Agra News: 6 फुट लंबे सांप को वाइल्डलाइफ एसओएस ने रेसक्यू कर बाहर निकाला

आगरा स्थित एएसआई के मुख्य कार्यालय से वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने 6 फुट लंबा रैट स्नेक रेस्क्यू किया।

Rahul Singh
Report Rahul SinghPublished By Deepak Raj
Published on: 12 Aug 2021 5:42 PM GMT
SOS response team rescue snake
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सओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने 6 फुट लंबा रैट स्नेक रेस्क्यू किया

Agra News: गुरुवार सुबह मॉल रोड, आगरा स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के मुख्य कार्यालय से वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने 6 फुट लंबा रैट स्नेक रेस्क्यू किया। एक अन्य घटना में, सिकंदरा स्थित रघुवीर नगर में एक घर के स्टोर रूम से दो मॉनिटर लिज़र्ड (गोह) को भी बचाया। बाद में सभी को उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया। वाइल्डलाइफ एसओएस के 24-घंटे बचाव हेल्पलाइन (+91-9917109666) पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के मुख्य कार्यालय से रैट स्नेक की सूचना प्राप्त हुई, जिसमे उन्होंने बताया की एक सांप कार्यालय परिसर के अंदर बनी पानी की टंकी में गिर गया है।




जैसे ही घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को हुई, उन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस से संपर्क साधा। वन्यजीव संरक्षण संस्था की दो सदस्यीय टीम स्थान पर पहुची और पानी की टंकी से संकटग्रस्त सांप को बाहर निकाल, रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। वसंत कुमार स्वर्णकर, अधीक्षण पुरातत्वविद, एएसआई, आगरा ने कहा,"सांप की सूचना हमें गार्ड ने दी थी। चूंकि, वाइल्डलाइफ एसओएस ने पहले भी ऑफिस परिसर से सांप एवं अन्य वन्यजीवों को रेस्क्यू किया है, इसलिए हमने उन्हें मदद के लिए कॉल किया। हम तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए उनकी टीम के आभारी हैं। "

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी, ने कहा, "सांपों से जुड़े बचाव अभियान काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन हमारी टीम को ऐसे संवेदनशील ऑपरेशन को सावधानीपूर्वक अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। रैट स्नेक को कुछ घंटों तक निगरानी में रखने के बाद वापस जंगल में छोड़ दिया गया। " वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा " सूचना देने के लिए हम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कर्मचारियों के बहुत आभारी हैं।

समय पर हस्तक्षेप से हमें रैट स्नेक को बचाने में मदद मिली। रैट स्नेक एक गैर-विषैली सांप की प्रजाति है और इसे उत्तरी भारत में 'धामन' के नाम से भी जाना जाता है। कोबरा सांप के समान दिखने के कारण इन्हें अक्सर गलती से जहरीला मान लिया जाता है। एक अन्य घटना में, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने रघुवीर नगर में एक घर के स्टोर रूम से दो मॉनिटर लिज़र्ड (गोह) को भी बचाया, जिन्हें बाद में वापस जंगल में छोड़ दिया गया l

Deepak Raj

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