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Firozabad News : बुखार हुआ बेकाबू, बच्चों को लेकर रोते बिलखते माता पिता, कौन करेगा इलाज

Firozabad News : फिरोजाबाद में वायरल बुखार (Viral Fever) से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है।

Brajesh Rathore
Report Brajesh RathorePublished By Shraddha
Published on: 11 Sep 2021 1:32 PM GMT
अस्पताल के बाहर बच्चों को लिए परिजनों की भीड़
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अस्पताल के बाहर बच्चों को लिए परिजनों की भीड़ 

Firozabad News : फिरोजाबाद (Firozabad) में वायरल बुखार (Viral Fever) से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। मेडिकल कॉलेज (Medical college) प्रशासन की मानें तो अभी तक 429 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं और वार्ड में भर्ती हैं। वहीं सरकारी रिपोर्ट में मृतकों की संख्या 57 पहुंच गई है। मेडिकल कॉलेज के 100 शैया हॉस्पिटल (बच्चा वार्ड) के बाहर जमा हुए लोगों ने आरोप लगाया कि उनके बच्चे को बुखार है और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। बार-बार ओपीडी में जाने के लिए कहते हैं। जो यहां से करीब 500 मीटर की दूरी पर है। ओपीडी में भी भारी भीड़ लगी हुई है।

महिलाएं रोते-रोते कह रही हैं कि उनके बच्चे को बुखार है और डॉक्टर नहीं देख रहे हैं। वहीं कहीं पुरुष गोदी में लिए हुए अपने बीमार बच्चे को देखकर परेशान हैं। वह बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि उनके बच्चे को मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं किया जा रहा है।


रोते परिजन बच्चों को गोदी में लिए हुए लोग


दरअसल ऐसा इसलिए हुआ है कि जिला प्रशासन ने छोटे-छोटे इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्ती कर दी है। बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे प्राइवेट क्लीनिकों को बंद कर दिया। गरीब लोग झोलाछाप डॉक्टर या निजी क्लीनिक से दवाई लेकर बच्चे का इलाज करा रहे थे। अब इनके बंद होने से सारा भार मेडिकल कॉलेज पर आ पड़ा है। इस समय 429 बच्चे भर्ती हैं और बुखार संक्रमित बच्चों के आने का क्रम भी जारी है।

अस्पताल में मौजूद मुन्नी देवी बीमार बच्चे की मां जोर से चिल्लाते हुए रोते हुए कहती है कि हम कहां ले जाएं अपने बच्चे को, यह लोग देख नहीं रहे हैं, हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाएं। ऐसे कई लोग अपनी परेशानी से बेहाल दिख रहे हैं।

अस्पताल की प्राचार्य ने बतायी बच्चों को भर्ती करने की स्थिति

राजकीय मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद की डॉक्टर संगीता अनेजा ने बताया कि हमारे यहां इस समय बेड पर 429 बच्चे मरीज हैं। लगभग 180 पेशेंट रोज आ रहे है। ओपीडी के जो पेशेंट है उनको यहां भेज दिया था अगर कोई सीरियस पेशेंट है तो यहां भर्ती कर रहे हैं। अगर नॉर्मल पेशेंट है हल्का-फुल्का बुखार है तो उसे भर्ती की आवश्यकता नहीं है, जब बच्चों के डॉक्टर को लगता है कि इसको भर्ती की आवश्यकता है तो जरूर करेंगे, अनावश्यक भर्ती करने से कोई फायदा नहीं है। इसीलिए मना किया है।

Shraddha

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