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Aligarh News: विधवा बुजुर्ग महिला को नहीं मिल सका पीएम आवास, तिरपाल के नीचे करती है गुजारा

अलीगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के गांव मढ़ौली विधवा बूढ़ी महिला को प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला। पचास वर्ग गज जमीन पर पन्नी और तिरपाल डालकर गुजारा कर रही है।

Garima Singh
Report Garima SinghPublished By Shashi kant gautam
Published on: 28 July 2021 12:43 PM GMT
Widow elderly woman could not get the benefit of PM housing scheme, lives under tarpaulin
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 अलीगढ़: विधवा बुजुर्ग महिला को नहीं मिल सका पीएम आवास

Aligarh News: अलीगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के गांव मढ़ौली की रहने वाली एक विधवा पिछले कई साल से प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत आशियाना पाने की आस लगाए बैठी है। पचास वर्ग गज जमीन पर पन्नी और तिरपाल डालकर अपने बहू-बेटे के साथ रहने वाली विधवा को भरोसा था की उसका बेटा नगर पालिका में भाग दौड़ करके पक्का मकान बनवा लेगा। इसके लिए उसके बेटे ने कोशिश भी की। कर्ज देने वाली एक निजी कंपनी से पच्चीस हजार रुपये का कर्ज लिया और नगर पालिका अतरौली में आवेदन कर दिया। आवेदन किये हुए चार साल से ज्यादा का वक्त बीत गया। लेकिन किसी ने भी उसे मकान बनाने के लिए धन आवंटित नहीं किया।

प्रधान मंत्री शहरी आवास योजना का लाभ पाने के लिए उसके बेटे ने नगर पालिका अतरौली में खूब चक्कर लगाये। लेकिन आखिरकार उसकी मृत्यु हो गई। इकलौते बेटे की मौत के बाद बूढ़ी विधवा मां का रो-रो कर बुरा हाल है। अब मकान से ज्यादा उसे अपने बेटे की विधवा बहु और चार बच्चों के लालन-पालन की चिंता है।


विधवा शांति देवी को पक्की छत भी नसीब नहीं है


विधवा शांति देवी को पक्की छत भी नसीब नहीं है

पूर्व मुख्यमंत्री और राजपाल रह चुके कल्याण सिंह के बेटे एटा से सांसद हैं और उनके नाती संदीप सिंह अतरौली विधानसभा से न सिर्फ विधायक बल्कि राज्यमंत्री भी है। लेकिन उन्हीं के गांव मढ़ौली की एक विधवा शांति देवी को यहां पक्की छत भी नसीब नहीं है। शांति देवी के दो नाती और दो नातिनी हैं। जिसमें से सबसे बड़ी 11 साल की हो गयी है। लेकिन किसी ने अभी तक स्कूल नहीं देखा है।

नहीं मिल सका पीएम आवास

नहीं मिल सका पीएम आवास, ऊपर से 25 हजार रुपये का कर्ज

शांति देवी रामघाट रोड पर एक खोके में परचून की छोटी सी दुकान चलाकर घर का चूल्हा जलाती है। बहू घर-घर जाकर साफ़ सफाई करती है। कुछ दिनों पहले उनके इकलौते बेटे राकेश प्रजापति की बीमारी के चलते मौत हो गयी। जिसके बाद यह बूढ़ी विधवा बहुत परेशान है। वह बताती है कि बेटे ने 25 हजार रुपये का कर्ज लिया था। जो चुकता नहीं किया है। सरकारी मकान भी अभी तक नहीं बना है। उनके बेटे ने प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये मकान बनवाने के लिए फार्म भी भरा था। लेकिन नगर पालिका व जिला प्रशासन में किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। बेटा राकेश प्रजापति नगर पालिका अतरौली का चक्कर लगता रहता था। लेकिन अब वह मर गया। शायद ही उन्हें अब मकान नसीब होगा सकें। क्योंकि वह सरकारी कार्यालय में चक्कर लगाने की स्थिति में नहीं हैं।

Shashi kant gautam

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