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Baby Rani Maurya: भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव, 5 नए प्रत्याशी चुनावी मैदान में
Baby Rani Maurya: जनपद आगरा में भाजपा ने आगरा के 9 प्रत्याशियों की सूची जारी की है जिसमें चार को टिकट दोबारा मिला है, राज्यमंत्री समेत पांच की टिकट कटा है, इसी के साथ 5 नए प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
Baby Rani Maurya Seat Agra: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है । भाजपा (BJP) ने भी आगरा की सभी 9 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है लेकिन आगरा की एक सीट पर इस बार बड़ा फेरबदल किया गया है और यह सीट उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है ।
इसके पीछे वजह बड़ी साफ है क्योंकि इस बार इस सीट से मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाहा (Hemlata Diwakar Kushwaha) का टिकट कट गया है और टिकट उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और मौजूदा दौर में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य (BJP National Vice President Baby Rani Maurya) को दे दी गई है ।
जाट और जाटव बाहुल्य इस सीट पर भाजपा के बड़े नेताओं की नजर है क्योंकि इस सीट से अगर भाजपा की प्रत्याशी जीत जाती है। तो उनको मंत्रिमंडल में बड़ा पद मिलना तय माना जा रहा है । पद क्या होगा, यह तो कहा नहीं जा सकता लेकिन बेबी रानी मौर्य के कद को देखते हुए माना जा रहा है कि पद बड़ा ही होगा लेकिन बेबी रानी मौर्य के सामने जीत की राह फिलहाल आसान नहीं है । मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाहा के प्रति लोगों में फैली नाराजगी बेबी रानी मौर्य के सामने मुश्किल खड़ी कर सकती है ।
सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं हेमलता दिवाकर कुशवाहा
2017 में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हेमलता दिवाकर कुशवाहा को दी गई थी टिकट। हेमलता ने आगरा ग्रामीण सीट पर हासिल की थी जीत । सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हेमलता दिवाकर कुशवाहा को 2017 में भाजपा ने आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था । हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने 129887 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी । जबकि बसपा के कालीचरण सुमन को 64591 वोट मिले थे । वह दूसरे नंबर पर रहे थे ।
तीसरे नंबर पर कांग्रेस के प्रत्याशी उपेंद्र सिंह को 31312 वोट मिले थे । जबकि राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी नारायण सिंह सुमन को 17446 वोट मिले थे । इस बार भी कांग्रेस ने उपेंद्र सिंह को आगरा ग्रामीण विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि भाजपा सपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी इस सीट पर बदल दिए हैं ।
2012 में बसपा ने हासिल की थी आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट पर जीत , चौथे स्थान पर रही थी भाजपा
जाट और जाट बाहुल्य सीट पर वर्ष 2012 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कालीचरन सुमन चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे । कालीचरण सुमन ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी हेमलता दिवाकर कुशवाहा को चुनाव में शिकस्त दी थी । चुनाव में बसपा के कालीचरण सुमन को 699 69 वोट मिले थे । जबकि समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी हेमलता दिवाकर कुशवाहा को 51123 वोट मिले थे । तीसरे नंबर पर कांग्रेस के प्रत्याशी उपेंद्र सिंह रहे थे । वर्ष 2012 में भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश खटीक इस सीट से चौथे नंबर पर रहे थे ।
बेबी रानी मौर्य के लिए आसान नहीं होगी आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से जीत की राह, बताते हैं आपको वजह
भाजपा शीर्ष कमान ने भले ही बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है । लेकिन आपको यहां बता दें कि बेबी रानी मौर्य आगरा छावनी विधानसभा सीट से टिकट पाने के लिए गणित बैठा रही थी । जनता के बीच जा रही थी । लेकिन पार्टी शीर्ष कमान ने उन्हें आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है । ऐसा करके पार्टी ने उनके सामने चुनौती भरी जिम्मेदारी सौंप दी है । इस सीट से हेमलता दिवाकर कुशवाहा भाजपा की विधायक थी लेकिन हेमलता दिवाकर कुशवाहा के प्रति वोटरों में जबरदस्त नाराजगी थी । यही वजह मानी जा रही है कि चुनाव जीतने के बाद भी हेमलता की टिकट कट गई ।
ऐसे में भाजपा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाहा के प्रति वोटरों में फैली नाराजगी बेबी रानी मौर्य के सामने भी मुश्किल खड़ी कर सकती है । देहात के कई इलाके ऐसे हैं जहां आज भी हेमलता दिवाकर कुशवाहा के विरोध में पोस्टर लगे हुए है । मलपुरा, धनोली, चमरोली, रजराई समेत कई गांव के ग्रामीण भाजपा प्रत्याशी के विरोध में है । ऐसे में इन गावो के हजारों नाराज वोटरों को मनाना भी बेबी रानी मौर्य के सामने बड़ी चुनौती होगी । टिकट कटने से विधायक हेमलता कुशवाहा भी नाराज है । और उनकी नाराजगी भी भाजपा की घोषित प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य के सामने मुश्किल खड़ी कर सकती है ।
ये है ग्रामीण विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण, बिगड़ सकता है चुनावी गणित
आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट को जाट और जाटव बाहुल्य माना जाता है । इसके बाद इस सीट पर सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोटर है । वैश्य और ठाकुर समाज के भी मतदाता इस सीट पर है । ऐसे में जाट , जाटव और ब्राह्मण प्रत्याशी जिस ओर रुख करेंगे उस प्रत्याशी की स्थिति मजबूत हो जाएगी। बेबी रानी मौर्य के सामने सपा और रालोद का गठबंधन बड़ी चुनौती बन सकता है । जाट वोट अगर जयंत के साथ गया और जाटव वोट अगर बसपा के साथ गया तो भाजपा का गणित इस सीट पर बिगड़ सकता है । कुल मिलाकर कहना नहीं गलत नहीं होगा कि बेबी रानी मौर्य की राह फिलहाल आसान नहीं है । देखना होगा चुनावी समर में जीत किसके हाथ लगती है । इस सीट से कौन सिरमौर बनता है ।
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