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Firozabad News: लखनऊ स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जाना हाल, व्यवस्था सुधारने का दिया भरोसा

फिरोजाबाद में राजधानी लखनऊ से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्था को परखा।

Brajesh Rathore
Published on: 17 Sept 2021 11:06 PM IST
swasthya vibhag kee teem
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अस्पताल में मरीजों का हाल जानती स्वास्थ्य विभाग की टीम (फोटो-न्यूजट्रैक)

Firozabad News: फिरोजाबाद में फैली की जांच के लिए लखनऊ से पहुंची टीम ने शिकोहाबाद जिला संयुक्त चिकित्सालय का निरीक्षण किया। डायरेक्टर संचारी रोग डॉ. जीएस बाजपेयी के नेतृत्व में डॉ. पीपी सिंह, डॉ. अशोक तल्यान, डॉ. राजेश गुप्ता ने स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जाना। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो फ़िरोज़ाबाद जिले में मौतों का आंकड़ा 61 है। यदि जमीनी हकीकत देखें तो ऐसा कोई गांव नहीं बचा है, जहां पांच से दस मौतें न हुई हों। लगभग सभी घरों का कोई न कोई सदस्य अस्पताल में है। प्रदेश सरकार बार बार हाल जानने को विभाग के अधिकारियों को भेज रहे हैं। अधिकारी हॉस्पिटल आते हैं निरीक्षण करते हैं और चले जाते हैं।

निरीक्षण के लिए आये डायरेक्टर जीएस बाजपेयी ने माना जिले में ड़ेंगू के नाम पर खुले आम लूट की जा रही है, जनता को जागरूक होना पड़ेगा। गांव में बैठे अनराजिस्टर्ड (झोलाछाप) डॉक्टर मरीजों को ज्यादा बीमार कर देते हैं। जब ज्यादा हालत खराब होती है बेबकूफ बनाकर सरकारी अस्पताल भेज देते हैं। जब तक मरीज ठीक होता है उसका इलाज करते गंभीर हालत में सरकारी हॉस्पिटल भेजते हैं।


उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में स्टाफ बढ़ाया जा रहा है। मरीज के बेड पर मच्छरदानी लगाई जाएगी। किसी को परेशानी हो सरकारी अस्पताल मरीज लायें। गांव में ही नीम हकीम से इलाज न कराएं। हॉस्पिटल में अच्छी व्यवस्था है, अच्छा इलाज है, इलाज़ सरकारी हॉस्पिटल में कराएं।

बता दें सरकारी अस्पताल में 100 मरीजों की क्षमता है, जबकि 112 मरीज भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर जीएस बाजपेयी के नेतृत्व में टीम ने मरीजों से सीधे बात की। फाइल चेक की, खाने की व्यवस्था, दवाएं ,जांच रिपोर्ट को भी चेक किया। मरीजों से संवाद स्थापित किया, किस प्रकार की बीमारी है, क्या क्या परेशानी हो रही है।

बता दें कि इन दिनों शहर में तो हर कोई अधिकारी आता है, लेकिन गांव में कोई देखने तक नहीं जाता। कई गांवों में तो मौत का आंकड़ा एक दर्जन से अधिक हो गया है। गांव में पसरा मातम यह बताने के लिए काफी है कि इलाज के अभाव में कितनों ने अपनों को खोया है।



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Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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