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Aligarh News: मासूमों में 'क्लब फुट' बीमारीः परेशान न हों अलीगढ़ जिला अस्पताल में मिलेगा इलाज

Aligarh News: अब बच्चों में जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैरों का इलाज संभव (crooked legs can be treated) है। 'क्लब फुट कैम्प' में पोंसेटी विधि (ponsetti method) द्वारा आसानी से इलाज कराए जाने के बारे में जानकारी दी गई।

Garima Singh
Report Garima SinghPublished By Shashi kant gautam
Published on: 11 Dec 2021 10:50 PM IST
Aligarh News: Club foot disease in the innocent: do not worry, treatment will be available in Aligarh district hospital
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अलीगढ़: मासूमों में 'क्लब फुट' बीमारी

Aligarh News:अलीगढ़ (District Aligarh) में ही अब जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैरों का इलाज संभव (crooked legs can be treated) है। मासूम बच्चों के पैरों के टेढ़े मेढ़े होने पर परिवार के लोगों को दिल्ली या बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब जिले में ही इलाज हो सकेगा। शनिवार को दीन दयाल उपाध्याय जिला अस्पताल (Deen Dayal Upadhyay District Hospital) में 'क्लब फुट कैम्प' (club foot camp) के आयोजन के दौरान इलाज के बारे में जानकारी दी गई।

जन्मजात (treatment of congenital disease) टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों का अब जिले में भी इलाज हो सकेगा। डीडीयू अस्पताल (DDU Hospital) में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) के तहत इस बारे में चिकित्सकों द्वारा जानकारी दी गई। इस नयी शुरूआत से अब टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों को इलाज के लिए उच्च केंद्र नहीं जाना पड़ेगा और उनका यहीं पर इलाज हो सकेगा। क्लब फुट कैम्प का आयोजन पंडित दीनदयाल जिला संयुक्त चिकित्सालय में किया गया। कैंप में पीड़ितों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद जागरूकता के बारे में जानकारी दी गई।

शिविर में 'क्लब फुट' से प्रभावित बच्चों को पोंसेटी विधि द्वारा इलाज

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) के तहत मिरेकल फीट इंडिया (Miracle Feet India) बच्चों के क्लब फुट उपचार के लिए साझेदारी से काम कर रही है। शिविर में 'क्लब फुट' से प्रभावित बच्चों को पोंसेटी विधि (ponsetti method) द्वारा आसानी से इलाज कराए जाने के बारे में जानकारी दी गई।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर मुनाजिर हुसैन ने बताया कि यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें जल्दी पहचाना जाए और इलाज शुरू कराया जाए। उन्होंने बताया कि क्लब फुट' से प्रभावित लगभग 50 फीसद बच्चों में ऐसा टेढ़ापन दोनों पैरों में होता है। इसका इलाज दो तरीके से होता है, प्लास्टर व सर्जरी। यह निर्णय चिकित्सक बीमारी देखने के बाद लेते है। जागरुकता के अभाव में बच्चे के परिजन काफी देर से चिकित्सक के पास पहुंचते है।


जेनेटिक कारणों के अलावा स्टेरॉयड दवाओं के इस्तेमाल से पैर टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं-डॉ. एसके वार्ष्णेय

पंडित दीनदयाल जिला चिकित्सालय के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एसके वार्ष्णेय (Orthopedic Surgeon Dr. SK Varshney) ने बताया जेनेटिक कारणों के अलावा अधिक स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल, खून की कमी या जुड़वा बच्चे होने की सूरत में गर्भ में नवजात के पैरों का सामान्य विकास नहीं हो पाता, जिसकी वजह से टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को जन्म के तुरंत बाद पहचाना जा सकता है, जिन अस्पतालों में क्लबफुट का इलाज उपलब्ध है वह इसे जन्म के बाद ही शुरू कर देते हैं। जबकि विशेषज्ञों की सलाह पर क्लब फुट सोसाइटी से भी संपर्क कर इलाज कराया जा सकता है।

डॉ. एसके वार्ष्णेय ने आशा कार्यकर्ताओं को जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं को किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो वह डॉक्टर की सलाह के बगैर दवा ले लेती हैं। जिसकी वजह से माँ बनने के दौरान उन्हें समस्या का सामना करना पड़ता है।

समय रहते इस बीमारी का इलाज जरूरी-डॉ. मोहम्मद जिशान

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. मोहम्मद जिशान (Dr. Mohammad Zishan) ने बताया कि यदि पैदा होने के बाद से ही बच्चे के पैर टेढ़े होते हैं, तो यह एक प्रकार का जन्म दोष होता है। इसे 'क्लब फुट' के नाम से जाना जाता है। यह दोष होने पर बच्चे के पैर अंदर या बाहर की ओर मुड़े हुए होते हैं। बच्चे को ऐसा एक या दोनों पैरों में हो सकता है यदि समय रहते इस बीमारी का इलाज न किया जाए, तो बच्चे को बड़े होकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उसे चलने में भी दिक्कतें आ सकती हैं। सर्जरी की मदद से इस जन्म दोष से छुटकारा पाया जाता है।

जन्म से बच्चे के पैर टेढ़े होने के निम्न लक्षण (Symptom) होते हैं -

1-बच्चे का पैर अंदर या बाहर की ओर मुड़ा हुआ होता है।

2-बच्चे की एड़ी अंदर की ओर मुड़ी हुई होती है।

3-गंभीर मामलों में देखा गया है कि पंजे उल्टे हो सकते हैं

4-प्रभावित पैर और टांग की लंबाई छोटी होती है।

5-प्रभावित पिंडली की मांसपेशियां अविकसित हो सकती हैं।

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Shashi kant gautam

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