Agra News: जर्मनी के राजदूत ने भारत में हाथियों की दुर्दशा पर जताई चिंता

Agra News: भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने भारत में हाथियों की दुर्दशा पर चिंता जताई है।

Rahul Singh
Report Rahul SinghPublished By Dharmendra Singh
Published on: 8 July 2021 12:28 PM GMT (Updated on: 8 July 2021 12:28 PM GMT)
walter j lindner
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हाथियों के बारे में जानकारी लेते राजदूत वाल्टर जे लिंडनर (फोटो: सोशल मीडिया) 

Agra News: भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने वन्यजीव संरक्षण के बारे में विस्तार से जानने हेतु मथुरा में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र का दौरा किया और सेंटर में आजीवन देखभाल और उपचार के लिए लाये गए हाथियों से मुलाकात की। उन्होंने एनजीओ के 'रिफ्यूज़ टू राइड' कैंपेन को भी अपना समर्थन दिया, जो भारत में हाथियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करता है।

भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने बुधवार को वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र, मथुरा का दौरा किया। जर्मन राजनयिक एक संगीतकार भी हैं, जिन्होंने पांच से अधिक रिकॉर्ड लॉन्च किये हैं और पहले केन्या, सेशेल्स, वेनेजुएला, दक्षिण अफ्रीका में जर्मन राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं।
एक उत्साही एनिमल लवर होने के नाते, वाल्टर ने हाथियों को देखने में समय बिताया, जिन्हें अब सभी तरह के दुर्व्यवहार और क्रूरता से मुक्त जीवन जीने का दूसरा मौका मिला है। हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में उन्होंने हाथीयों के मैनेजमेंट के साथ-साथ वैज्ञानिक और मानवीय तकनीकों जैसे पॉजिटिव कंडीशनिंग और टारगेट ट्रेनिंग के बारे में भी सीखा।

इसके बाद हाथियों की देखभाल करने वाले कर्मचारियों और पशु चिकित्सकों की टीम के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र भी हुआ, ताकि वे इन जानवरों के सेंटर में एक बेहतर, स्वस्थ भविष्य बनाने के उनके प्रयासों के बारे में जान सकें और भारत में हाथियों के संरक्षण में सामने आने वाले खतरों और चुनोतियों को समझ सकें। इन हाथियों का दिल दहला देने वाला अतीत सुन कर वह काफी निराश भी हुए।
वाल्टर ने वाइल्डलाइफ एसओएस और उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा 2018 में स्थापित भारत के पहले और एकमात्र हाथी अस्पताल का भी दौरा किया। अस्पताल में, उन्होंने कैप्टिव हाथियों में होने वाले गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों को भी जाना और संस्था की पशु-चिकित्सकों की टीम द्वारा घायल, बीमार और वृद्ध हाथियों के इलाज के बारे में भी चर्चा की। वाल्टर का दौरा यमुना नदी किनारे हाथियों की ऑब्जरवेशन वॉक के साथ ख़त्म हुआ।
भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने कहा कि इन हाथियों को वाइल्डलाइफ एसओएस के कर्मचारियों द्वारा देखभाल और प्यार करते हुए देखना वास्तव में मेरे दिल को लुभा गया। मैं सभी को यहां आने और इन हाथियों को पुनः अपना जीवन शान से जीते देखने की सलाह दूंगा। इन हाथियों पर की जा रही क्रूरता को भारत और दुनिया भर में कहीं भी होने से हमें रोकने का प्रयास करना आवश्यक है। मुझे वाइल्डलाइफ एसओएस को अपना समर्थन देने में खुशी हो रही है।


वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि वाल्टर जे लिंडनर का हाथियों के संरक्षण के लिए अपना समर्थन देना वाइल्डलाइफ एसओएस के लिए बड़े ही सम्मान की बात है। वाइल्डलाइफ एसओएस में हमारा लक्ष्य हाथियों के संरक्षण के साथ-साथ लोगों में संरक्षण के प्रति शिक्षा बढ़ाना भी हैं। हम अपने प्रयासों के लिए वाल्टर जी के निरंतर समर्थन की आशा करते हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा कि वाइल्डलाइफ एसओएस में, हम हाथियों को स्वतंत्रता, अच्छे स्वास्थ्य और एक बहतर जीवन देने की पूरी कोशिश करते हैं। पूरी दुनिया में भारत में एशियाई हाथियों की आबादी सबसे अधिक है और इनका संरक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।


Dharmendra Singh

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