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Hathras News: NCC ग्रुप कमांडर ने किया कैंप का निरीक्षण, कैडेटों को दिए टिप्स
एनसीसी के ग्रुप कमांडर ने एनसीसी कैंप का निरीक्षण किया व एनसीसी कैडेटों का उत्साहवर्धन किया।
Hathras News: भारत में एनसीसी को लेकर बच्चों में काफी उत्साह रहता है, बच्चे स्कूल के समय से ही एनसीसी में अपनी सेवाएं देते हैं और अपने आपको सामाजिक सरोकार से जोड़ कर रहते हैं। एनसीसी के तीन सर्टिफिकेट होते हैं ए, बी व सी, जो बच्चा सी सर्टिफिकेट हासिल कर लेता है उसे आर्मी के अफिसर रैंक पर पहुंचने के लिए केवल इंटरव्यू पास करना होता है। उसे लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती है।
एनसीसी ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर राजिन्दर सिंह ने 9 उत्तर प्रदेश वाहिनी एनसीसी, हाथरस का निरीक्षण किया। मुख्यालय, अलीगढ़ से आये ग्रुप कमांण्डर ने कहा कि एनसीसी के जो कैडेट्स 'सी' सर्टिफिकेट हासिल कर लेते हैं उन्हें भर्ती के दौरान रिटेन एग्जाम देने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए रिक्रूटमेंट में इनकी सफलता की चांस अधिक रहते हैं। 'सी'सर्टिफिकेट हासिल करने पर एनसीसी कैडेट्स आर्मी में ऑफिसर बन सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ इंटरव्यू पास करना होता है।
सबसे बड़े युवा संगठन में से एक
ग्रुप कमाण्डर ने बताया कि इस वाहिनी के एनसीसी कैडैटट अनुशासन और ड्रिल में बहुत ही अच्छे है। साथ ही उन्होंने इस वाहिनी के 6 एनसीसी कैडैटों को ग्रुप में सबसे अच्छा कैडैट होने के लिये पुरूस्कृत व प्रोत्साहित किया। अपने सम्बोधन में कैडैटों को बताया कि एनसीसी की शुरूआत 1948 में हुई थी। एनसीसी को सशस्त्र बलों का यूथ विंग कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे बड़े युवा संगठन में से एक है, जहां पर आपको अनुशासन और नेतृत्व के आधार पर प्रशिक्षित किया जाता है।
ये थे मौजूद
इस दौरान 9 उ0प्र0 वाहिनी एनसीसी, हाथरस के कमान अधिकारी कर्नल नवजोत कंग, कर्नल आर के सिंह, सूबेदार मेजर विक्रम सिंह, ले. प्रवीन शर्मा, ले. गोपाल प्रसाद, थर्ड अफसर लोकेश शर्मा, सूबेदार अरविंद, सूबेदार दुली चन्द्र, हवलदार ओमवीर और वरिष्ठ सहायक रश्मि लता, सतीश चन्द्र, राजेन्द्र प्रसाद, विष्णु पाठक, कनिष्ठ सहायक मनोज गंगवार, समस्त लश्कर मौजूद रहे।