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Dharmik Sthal: धर्म नगरों में मांस-मदिरा बिक्री पर योगी सरकार सख्त, लागू होंगे नए नियम!
Dharmik Sthal Ke Pass Non Veg Ki Bikri Par Rok : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में जल्द ही मांस और शराब की बिक्री बंद हो जाएगा।
Dharmik Sthal Ke Pass Non Veg Ki Bikri Par Rok : उत्तर प्रदेश की साढे़ चार साल पुरानी योगी सरकार विधानसभा चुनाव के पहले अपने धार्मिक एजेंडे को धार देने के लिए एक बड़ा काम करने जा रही है। राज्य सरकार शराब और मांस का कारोबार करने वालों की काउन्सिलिंग करने का काम करेगी। फिलहाल इसकी शुरूआत भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा से की जाएगी। जहां आसपास के क्षेत्रों वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में जल्द ही मांस और शराब की बिक्री बंद कर इन कार्यों में लगे लोगों का अन्य व्यवसायों में पुनर्वास किया जाएगा।
पवित्र स्थलों पर शराब और मांस की बिक्री पर रोक की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं मथुरा में इस बात की घोषणा की है। योगी ने कहा कि चार साल पहले जब प्रदेश में भाजपा सरकार का गठन हुआ था तभी वहां के सात पवित्र स्थलों को राजकीय रूप से तीर्थस्थल घोषित किया गया था। अब जनता की कामना है कि इन पवित्र स्थलों पर शराब और मांस की बिक्री न की जाए, तो मैं आश्वस्त करता हूं कि ऐसा ही होगा।
दरअसल राज्य सरकार की मंशा है ऐसे धार्मिक स्थलों वाले शहरों में मांस मदिरा पर रोक लगे जहां पर लोगों की आस्थाएं जुड़ी हैं। इसलिए शासन चाहता है कि इस व्यवसाय से जुडे लोगों को दूसरे व्यवसाय में लगाया जाना चाहिए। अब जैसे मथुरा के आसपास भगवान श्रीकृष्ण का जहां बचपन व्यतीत हुआ, मांस मदिरा बेचने वालों को उनके इस व्यवसाय से हटाकर उन्हे दुग्धपालन के क्षेत्र में आगे बढाने का काम किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया है कि हमारा मकसद किसी को उजाड़ना नहीं है. बस, व्यवस्थित पुनर्वास करना है और व्यवस्थित पुनर्वास के काम में इन पवित्र स्थलों को इस दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है।
योगी सरकार धार्मिक स्थलों को लेकर तैयार
जानकारी के अनुसार जिस नगर निगम क्षेत्र में मांस मदिरा की बिक्री पर रोक लगाना होता है। तो वहां का नगर निगम एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजता है। जिसके बाद ही शासन उस पर फैसला लेता है। इसके पहले एक प्रस्ताव वाराणसी नगर निगम की कार्यकारी बैठक में भी एक प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। जिसमें कहा गया है कि वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहर और मंदिरों की 250 मीटर की परिधि तक किसी भी प्रकार के मांसाहार और मदिरा की दुकान पर प्रतिबंध लगा दिया जाये।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और मदिरा के प्रयोग पर रोक है। मध्यप्रदेश महाराष्ट्र उत्तराखण्ड आदि राज्यों में मंदिरो के आसपास मांस मदिरा की बिक्री पर रोक है। अभी कुछ महीनों पहले उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गयी थी जिसमें वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर के आसपास मांस और मदिर की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गयी थी।