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Agra News: अहम का त्याग कर अर्हं का मार्ग दिखाया, जैन मुनियों के सत्संग में आए हजारों श्रद्धालु
Agra News: मुनि श्री 108 चंद्र सागर महाराज ने बताया चेतना का मार्ग
Agra News: आगरा में सूर्य की मखमली लालिमा, पक्षियों का कलरव और प्राकृतिक संगीत के बीच ऊं अर्हं नमः का नाद ताजमहल के पार्श्व में किया गया। नाद के अनुभव और अनुभूतियों में हजारों श्रद्धालुओं को लगा तनाव, चिन्ता, समस्या जैसी हर तकलीफ की गठरी बनकर उनके शरीर से बाहर निकल गई हो। आचार्य भगवन्त विद्यासागर महाराज (Acharya Bhagwan Vidyasagar Maharaj ke updesh) के शिष्यों मुनिश्री 108 प्रणम्य सागर व मुनि श्री 108 चंद्र सागर महाराज ने ताजखेमा के टीले पर ताज के साये में आगरा सहित कई प्रांतों के हजारों श्रद्धालुओं को अहम का त्याग कर अर्हं का मार्ग दिखा चेतना तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया।
आगरा दिगम्बर जैन परिषद (Agra Digambar Jain Parishad) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुनिश्री 108 प्रणम्य सागर (Munishree 108 Pranamya Sagar) ने अर्हं की पांच मुद्राओं (एक्टीविटी, रिलेक्सेशन, हीलिंग, अवेयरनेस, मोटीवेशन) के माध्यम से तन और मन दोनों को निरोग रखने का प्रशिक्षण दिया। प्रेम, अहिंसा और मैत्री का संदेश देता हरियाली से परिपूर्ण वातावरण में वास्तविक प्रेम की परिभाष से परिचय कराते हुए बताया कि कैसे अपने अंदर के प्रेम को प्रकट किया जाता है और अपनी चेतना के प्रेम को दूसरों तक पहुंचा सकते हैं।
कहा कि बीमारी हमारे शरीर व मन की कमजोरी से आती हैं। चाहें वह कोरोना हो या डेंगू। डाक्टर और वैद्य भी तभी रोग दूर कर पाते हैं, जब हमारा आत्मविश्वास मजबूत हो। यदि हमें खुद अपने ही रोग को दूर करने का विश्वास हो तो यही से स्वस्थ रहने की यात्रा शुरु हो जाएगी। इसके लिए चेतना और आत्मा के विश्वास का होना जरूरी है। ये दो विश्वास होंगे तो प्रकृति भी आपका साथ देगी। सूरज का तेज, पेड़ पौधों की हरियाली, सुहाना वातावरण, अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश सब साथ देंगे और पंचपत्वों की कमी आपके शरीर में कभी नहीं हो पाएगी। आप दुनिया में बड़े-बड़े आश्चर्य करके दिखा सकते हैं।
इनकी रही विशेष उपस्थिति
आज के कार्यक्रम में विभिन्न प्रान्तों से लोग आये वहीं आगरा नगर के भी सैंकड़ो लोग मौजूद रहे जिसमे प्रदीप जैन (पीएनसी), जगदीश प्रसाद जैन, सुनील जैन ठेकेदार, नीरज जैन, निर्मल मोठ्या, राकेश जैन पर्दा, राजेन्द्र जैन एडवोकेट, मनीश जैन, विमल जैन, पन्नालाल बैनाडा, हीरालाल जैन, चौधरी गौरव जैन, अंकेश जैन, दिलीप जैन, अमित सेठी, राजकुमार राजू, अनन्त जैन आदि प्रमुख थे! संगीत एवं स्वर दीपक जैन, शशी पाटनी, संस्कृति, ख्याती, कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन मुख्य संयोजक मनोज कुमार जैन बाकलीवाल ने कीया।
जब शाहजहां के पौते से मिले मुनिश्री...
आगरा। शाहजहां का पौता महाराज से मिला तो बैंक बैलेंस न होने से दुखी होने लगा। कहा कि मेरा दादा इतना दीवाना न होता तो मेरे पास भी बहुत बड़ा बैंक बैलेंस होता। मानस योग के दौरान हृदय को व्यायाम कराने को श्रद्धालुओं को हंसाने के लिए महाराज ने यह जोक सुनाया तो पूरे प्रांगण में ठहाके गूंजने लगे। महाराज ने कहा कि इतनी जोर से हंसिए कि रक्त में इतना बहाव बन जाए कि बीपी, कोलेस्ट्रॉल जैसे सभी रोग बाहर निकल जाएं।
अपने आप को ग्रहणशील बनाएं
ऊ अर्हं ऊ अर्हं ऊ... सत्संग से प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में आजकल की भागदौड़ वाली जीवन शैली में तनाव और अवसाद मुक्त रहने के छोटे-छोटे टिप्स दिए मुनि ने। कहा कि किसी का बुरा सोचने के बजाय अपनी सफलता के बारे में सोचिए और प्रयास करिए। अच्छी बातों के लिए हमेशा ग्रहणशील रहें। होके मायूस न यूं शाम से ढलते रहिए, जिन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिए...मुनि ने बताया कि खुश रहने के लिए किसी के साथ की आवश्यकता नहीं। सिखाया कि मेरा सुख, मेरा आनन्द, मेरी चेतना से झड़ रहा है। मैं अपने आप में पूर्ण हूं। मेरा मन, मेरा हृदय सशक्त है। तो आप तन और मन दोनों के सभी रोगों से दूर रहेंगे।
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