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Agra News: सपेरों से मुक्त कराये 24 सांप, वाइल्डलाइफ एसओएस कर रही है घायल सांपों का इलाज

Agra News: वाइल्डलाइफ एसओएस और यूपी वन विभाग ने आगरा में कैलाश, बल्केश्वर, मनकामेश्वर, राजेश्वर और रावली मंदिरों के बाहर सपेरों से 24 सांपों को मुक्त कराया।

Rahul Singh
Written By Rahul SinghPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 11 Aug 2021 7:15 AM IST
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सावन के सोमवार पर सपेरों से मुक्त कराये सांप pic(social media)

Agra News: वाइल्डलाइफ एसओएस और उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा चलाये गए संयुक्त अभियान में आगरा के पांच अलग-अलग मंदिरों के बाहर सपेरों से 24 सांपों को जब्त किया गया। सभी सांपों को वर्तमान में वाइल्डलाइफ एसओएस के उपचार एवं देखभाल में रखा गया है।

बता दे कि सोमवार को वाइल्डलाइफ एसओएस और यूपी वन विभाग ने आगरा में कैलाश, बल्केश्वर, मनकामेश्वर, राजेश्वर और रावली मंदिरों के बाहर सपेरों से 24 सांपों को मुक्त कराया। कुल 16 कोबरा, 4 रैट स्नेक और 4 कॉमन सैंड बोआ को सपेरों से बचाया गया और बाद में वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू फैसिलिटी में स्थानांतरित कर दिया गया।

सपेरे पैसे कमाने के लिए सांपों को पहुंचाते है नुकसान pic(social media)

दयनीय स्थिति में मिले सांप

जानकारी के मुताबिक सभी सांप भूखे और निर्जलित स्थिति में पाए गए, जिसमे एक गैर-विषैले प्रजाति का सांप-रैट स्नेक भी पाया गया जिसका मुंह सिल दिया गया था। यह कल्पना भी नहीं की जा सकती कि यह सांप कितने लंबे समय से बिना किसी भोजन या पानी के तड़प रहे होंगे।

वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु चिकित्सकों ने तुरंत रैट स्नेक के मुंह से टांके हटाये और सभी साँपों को हाइड्रेट किया। फिलहाल वाइल्डलाइफ एसओएस प्रत्येक सांप का इलाज कर उनका निरीक्षण कर रहा है। यह निर्धारित करने के लिए की क्या वे अपने प्राकृतिक आवास में छोड़ने के लिए पर्याप्त फिट हैं या नहीं।

मुक्त कराये सांप pic(social media)

पैसों के लालच में सांपों का प्रदर्शन

सावन का महीना शुरू हो गया। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद शुभ है, जिन्हें सांपों के भगवान के रूप में भी जाना जाता है। इस महीने के हर सोमवार को सावन का सोमवार के रूप में जाना जाता है, जिसका विशेष महत्व है। क्योंकि भक्त इस दिन उपवास रखते हैं या आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिरों में आते हैं। सांपों के साथ भगवान शिव के संबंध और लोगों की श्रद्धा का मज़ाक उड़ाते हुए और उसका लाभ उठाते हुए सपेरे अक्सर भक्तों को सांपों के प्रदर्शन और आशीर्वाद के वादे के साथ लुभाते हैं। पैसों के लालच में कुछ सपेरे भक्तों को सांप को दूध चढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं जो की असलियत में सांप के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

लोगों से सपेरों से दूर रहने को कहा

वाइल्डलाइफ एसओएस और वन विभाग पर्यटकों और स्थानीय लोगों से सपेरों से दूर रहने और ऐसे किसी भी मनोरंजन के लिए सांपों के शोषण की सूचना देने का आग्रह करते हैं। ऐसे किसी भी मनोरंजन को बढ़ावा देना संरक्षित वन्यजीव प्रजातियों के अवैध कब्जे को बढ़ावा देता है और यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक दंडनीय अपराध है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि इन सांपों को भयानक परिस्थितियों में रखा जाता है जिसकी वास्तविकता को उजागर करने की जरूरत है। सांप इस हद तक घायल और दयनीय स्थिति में होते हैं कि वे अक्सर अपने प्राकृतिक आवास में वापस नहीं लौट पाते। हमारी टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि इन सांपों को सभी आवश्यक चिकित्सकीय सहायता मिले।

वाइल्डलाइफ सांपों को बचाता है

वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु-चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ इलियाराजा ने कहा कि मुंह सिला हुआ रैट स्नेक दर्द के कारण आक्रामक व्यवहार का प्रदर्शन कर रहा था। हमने सावधानी से टांके हटा दिए हैं। कोई भी जानवर इस तरह के बर्बर व्यवहार का हकदार नहीं है।

वहीं डीएफओ आगरा, अखिलेश पांडेय ने कहा कि सपेरों द्वारा साँपों का उपयोग किया जाना एक अवैध और दंडनीय अपराध है, जो वर्षों से चला आ रहा है। इसकी रोकथाम के लिए, वन विभाग हर साल इन सपेरों से सांपों को बचाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस के साथ मिलकर काम करता है।



Pallavi Srivastava

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