की जान है । इस महल की खास बात यह है की महल की छत पर बनी नक्काशी और नीचे फर्श पर बनी नक्काशी बिल्कुल एक जैसी है । नक्काशी अद्भुत कलाकारी की मिसाल है ।

देखने वाले आज भी इस नक्काशी की अद्भुत कलाकारी को देखकर दंग रह जाते हैं । पर्यटक यहां आते हैं । फोटो खींचाते हैं । लेकिन पर्यटकों के कदमों के निशान से महल के फर्श पर बनी नक्काशी धीमें धीमें कर धुंधली पड़ती जा रही थी ।

ए एस आई(ASI) की नजर इस ओर गई तो अधिकारियों ने संरक्षित स्मारक की खूबसूरती को बचाने के लिए टर्की सुल्ताना के महल के दरवाजे को टफन ग्लास से कवर कर दिया है । पर्यटक अब महल के दरवाजे से छत और फर्श की नक्काशी को निहार तो पाएंगे । लेकिन उसके आसपास नहीं जा पाएंगे ।

नई प्रौद्योगिकी

नए प्रयोग के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पुरातत्व अधीक्षण बसंत कुमार ने बताया कि स्मारकों की सुरक्षा के लिए दीवाने खास के खास के पिलर , अनूप तालाब के किनारे और टर्की सुल्ताना के महल के दरवाजे पर टफन ग्लास और लकड़ी की रैली लगवाई गई है ।

पर्यटक अब स्मारक के अंदर अद्भुत कलाकारी को देख तो पाएंगे । लेकिन हाथ से छू नहीं पाएंगे । अधीक्षण पुरातत्वविद बसंत कुमार ने बताया कि टफ़न ग्लास लगने से पत्थरों के खूबसूरती खराब होने का खतरा काफी कम हो जाएगा ।

बुलंद दरवाजे पर लगेगा टफन ग्लास

फतेहपुर सीकरी स्मारक के 54 मीटर ऊंचे बुलंद दरवाजे को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं । बुलंद दरवाजे के साथ अपना फोटो खींचवाते हैं । जाने अनजाने में पर्यटक बुलंद दरवाजे की दीवारों को छूकर खराब कर रहे थे । बुलंद दरवाजे के नीचे हिस्से पर बनी नक्काशी और पत्थर खराब हो रहे थे ।

ए एस आई अब बुलंद दरवाजे के पत्थरों और नक्काशी को बचाने के लिए टफन ग्लास लगवाने जा रही है । टफन ग्लास लग जाने के बाद पर्यटक बुलंद दरवाजे की दीवारों को नहीं चुप आएंगे ।

शेख सलीम चिश्ती की विश्वविख्यात दरगाह

फतेहपुर सीकरी स्मारक तो अद्भुत है । स्मारक में बनी शेख सलीम चिश्ती की विश्वविख्यात दरगाह भी बड़ी चमत्कारी है । देश-विदेश की बड़ी-बड़ी हस्तियां शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर चुपचाप आती हैं । मन्नत का धागा चढ़ाती है ।

बात देश विदेश के बड़े राजनयिकों की हो या फिर फिल्मी कलाकारों की । बड़े बड़े लोग अक्सर शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर सजदा करने और चादर चढ़ाने पहुंचते हैं ।

Vidushi Mishra

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