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कासगंज पुलिस कांड: अपने ही बयानों में फंसे एसपी, रिटायर्ड आईएएस ट्वीट से किया खुलासा
Kasganj Police Custody Death Row: सूबे के इस समय के सबसे चर्चित कांड पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में कासगंज के एसपी रोहन बोत्रे पुणे के रहने वाले हैं।
Kasganj Police Custody Death Row: सूबे के कासगंज के एसपी रोहन बोत्रे (Kasganj SP Rohan Botre) इस समय चर्चा के प्रमुख केंद्र बने हुए हैं। इसलिये नहीं कि उनके जनपद के थाने की कोतवाली एक आरोपी की पुलिस कस्टडी में हत्या या आत्महत्या हुई है बल्कि इसलिए कि इस केस की जो स्क्रिप्ट उन्होंने मीडिया को सुनाई है, उसे सुनकर सूबे के हर शख्स ने अपना माथा पकड़ लिया है। खुद डीजीपी मुकुल गोयल (DGP Mukul Goyal) भी सोच रहे होंगे कि उनके महकमे का आईपीएस किसी चर्चित कांड की इतनी घटिया स्क्रिप्ट पर विश्वास कर उसे एक रिकॉर्डिड बयान का रूप दे देगा।
सूबे के इस समय के सबसे चर्चित कांड पुलिस हिरासत में युवक की मौत (yuvak ki maut) के मामले में कासगंज (Kasganj) के एसपी रोहन बोत्रे पुणे के रहने वाले हैं। वे 2016 बैच के आईपीएस के अधिकारी हैं। उन्होंने अमेरिका से सिविल इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की है। सूबे के आगरा जनपद में एसपी सिटी रहते हुए उन्होंने कई बड़े मामलों के खुलासे किए हैं। ऐसे में कासगंज एसपी के रूप में उन्होंने अल्ताफ की सन्दिग्ध मौत की जो पटकथा सुनाई है उस कारण से वो आज इस केस से ज्यादा चर्चा में हैं।
एसपी के बयान के बाद खड़े हो गए ये सात सवाल?
(1) जमीन से सिर्फ दाई फुट ऊपर लगे नल से साढ़े पांच फुट के युवक ने कैसे फांसी लगा ली? भाई साढ़े पांच फुट का युवक ढाई फुट के नल से कैसे लटक सकता है। ये थ्योरी एसपी के कैसे समझ मे आ रही है ये बात तो सभी के समझ से परे है।
(2) अगर वो युवक लटका भी होगा तो क्या उसे छटपटाहट नहीं हुई होगी?
(3) अगर छटपटाहट हुई होगी तो क्या उस समय नल ने उसका शरीर के वजन का भार सह लिया होगा?
(4) जानकार डॉक्टर्स बताते हैं कि फंदे से लटके शख्स के पैर अगर जमीन से ऊपर नहीं हैं तो उसकी मौत नहीं हो सकती। पैर जमीन पर रखकर कोई कैसे मर सकता है ये तो सिर्फ पुलिस ही साबित कर सकती है कोई डॉक्टर तो कतई नहीं।
(5)अब सवाल यह है कि अल्ताफ की लंबाई नल की लंबाई से दोगुनी से ज्यादा थी। तो क्या अल्ताफ ने जमीन पर लोट लोट कर जान दे दी, जो सम्भव ही नहीं?
(6) एसपी के अनुसार उसने जैकेट से जुड़ी टोपी में लगी रस्सी के सहारे फंदा लगाया है तो क्या यह वह डोरी इतनी मजबूत थी कि उसके शरीर का भार झेल लेती?
(7) हवालात व वॉशरूम कुछ कदमो की दूरी पर हैं तो क्या उसके आत्महत्या करने के समय बाहर खड़े पुलिसकर्मियों तक कोई आवाज नहीं आयी?
इस केस से जुड़े ये वो सवाल हैं जो एसपी कासगंज के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह का इस मामले में गंभीर ट्वीट
सूबे के रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह (Retired IAS Surya Pratap Singh tweet) ने इस मामले में ट्वीट कर कहा है कि इस कांड की एक घिसीपिटी हुई स्क्रिप्ट पुलिस ने तैयार की है जिस पर एसपी कासगंज ने अपना बयान दे दिया। इस रिटायर्ड आईएएस का कहना है कि इस मामले की अगर पुलिस से हटकर न्यायिक जांच कराई गई तो युवक की सन्दिग्ध मौत का सच सामने आ जाएगा।
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