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Aligarh News: रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद का बेतुका बयान, जयंत चौधरी को बताया मनमोहन सिंह

Aligarh News: अलीगढ़ में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री मसूद अहमद का बेतुका बयान सामने आया है। जयंत चौधरी की पूर्व प्रधानमंत्री व अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह और सुब्रमण्यम स्वामी से तुलना कर दी।

Garima Singh
Report Garima SinghPublished By Deepak Kumar
Published on: 21 Dec 2021 4:39 PM GMT
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Aligarh: रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद का बेतुका बयान।

Aligarh News: अलीगढ़ में राष्ट्रीय लोकदल (National Lok Dal in Aligarh) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री मसूद अहमद (Former Education Minister Masood Ahmed) का बेतुका बयान सामने आया है. मंगलवार को वरुणालय गेस्ट हाउस (Varunalaya Guest House) में पार्टी के संकल्प पत्र की घोषणा करने के दौरान उन्होंने अपने मुखिया जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) को देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में शुमार किया। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी विदेश से इकोनॉमिक्स पढ़ के आए हैं और उनकी तुलना मनमोहन सिंह और सुब्रमण्यम स्वामी से कर दी। मसूद अहमद ने कहा कि जयंत चौधरी देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में से एक है।

पूर्व प्रधानमंत्री व अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह (Former Prime Minister and Economist Manmohan Singh) और सुब्रमण्यम स्वामी से तुलना करने के सवाल पर मसूद अहमद ने कहा कि अगर मैं पीएचडी हूं और किताब नहीं लिखा हूं तो क्या मैं विद्वान नहीं हूं। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जयंत चौधरी ने लंदन के यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की है। उन्होंने आगे कहा कि जयंत चौधरी में निखार आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह मेरी राय है कि जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) के आचार, विचार, व्यवहार, मूल्य देखने के बाद कह रहा हूं कि जिस तरीके से लोक संकल्प पत्र तैयार किया गया है और जनता की समस्याओं को करीब से देखा है। उनके समाधान और निवारण के लिए व्यवस्था बनाई है। यह घोषणा पत्र में साफ दिखता है। हालांकि मसूद अहमद कहते हैं कि लोगों को नहीं पता है। मैं इसको बता रहा हूं।

टिकैत के परिवार से पुराना संबंध : मसूद अहमद

वहीं, भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत (Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait) को राष्ट्रीय लोक दल (National Lok Dal in Aligarh) से जोड़ने के सवाल पर कहा कि टिकैत के परिवार से पुराना संबंध है। किसान आंदोलन (Kisan Andolan) एक समस्या को लेकर हुआ था। राकेश टिकैट (Rakesh Tikait) पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं और अगर वह राष्ट्रीय लोक दल (National Lok Dal in Aligarh) से लड़ना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। रालोद प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद (RLD state president Masood Ahmed) ने कहा कि किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में राष्ट्रीय लोक दल (National Lok Dal) ने बहुत बड़ी कुर्बानी दी है। हमने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह (National President Ajit Singh) को किसान आंदोलन की वजह से खोया है। इस आंदोलन को सजाने, संवारने में हमारे नेता अजित सिंह (Leader Ajit Singh) का बहुत बड़ा रोल था। उन्होंने कहा कि 82 साल की अवस्था में वह लोगों के बीच में संघर्ष करने के लिए निकले थे। कोरोना से ग्रस्त हो गये और बेचारे दुनिया से चले गये। उन्होंने कहा कि इस किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में हमने अपना नेता खोया है।

'जिन्ना हमारे आइकन नहीं हैं'

वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) की तस्वीर लगी होने के सवाल पर कहा कि मैं जिन्ना का आलोचक हूं। जिन्ना हमारे आइकन नहीं है। हमारे आइकन गांधी, सरदार पटेल, डॉक्टर अंबेडकर, चौधरी चरण सिंह है। उन्होंने कहा कि जिन्ना भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दोस्त हैं। इसलिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लोग अपनी जेबों में जिन्ना को संभाल कर चलते हैं। आरएसएस के इशारे पर देश को तोड़ने का काम किया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि देश टूटना नहीं चाहिए था। अगर जिन्ना ने बंटवारा नहीं मांगा होता तो यह देश एक होता। अगर देश एक होता तो हम सब स्वस्थ रहते।

वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा जिन्ना को सरदार पटेल के समान देशभक्त बताए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इतिहास है। उन्होंने कहा कि इतिहास में कांग्रेस की हिस्ट्री देखेंगे। तो जिन्ना का नाम कई जगह आया है। उन्होंने कहा कि या तो उस किताब को जला दिया जाए या उस किताब से नाम हटा दिया जाएं। अखिलेश यादव ने उसी का जिक्र किया है जो कि इतिहास की किताबों में लिखा हुआ है। उन्होंने कहा कि इतिहास को नकारा नहीं जा सकता है और न मिटाया जा सकता है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहीं भी जिन्ना की तारीफ नहीं की है। उन्होंने कहा कि हम चौधरी चरण सिंह के अनुयाई हैं। उनकी नीतियों पर चलने वाले लोग हैं। किसानों के समर्थक है और किसानों का गन्ने से चोली दामन का साथ है।

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Deepak Kumar

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