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Firozabad News: वायरल बुखार का तांडव, अस्पताल में नहीं किया जा रहा भर्ती

Firojabad News: एक ओर जहां महामारी बढती जा रही है। वहीं हॉस्पिटल में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Ragini Sinha
Published on: 12 Sep 2021 3:29 PM GMT
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यूपी में वायरल बुखार का तांडव, अस्पताल में नहीं किया जा रहा भर्ती (Social Media)

Firozabad News: जिले में डेंगू महामारी ने स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल कर रख दी है। लगातार बढ़ती जा रही मरीजों की संख्या के कारण अब फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों को भर्ती करना भी बंद कर दिया है। आरोप है कि जो गंभीर पेशेंट हैं, उनको भी कहा जा रहा कि ओपीडी में जाकर अपना इलाज कराएं। बता दें कि फिरोजाबाद जिला इन दिनों महामारी की चपेट में है।

400 से अधिक मरीज भर्ती है

स्वास्थ्य विभाग 57 मौतों की पुष्टि भी कर चुका है। लखनऊ और दिल्ली से कई टीमें आकर भी इस बीमारी पर शोध कर रही हैं कि आखिर यह बीमारी क्यों फैल रही है और इस पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है। लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या और उनकी मौतों से सरकार भी चिंतित है। मेडिकल कालेज में अभी 400 से अधिक मरीज भर्ती है।

सीएम योगी ने मरीजों से की थी मुलाकात

30 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद फिरोजाबाद आए थे, जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती डेंगू से पीड़ित मरीजों से मुलाकात की थी। साथ ही डेंगू प्रभावित इलाकों में जाकर यह भी देखा था कि आखिर डेंगू फैलने की वजह क्या है। उन्होंने इस तरह के निर्देश दिए थे कि बीमारी की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। मेडिकल कॉलेज में दवा और डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके बाद मेडिकल कॉलेज को 25 नए डॉक्टर भी मिले हैं। यही नहीं, बीमारी केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है। ज्यादातर गांव भी इस बीमारी की जद में हैं। शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां 50-60 लोग बीमार न हों। मरीजों को राहत देने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर फिरोजाबाद का स्वास्थ्य महकमा गांव-गांव में शिविर लगा रहा है।

मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या ने दी सफाई

इधर, इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या से बात की गई, तो उन्होंने कहा किसी भी मरीज को लौटाने और इलाज न देने की बात गलत है। केवल उन्हीं मरीजों को लौटाया रहा है, जो भर्ती लायक नहीं है। हमारे यहां इमरजेंसी अलग है और ओपीडी अलग है, जो गंभीर मरीज हैं, उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया जाता है उसके बाद भी अगर कोई दिक्कत है तो हम यहाँ 24 घन्टे बैठे है हमें बताएं।

Ragini Sinha

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